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तरबूज-खरबूज उगाने वाले किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट, ये है वजह

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में तरबूज और खरबूजे की खेती करने वाले किसान परेशान हैं. इस बार फसल मंडी ले जाकर भी वापस लानी पड़ी.

हाथरसः
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Published : Jun 14, 2021, 10:28 AM IST

हाथरसः लॉकडाउन से भले ही मुक्ति मिल गई हो लेकिन तरबूज और खरबूजे की खेती करने वाले किसान बदहाल हो चुके हैं. मुनाफा तो छोड़िए उन्हें इस बार लागत भी नहीं मिली है. हाथरस में किसानों की अधिकांश फसल खेतों में पककर, वहीं सड़ गई. किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. किराए पर खेत लेकर खेती करने वाला किसान तो पूरी तरह ही बर्बाद हो गया है.

दरअसल, कोरोना काल में लगे कर्फ्यू के दौरान खरबूज, तरबूज की फसल पैदा करने वालों को बाजार के अभाव में खरीदार नहीं मिले. किसानों के सामने फसल बेचने की समस्या बनी रही. किसानों की मानें तो खेत किराए पर लेकर तरबूज और खरबूजे की खेती की है लेकिन फसल खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं.

किसानों के सामने संकट
उनका कहना हैं बाजार बंद होने के कारण मंडी में खरीददार नहीं आए. स्थानीय स्तर पर भी मांग कम रही है. इस कारण फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही हैं. उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो रही.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना महामारी को मिटाएगा महामृत्युंजय जप!

एक किसान राहुल ने बताया कोरोना महामारी के दौरान लगे आंशिक लॉकडाउन की वजह से उनकी तरबूजे-खरबूजे की फसल खेत में ही सड़ रही है. मंडी ले जाते थे लेकिन वहां बिक नहीं पाती थी. वापस लाना पड़ता था. फसल सड़ती रही. वहीं दूसरे किसान शिवलाल ने बताया कि अबकी बार इस पैदावार का कोई फायदा नहीं हुआ.

इसे भी पढ़ेंः होनी थी हरियाली, दिख रहा मलबा और कूड़ा

हाथरसः लॉकडाउन से भले ही मुक्ति मिल गई हो लेकिन तरबूज और खरबूजे की खेती करने वाले किसान बदहाल हो चुके हैं. मुनाफा तो छोड़िए उन्हें इस बार लागत भी नहीं मिली है. हाथरस में किसानों की अधिकांश फसल खेतों में पककर, वहीं सड़ गई. किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. किराए पर खेत लेकर खेती करने वाला किसान तो पूरी तरह ही बर्बाद हो गया है.

दरअसल, कोरोना काल में लगे कर्फ्यू के दौरान खरबूज, तरबूज की फसल पैदा करने वालों को बाजार के अभाव में खरीदार नहीं मिले. किसानों के सामने फसल बेचने की समस्या बनी रही. किसानों की मानें तो खेत किराए पर लेकर तरबूज और खरबूजे की खेती की है लेकिन फसल खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं.

किसानों के सामने संकट
उनका कहना हैं बाजार बंद होने के कारण मंडी में खरीददार नहीं आए. स्थानीय स्तर पर भी मांग कम रही है. इस कारण फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही हैं. उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो रही.

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एक किसान राहुल ने बताया कोरोना महामारी के दौरान लगे आंशिक लॉकडाउन की वजह से उनकी तरबूजे-खरबूजे की फसल खेत में ही सड़ रही है. मंडी ले जाते थे लेकिन वहां बिक नहीं पाती थी. वापस लाना पड़ता था. फसल सड़ती रही. वहीं दूसरे किसान शिवलाल ने बताया कि अबकी बार इस पैदावार का कोई फायदा नहीं हुआ.

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