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हरदोई: जिला महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, बेसुध हुए जिम्मेदार - hardoi women district hospital

हरदोई में बना महिला जिला अस्पताल वर्तमान समय में अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है. यहां बने शिशु पालना गृह में जहां आया तक उपलब्ध नहीं है तो वहीं अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जबकि प्रशासन समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन देने में लगा हुआ है.

जिला महिला अस्पताल सुविधाएं नदारद.
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Published : Nov 17, 2019, 7:56 AM IST

हरदोई: महिला अस्पताल से आए दिन कभी मरीजों को इलाज न मिलना तो कभी डॉक्टरों की लापरवाही से मौत जैसे मामले आ रहे हैं. अस्पताल में मौजूद हेल्प डेस्क खाली पड़ा हुआ है और शिशु पालना गृह कबाड़ घर बना हुआ है. इस पर अस्पताल प्रशासन सिर्फ और सिर्फ समाधान का कोरा आश्वासन देने में लगा हुआ है.

जिला महिला अस्पताल सुविधाएं नदारद.

महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार
जिले का महिला अस्पताल अपनी लापरवाहियों को लेकर अब आए दिन चर्चाओं में रहने लगा है. हाल ही में यहां प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने निरीक्षण किया था, जिसमें तमाम खामियां भी सामने आईं थीं. प्रमुख सचिव ने यहां आने-जाने वाले सामान के ब्यौरे में हेर-फेर को लेकर और अस्पताल परिसर में पसरी गंदगी को लेकर जिम्मेदारों को फटकार भी लगाई थी.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई में भाजपा का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन, कहा- राहुल गांधी मांगें माफी

बंद पड़ा है हेल्प डेस्क
प्रमुख सचिव ने लचर प्रबंधन को दुरुस्त करने के भी निर्देश जारी किए थे. इसके बावजूद भी आज यहां मौजूद हेल्प डेस्क विगत लंबे समय से बंद पड़ी हुई है. हेल्प डेस्क से अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों को अस्पताल के संबंध में तमाम सूचनाएं प्राप्त होती हैं, लेकिन इस महिला अस्पताल में एक भी हेल्प डेस्क संचालित नहीं है.

यहां मौजूद शिशु पालना गृह भी अस्पताल बनने के बाद से बदहाल पड़ा हुआ है. इसे नवजात शिशुओं के लिए बनाया जाता है, लेकिन इसकी हालात देखकर कोई भी यहां के पालने में अपने बच्चे को रखना लाजमी नहीं समझेगा. इतना ही नहीं यहां के शिशु पालना गृह में एक भी आया की तैनाती तक नहीं है और न ही लाइट और पंखे की व्यवस्था की गई है.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: धान क्रय केंद्र के औचक निरीक्षण में गायब मिले प्रभारी, डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण

हेल्प डेस्क पर ऑपरेटर की तैनाती है, लेकिन यहां बने शिशु पालना गृह में आज तक कोई लावारिस बच्चे को छोड़ कर गया नहीं है. आपके द्वारा यह बात संज्ञान में आई है तो हम मामले पर कार्रवाई करेंगे.
-राजेन्द्र सिंह, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल

हरदोई: महिला अस्पताल से आए दिन कभी मरीजों को इलाज न मिलना तो कभी डॉक्टरों की लापरवाही से मौत जैसे मामले आ रहे हैं. अस्पताल में मौजूद हेल्प डेस्क खाली पड़ा हुआ है और शिशु पालना गृह कबाड़ घर बना हुआ है. इस पर अस्पताल प्रशासन सिर्फ और सिर्फ समाधान का कोरा आश्वासन देने में लगा हुआ है.

जिला महिला अस्पताल सुविधाएं नदारद.

महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार
जिले का महिला अस्पताल अपनी लापरवाहियों को लेकर अब आए दिन चर्चाओं में रहने लगा है. हाल ही में यहां प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने निरीक्षण किया था, जिसमें तमाम खामियां भी सामने आईं थीं. प्रमुख सचिव ने यहां आने-जाने वाले सामान के ब्यौरे में हेर-फेर को लेकर और अस्पताल परिसर में पसरी गंदगी को लेकर जिम्मेदारों को फटकार भी लगाई थी.

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बंद पड़ा है हेल्प डेस्क
प्रमुख सचिव ने लचर प्रबंधन को दुरुस्त करने के भी निर्देश जारी किए थे. इसके बावजूद भी आज यहां मौजूद हेल्प डेस्क विगत लंबे समय से बंद पड़ी हुई है. हेल्प डेस्क से अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों को अस्पताल के संबंध में तमाम सूचनाएं प्राप्त होती हैं, लेकिन इस महिला अस्पताल में एक भी हेल्प डेस्क संचालित नहीं है.

