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हाथरस: चालक और क्लीनर को बनाया गया बंधक, छोड़ने के लिए 7 लाख की मांग - जिला अधिकारी

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में चालक और क्लीनर से एक एक्सीडेंट होने की वजह से स्थानीय लोगों ने दोनों को बंधक लिया. दुर्घटना में किसी को चोट भी नहीं आई थी. दोनों को छोड़ने के लिए साथ लाख रुपये की मांग करने लगे.

बंधन मुक्त हुए युवक.
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Published : Aug 19, 2019, 3:11 PM IST

हाथरस: कस्बा सिकंदराराऊ के मटकोट के चालक और क्लीनर एक साथ डीसीएम कैंटर लेकर इंफाल मणिपुर गए हुए थे. वहां एक एक्सीडेंट के बाद दोनों को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया. इनके बाद परिवार से सात लाख रुपए की मांग करने लगे. चालक के पिता को आशंका थी कि कहीं उसके बेटे और क्लीनर की हत्या न हो जाए.

मामले की जानकारी देते जिला अधिकारी.

इसकी जानकारी उसने हाथरस के जिलाधिकारी को दी. जिलाधिकारी ने प्रयास कर दोनों युवकों को वहां के लोकल प्रशासन की मदद से बंधन मुक्त कराया. उनके परिवार के लोग उन्हें वापस लाने के लिए गए हैं.

युवक को बंधक बना कर सात लाख की मांग-

  • कस्बा सिकंदराराऊ के राकेश शर्मा का बेटा रेशू शर्मा ट्रक चालक है.
  • एक क्लीनर को साथ लेकर करीब छह दिन पहले डीसीएम कैंटर लेकर इंफाल मणिपुर के लिए निकला था.
  • एक एक्सीडेंट हुआ जिसमें किसी को चोट भी नहीं आई.
  • स्थानीय लोगों ने दोनों लोगों को बंधक बना लिया.
  • दोनों को छोड़ने की एवज में साथ लाख की मांग की.
  • यह बात चालक रेशू के पिता राकेश शर्मा ने जिलाधिकारी को बताई.
  • जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंफाल मणिपुर के स्थानीय पुलिस और प्रशासन से संपर्क किया.
  • जहां दोनों को बंधक मुक्त कराने के लिए रेस्क्यू हुआ और 17 अगस्त की रात दोनों को मुक्त करा कर थाने लाया गया.

मणिपुर में उन्होंने किसी गाड़ी का एक्सीडेंट कर दिया था . दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी पजेरो के मालिक आदि लोगों ने दोनों को बंधक बना लिया था उनसे मारपीट की. इस लड़के के पिता मेरे पास आए थे. मैंने वहां मणिपुर के स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया 24 घंटे के अंदर लड़कों का रेस्क्यू हुआ.
-प्रवीण कुमार, जिला अधिकारी

हाथरस: कस्बा सिकंदराराऊ के मटकोट के चालक और क्लीनर एक साथ डीसीएम कैंटर लेकर इंफाल मणिपुर गए हुए थे. वहां एक एक्सीडेंट के बाद दोनों को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया. इनके बाद परिवार से सात लाख रुपए की मांग करने लगे. चालक के पिता को आशंका थी कि कहीं उसके बेटे और क्लीनर की हत्या न हो जाए.

मामले की जानकारी देते जिला अधिकारी.

इसकी जानकारी उसने हाथरस के जिलाधिकारी को दी. जिलाधिकारी ने प्रयास कर दोनों युवकों को वहां के लोकल प्रशासन की मदद से बंधन मुक्त कराया. उनके परिवार के लोग उन्हें वापस लाने के लिए गए हैं.

