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हरदोई: बीजेपी पदाधिकारियों ने निजी विद्यालयों पर लगाया फीस मांगने का आरोप - हरदोई ताजा खबर

यूपी के हरदोई में निजी विद्यालयों द्वारा अभिवावकों से तीन माह की फीस मांगे जाने को लेकर बीजेपी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंपा है. वहीं फीस न देने पर बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित करने की धमकी दी जा रही है.

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बीजेपी के पदाधिकारियों ने निजी विद्यालयों पर लगाया फीस मांगने का आरोप
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Published : Jul 4, 2020, 1:59 AM IST

हरदोई: जिले में शुक्रवार को भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक और अन्य बीजेपी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंप कर अपनी समस्याएं बताईं. ये समस्या अभिवावकों से जुड़ी हुई हैं. जिनके बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. आरोप है कि जिले के तमाम निजी विद्यालयों द्वारा अभिवावकों के ऊपर तीन माह की फीस एक साथ मांगी जा रही है. जिससे कि लॉकडाउन में परेशान अभिवावक व व्यापारी के ऊपर दोहरी मार पड़ रही है. वहीं फीस न देने पर बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित करने की धमकी देने जैसे आरोप भी बीजेपी के पदाधिकारियों ने लगाए.

कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को बीजेपी के तीन से चार पदाधिकारियों ने अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए एक ज्ञापन पत्र सौंपा. दअरसल, बीजेपी से व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक आनंद शेखर पांडे और अन्य तीन पदाधिकार शुक्रवार को निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगाए जाने की मांग को लेकर लामबंद हुए और अपना आक्रोश व्यक्त किया. व्यापारी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी एक अभिवावक के तौर पर भी ज्ञापन सौंपने मुख्यालय पहुंचे. आरोप है कि उनके बच्चों के साथ ही जिले के अन्य अभिवावकों के बच्चे भी निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

वहीं इस बीच लॉकडाउन में आम आदमी से लेकर व्यापारी व अन्य वैसे ही आर्थिक रूप से परेशान चल रहे हैं. उस पर निजी विद्यालयों द्वारा नियमों से हटकर तीन माह की फीस एक साथ जमा कराए जाने के फरमान ने अभिवावकों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है. आरोप है कि अप्रैल, मई व जून माह की फीस अगर 10 जून तक नहीं जमा की गई, तो निजी विद्यालयों के जिम्मेदारों ने उन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित कर देने की धमकी भी अभिवावकों को दी गई है.

टीसी के नाम पर तीन माह की फीस मांगने का आरोप

आनंद शेखर ने उदाहरण के तौर पर शहर के बाल विद्या भवन स्कूल में पढ़ने वाले एक कक्षा 8 के छात्र की बात बताई. उन्होंने कहा कि अभिजीत त्रिपाठी पुत्र राजीव त्रिपाठी कक्षा आठ का छात्र है और उसके अभिवावक उसे किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते हैं. इस पर जब ये पीड़ित अभिवावक बाल विद्या भवन बच्चे की टीसी लेने पहुंचे, तो वहां टीसी देने से पहले तीन माह की फीस मांगे जाने का दबाव डाला गया. उधर वे जिस निजी विद्यालय महर्षि विद्या मंदिर में अपने बच्चे को अब दाखिल करवाना चाहते हैं. वहां दाखिले से पहले इन तीन महीनों अप्रैल, मई व जून की फीस मांगी जा रही है. बीजेपी के जिला संयोजक ने कहा कि आलम अगर ऐसा ही रहा तो आम लोगों के ऊपर दोहरी मार पड़ेगी. इसी समस्या से निजात पाने व निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को बीजेपी के इन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंपा.

हरदोई: जिले में शुक्रवार को भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक और अन्य बीजेपी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंप कर अपनी समस्याएं बताईं. ये समस्या अभिवावकों से जुड़ी हुई हैं. जिनके बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. आरोप है कि जिले के तमाम निजी विद्यालयों द्वारा अभिवावकों के ऊपर तीन माह की फीस एक साथ मांगी जा रही है. जिससे कि लॉकडाउन में परेशान अभिवावक व व्यापारी के ऊपर दोहरी मार पड़ रही है. वहीं फीस न देने पर बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित करने की धमकी देने जैसे आरोप भी बीजेपी के पदाधिकारियों ने लगाए.

कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को बीजेपी के तीन से चार पदाधिकारियों ने अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए एक ज्ञापन पत्र सौंपा. दअरसल, बीजेपी से व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक आनंद शेखर पांडे और अन्य तीन पदाधिकार शुक्रवार को निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगाए जाने की मांग को लेकर लामबंद हुए और अपना आक्रोश व्यक्त किया. व्यापारी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी एक अभिवावक के तौर पर भी ज्ञापन सौंपने मुख्यालय पहुंचे. आरोप है कि उनके बच्चों के साथ ही जिले के अन्य अभिवावकों के बच्चे भी निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

वहीं इस बीच लॉकडाउन में आम आदमी से लेकर व्यापारी व अन्य वैसे ही आर्थिक रूप से परेशान चल रहे हैं. उस पर निजी विद्यालयों द्वारा नियमों से हटकर तीन माह की फीस एक साथ जमा कराए जाने के फरमान ने अभिवावकों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है. आरोप है कि अप्रैल, मई व जून माह की फीस अगर 10 जून तक नहीं जमा की गई, तो निजी विद्यालयों के जिम्मेदारों ने उन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित कर देने की धमकी भी अभिवावकों को दी गई है.

टीसी के नाम पर तीन माह की फीस मांगने का आरोप

आनंद शेखर ने उदाहरण के तौर पर शहर के बाल विद्या भवन स्कूल में पढ़ने वाले एक कक्षा 8 के छात्र की बात बताई. उन्होंने कहा कि अभिजीत त्रिपाठी पुत्र राजीव त्रिपाठी कक्षा आठ का छात्र है और उसके अभिवावक उसे किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते हैं. इस पर जब ये पीड़ित अभिवावक बाल विद्या भवन बच्चे की टीसी लेने पहुंचे, तो वहां टीसी देने से पहले तीन माह की फीस मांगे जाने का दबाव डाला गया. उधर वे जिस निजी विद्यालय महर्षि विद्या मंदिर में अपने बच्चे को अब दाखिल करवाना चाहते हैं. वहां दाखिले से पहले इन तीन महीनों अप्रैल, मई व जून की फीस मांगी जा रही है. बीजेपी के जिला संयोजक ने कहा कि आलम अगर ऐसा ही रहा तो आम लोगों के ऊपर दोहरी मार पड़ेगी. इसी समस्या से निजात पाने व निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को बीजेपी के इन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन पत्र जिलाधिकारी को सौंपा.

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