यहां मौजूद शिशु पालना गृह भी अस्पताल बनने के बाद से बदहाल पड़ा हुआ है. इसे नवजात शिशुओं के लिए बनाया जाता है, लेकिन इसकी हालात देखकर कोई भी यहां के पालने में अपने बच्चे को रखना लाजमी नहीं समझेगा. इतना ही नहीं यहां के शिशु पालना गृह में एक भी आया की तैनाती तक नहीं है और न ही लाइट और पंखे की व्यवस्था की गई है.

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हेल्प डेस्क पर ऑपरेटर की तैनाती है, लेकिन यहां बने शिशु पालना गृह में आज तक कोई लावारिस बच्चे को छोड़ कर गया नहीं है. आपके द्वारा यह बात संज्ञान में आई है तो हम मामले पर कार्रवाई करेंगे.
-राजेन्द्र सिंह, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 991994125

एंकर--जिले का महिला अस्पताल इस दौरान लापरवाहियों की चरम सीमा पार करने पर तुला है।कभी मरीजों को इलाज न मिलना तो कभी डॉक्टरों की लापरवाही से मौत जैसे मामले आये दिन संज्ञान में आ रहे हैं।वहीं अब यहां मौजूद हेल्प डेस्क जो कि एक अस्पताल में अहम किरदार निभाती है, वो खाली पड़ी हुई है।वहीं यहां बने शिशु पालना ग्रह भी अस्पताल बनने के बाद से कबाड़ घर बना हुआ पड़ा है।इस पर जिम्मेदार मामले की लीपापोती कर समाधान का कोरा आश्वासन देने में लगे हुए हैं।




Body:वीओ--1--हरदोई जिले का महिला अस्पताल अपनी लापरवाहियों को लेकर अब आये दिन चर्चाओं में रहने लगा है।यहां मौजूद संसाधनों व सुविधाओं का बखान करने वाले जिम्मेदार अब कैमरे का सामना करने से कतराने लगे हैं तो यहां पसरी अव्यवस्थाओं के ऊपर लीपा पोती करने से भी नहीं चूक रहे हैं।हालही में यहां प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने निरीक्षण भी किया था जिसमें तमाम खामियां भी सामने आईं थीं।प्रमुख सचिव ने यहां आने जाने वाले सामान के ब्यौरे में हेर फेर पर तो अस्पताल में पसरी गंदगी को लेकर जिम्मेदारों की फटकार भी लगाई थी।वहीं लचर प्रबंधन को दुरुस्त करने के निर्देश भी जारी किए थे।इसके बावजूद भी आज यहां मौजूद हेल्प डेस्क विगत लंबे समय से बंद पड़ी हुई है।जबकि एक अस्पताल में एक अहम जगह हेल्प डेस्क की ही होती है।जहां अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों को अस्पताल के संबंध में तमाम सूचनाएं प्राप्त होती हैं।लेकिन इस सौ शैया महिला अस्पताल में एक भी हेल्प डेस्क संचालित नहीं है।

वीओ--2--वहीं यहां मौजूद शिशु पालना ग्रह भी अस्पताल बनने के बाद से बदहाल और बंद पड़ा हुआ है।इसे लावारिस नवजात शिशुओं के लिए बनाया जाता है।लेकिन इसकी हालात देकेह कोई भी यहां मौजूद पालने में बच्चे को रखना लाज़मी नहीं समझेगा।जैसा कि आप तस्वीरों में देकेह सकते हैं कि यहां न ही तो किसी आया कि तैनाती है और न ही लाइट और पंखे की व्यवस्था।वहीं यहां मौजूद पालने में पानी की बोतलें व खाली चाय की गिलासे जरूर देखने को मिली।तो मौजूदा जिम्मेदारों ने ईटीवी की टीम को यहां पाकर तत्काल इस शिशु पालना ग्रह की साफ सफाई करवाना शुरू करवा दिया।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--3--वहीं अस्पताल के सीएमएस राजेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि हेल्प डेस्क पर ऑपरेटर की तैनाती है लेकिन यहां बनी हेल्प डेस्क विंडो पर हेल्प डेस्क लिखा तो है लेकिन यहां लोग किससे और कैसे बात करेंगे इसके कोई इंतजाम नहीं देखने को मिले।तो शिशु पालना ग्रह को भी सुधारने का कोरा आश्वाशन जरूर दिया।

बाईट--राजेन्द्र सिंह--सीएमएस जिला महिला अस्पताल
पीटूसी


Conclusion:
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