युवक को बंधक बना कर सात लाख की मांग-

  • कस्बा सिकंदराराऊ के राकेश शर्मा का बेटा रेशू शर्मा ट्रक चालक है.
  • एक क्लीनर को साथ लेकर करीब छह दिन पहले डीसीएम कैंटर लेकर इंफाल मणिपुर के लिए निकला था.
  • एक एक्सीडेंट हुआ जिसमें किसी को चोट भी नहीं आई.
  • स्थानीय लोगों ने दोनों लोगों को बंधक बना लिया.
  • दोनों को छोड़ने की एवज में साथ लाख की मांग की.
  • यह बात चालक रेशू के पिता राकेश शर्मा ने जिलाधिकारी को बताई.
  • जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंफाल मणिपुर के स्थानीय पुलिस और प्रशासन से संपर्क किया.
  • जहां दोनों को बंधक मुक्त कराने के लिए रेस्क्यू हुआ और 17 अगस्त की रात दोनों को मुक्त करा कर थाने लाया गया.

मणिपुर में उन्होंने किसी गाड़ी का एक्सीडेंट कर दिया था . दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी पजेरो के मालिक आदि लोगों ने दोनों को बंधक बना लिया था उनसे मारपीट की. इस लड़के के पिता मेरे पास आए थे. मैंने वहां मणिपुर के स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया 24 घंटे के अंदर लड़कों का रेस्क्यू हुआ.
-प्रवीण कुमार, जिला अधिकारी

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एंकर- हाथरस के कस्बा सिकंदराराऊ के मटकोट के चालक व क्लीनर के साथ डीसीएम कैंटर लेकर इंफाल मणिपुर गए हुए थे।वहां एक एक्सीडेंट के बाद दोनों को स्थानीय लोगों ने बंधक बनाकर इनके परिवार से सात लाख रुपए की मांग की थी।चालक के पिता को आशंका थी कि कहीं उसके बेटे और क्लीनर की हत्या न हो जाए।इसकी जानकारी उसने हाथरस के जिलाधिकारी को दी।जिला अधिकारी ने प्रयास कर दोनों युवकों को वहां के लोकल प्रशासन की मदद से बंधन मुक्त कराया है। उनके परिवार के लोग उन्हें वापस लाने के लिए गए हैं।


Body:वीओ1-कस्बा सिकंदराराऊ के राकेश शर्मा का बेटा रेशू शर्मा ट्रक चालक है ।एक क्लीनर को साथ लेकर करीब छह दिन पहले डीसीएम कैंटर लेकर इंफाल मणिपुर के लिए निकला था। वहां एक दुर्घटना जिसमें किसी को चोट भी नहीं आई थी दोनों लोगों को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया था। दोनों को छोड़ने की एवज में साथ लाख की मांग की थी।यह बात चालक रेशू के पिता राकेश शर्मा ने जिलाधिकारी को बताई। जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंफाल मणिपुर के स्थानीय पुलिस व प्रशासन से संपर्क किया। जहां दोनों को बंधक मुक्त कराने के लिए रेस्क्यू हुआ। जिसके बाद 17 अगस्त की रात दोनों को मुक्त करा कर थाने लाया गया। दोनों के परिजन उन्हें वापस लेने के लिए गए हुए हैं। जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि मणिपुर में उन्होंने किसी गाड़ी का एक्सीडेंट कर दिया था ।दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी पजेरो के मालिक आदि लोगों ने दोनों को बंधक बना लिया था उनसे मारपीट की। उन्होंने बताया कि इस लड़के के पिता मेरे पास आए थे। मैंने वहां मणिपुर के स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया 24 घंटे के अंदर लड़कों का रेस्क्यू हुआ। दोनों लड़के मणिपुर की नोने पुलिस स्टेशन पर सुरक्षित रूप से आ चुके हैं। परिवार के लोगों ने लेने जा चुके हैं जिलाधिकारी ने बताया कि नोने के एसपी और एक अन्य आईपीएस हेमंत का सराहनीय सहयोग रहा जिस वजह से वह दोनों लड़के बंधन मुक्त हुए हैं।


Conclusion:वीओ2-अब लोगों को उनके यहां वापस लौटने जा इंतजार है।जिलाधिकारी की इस पहल की हर तरफ चर्चा और तारीफ हो रही है।

नोट-बंधन मुक्त लड़कों की फ़ोटो ओर विज्ञप्ति व्रैप पर है।
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