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हमीरपुर उपचुनाव: बारिश के बीच छाता लेकर वोट डालने निकले जागरूक मतदाता

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Published : Sep 23, 2019, 12:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग चल रही है. सुबह शुरू हुई वोटिंग के साथ बारिश भी हो रही है, लेकिन मतदाता बारिश में भी छाता लेकर मतदान करने आ रहे हैं.

हमीरपुर में छाता लेकर वोट डालने निकले जागरूक मतदाता.

हमीरपुरः सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मतदान की रफ्तार को बाधित जरूर किया है, लेकिन जागरूक मतदाताओं के कदम यह बारिश रोक नहीं पाई.

हमीरपुर में छाता लेकर वोट डालने निकले जागरूक मतदाता.

बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बारिश के बावजूद जागरूक मतदाता छाता लेकर मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं और अपने क्षेत्र के विकास के लिए मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध भी किए गए हैं.

पढ़ेंः- हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में 9 प्रत्याशी आजमाएंगे भाग्य

आजादी के बाद से बुंदेलखंड रहा उपेक्षित
अपने मताधिकार का प्रयोग करने मॉडल बूथ श्री विद्या मंदिर में पहुंचे 65 वर्षीय अवस्थी कहते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. आजादी के बाद से बुंदेलखंड का जिला हमीरपुर विकास से उपेक्षित रहा. इस इलाके का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया. यमुना और बेतवा नदी पर पुल भी आजादी के 26 वर्ष बाद बने. बाढ़ से बचाव के लिए योजनाएं तो बनीं, लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो सका. रेलवे स्टेशन से मुख्यालय आज तक जुड़ा नहीं है, इसलिए अबकी बार जनता विकास कराने वाले को ही विधानसभा में आवाज बुलंद करने के लिए चुनेगी.

विकास के नाम पर हो रहा मतदान
वहीं मतदान करने पहुंचे रमाशंकर ने कहा कि लोकतंत्र की व्यवस्था कायम रखने एवं आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. वहीं वोट डालने पहुंचे अरुण शुक्ला का कहना है कि वे विकास को रफ्तार देने के लिए बारिश के बावजूद वोट डालने आए हैं. उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग बेरोजगारी, भ्रष्टाचार एवं अन्ना प्रथा के खात्मे के लिए किया है.

हमीरपुरः सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मतदान की रफ्तार को बाधित जरूर किया है, लेकिन जागरूक मतदाताओं के कदम यह बारिश रोक नहीं पाई.

हमीरपुर में छाता लेकर वोट डालने निकले जागरूक मतदाता.

बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बारिश के बावजूद जागरूक मतदाता छाता लेकर मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं और अपने क्षेत्र के विकास के लिए मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध भी किए गए हैं.

पढ़ेंः- हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में 9 प्रत्याशी आजमाएंगे भाग्य

आजादी के बाद से बुंदेलखंड रहा उपेक्षित
अपने मताधिकार का प्रयोग करने मॉडल बूथ श्री विद्या मंदिर में पहुंचे 65 वर्षीय अवस्थी कहते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. आजादी के बाद से बुंदेलखंड का जिला हमीरपुर विकास से उपेक्षित रहा. इस इलाके का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया. यमुना और बेतवा नदी पर पुल भी आजादी के 26 वर्ष बाद बने. बाढ़ से बचाव के लिए योजनाएं तो बनीं, लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो सका. रेलवे स्टेशन से मुख्यालय आज तक जुड़ा नहीं है, इसलिए अबकी बार जनता विकास कराने वाले को ही विधानसभा में आवाज बुलंद करने के लिए चुनेगी.

विकास के नाम पर हो रहा मतदान
वहीं मतदान करने पहुंचे रमाशंकर ने कहा कि लोकतंत्र की व्यवस्था कायम रखने एवं आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. वहीं वोट डालने पहुंचे अरुण शुक्ला का कहना है कि वे विकास को रफ्तार देने के लिए बारिश के बावजूद वोट डालने आए हैं. उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग बेरोजगारी, भ्रष्टाचार एवं अन्ना प्रथा के खात्मे के लिए किया है.

Intro:विकास के लिए छाता लेकर वोट डालने निकले जागरूक मतदाता

हमीरपुर। हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर सोमवार को उपचुनाव के लिए हो रहे मतदान की रफ्तार सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने बाधित जरूर की है, लेकिन जागरूक मतदाताओं के कदम यह बारिश नहीं रोक पाई। बारिश के बावजूद मतदाता छाता लेकर मतदान केंद्रों में पहुंच रहे हैं और अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।


Body:अपने मताधिकार का प्रयोग करने मॉडल बूथ श्री विद्या मंदिर में पहुंचे 65 वर्षीय अवस्थी कहते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। आजादी के बाद से बुंदेलखंड का जिला हमीरपुर विकास से उपेक्षित रहा। इस इलाके का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया। यमुना और बेतवा नदी पर पुल भी आजादी के 26 वर्ष बाद बने। बाढ़ से बचाव के लिए योजनाएं तो बनी लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो सका। रेलवे स्टेशन से मुख्यालय आज तक जुड़ा नहीं है, इसलिए अबकी बार जनता विकास कराने वाले को ही विधानसभा में आवाज बुलंद करने के लिए चुनेगी।


Conclusion:65 वर्ष ही रमाशंकर कहते हैं कि लोकतंत्र की व्यवस्था कायम रखने एवं आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। वहीं वोट डालने पहुंचे अरुण शुक्ला का कहना है कि वे विकास रफ्तार देने के लिए बारिश के बावजूद वोट डालने आए हैं। उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग बेरोजगारी, भ्रष्टाचार एवं अन्ना प्रथा के खात्मे के लिए डाला है।


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नोट : पहली बाइट महेश अवस्थी की, दूसरी बाइट रमाशंकर की एवं तीसरी बाइट अरुण शुक्ला की है।
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