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हमीरपुर: छेड़छाड़ के आरोपी को अदालत ने एक माह के भीतर सुनाई पांच साल की सजा

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में पाॅक्सो एक्ट के तहत छेड़छाड़ के आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. अदालत के इस फैसले को पाॅक्सो एक्ट के तहत अब तक के सुनाए गए फैसलों में से सबसे कम समय में सुनाया गया फैसला माना जा रहा है.

अदालतने सुनाई छेड़छाड़ के आरोपी को 5 साल की सजा.
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Published : Nov 18, 2019, 11:47 PM IST

हमीरपुर: पाॅक्सो एक्ट के तहत तेजी से सुनवाई करते हुए अदालत ने एक माह के भीतर छेड़छाड़ के आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. चिकासी थानाक्षेत्र के एक गांव के निवासी युवक ने गांव की ही दो मासूमों के साथ छेड़खानी करने के मामले में अदालत ने यह सजा सुनाई है. मासूमों के साथ हुए अपराध में पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए सात दिनों में चार्जसीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दी थी.

मासूमों के साथ की थी छेड़खानी
बीते महीने अक्टूबर की 18 तारीख की शाम तीन-चार बजे चिकासी थानाक्षेत्र के एक गांव में तीन मासूम बच्चियां खेल रही थी, जिनमें एक की उम्र छह वर्ष, दूसरी बच्ची की तीन वर्ष और तीसरी बच्ची चार वर्ष की थी. उसी समय गांव का 40 वर्षीय छिद्दू वहां आया और उन्हें मूंगफली का लालच देकर खेत में लगे एक निजी नलकूप की ओर ले जाने लगा.

पीड़ित की मां ने कराई मामले की रिपोर्ट
बीच रास्ते से छह वर्षीय मासूम वापस भाग आई और तीन वर्षीय बच्ची की मां से बताया. तब पीड़िता की मां नलकूप की ओर गई तो रास्ते में एक खेत के पास छिद्दू को आपत्तिजनक अवस्था में बैठे पाया. वहीं पास में ही दोनों बच्चियां भी आपत्तिजनक अवस्था में रोती बैठी मिली. पीड़िता की मां को देख आरोपी मौके से भाग निकला. इस पर महिला ने मामले की रिपोर्ट दूसरे दिन थाना चिकासी में दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने तत्परता से जांच कर चार्ज सीट सात दिन में न्यायालय में पेश कर दी.

इसे भी पढ़ें- बांदा: नाबालिक लड़की से युवक ने की छेड़खानी

अब तक में सबसे कम समय में सुनाया गया फैसला
वहीं न्यायाधीश शमशुल हक ने तेजी से सुनवाई करते हुए पूरे एक माह बाद सोमवार को फैसला सुनाया, जिसमें युवक को दोषी मानते हुए पांच वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना सुनाया. अदालत के इस फैसले को पाॅक्सो एक्ट के तहत अब तक के सुनाए गए फैसलों में से सबसे कम समय में सुनाया गया फैसला माना जा रहा है.

हमीरपुर: पाॅक्सो एक्ट के तहत तेजी से सुनवाई करते हुए अदालत ने एक माह के भीतर छेड़छाड़ के आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. चिकासी थानाक्षेत्र के एक गांव के निवासी युवक ने गांव की ही दो मासूमों के साथ छेड़खानी करने के मामले में अदालत ने यह सजा सुनाई है. मासूमों के साथ हुए अपराध में पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए सात दिनों में चार्जसीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दी थी.

मासूमों के साथ की थी छेड़खानी
बीते महीने अक्टूबर की 18 तारीख की शाम तीन-चार बजे चिकासी थानाक्षेत्र के एक गांव में तीन मासूम बच्चियां खेल रही थी, जिनमें एक की उम्र छह वर्ष, दूसरी बच्ची की तीन वर्ष और तीसरी बच्ची चार वर्ष की थी. उसी समय गांव का 40 वर्षीय छिद्दू वहां आया और उन्हें मूंगफली का लालच देकर खेत में लगे एक निजी नलकूप की ओर ले जाने लगा.

पीड़ित की मां ने कराई मामले की रिपोर्ट
बीच रास्ते से छह वर्षीय मासूम वापस भाग आई और तीन वर्षीय बच्ची की मां से बताया. तब पीड़िता की मां नलकूप की ओर गई तो रास्ते में एक खेत के पास छिद्दू को आपत्तिजनक अवस्था में बैठे पाया. वहीं पास में ही दोनों बच्चियां भी आपत्तिजनक अवस्था में रोती बैठी मिली. पीड़िता की मां को देख आरोपी मौके से भाग निकला. इस पर महिला ने मामले की रिपोर्ट दूसरे दिन थाना चिकासी में दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने तत्परता से जांच कर चार्ज सीट सात दिन में न्यायालय में पेश कर दी.

इसे भी पढ़ें- बांदा: नाबालिक लड़की से युवक ने की छेड़खानी

अब तक में सबसे कम समय में सुनाया गया फैसला
वहीं न्यायाधीश शमशुल हक ने तेजी से सुनवाई करते हुए पूरे एक माह बाद सोमवार को फैसला सुनाया, जिसमें युवक को दोषी मानते हुए पांच वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना सुनाया. अदालत के इस फैसले को पाॅक्सो एक्ट के तहत अब तक के सुनाए गए फैसलों में से सबसे कम समय में सुनाया गया फैसला माना जा रहा है.

Intro:छेड़छाड़ के आरोपी को अदालत ने एक माह के भीतर सुनाई पांच साल की सजा


हमीरपुर। पाॅक्सो एक्ट के तहत तेजी से सुनवाई करते हुए अदालत ने एक माह के भीतर छेड़छाड़ के आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास व 10000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। चिकासी थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी युवक द्वारा गांव की ही दो मासूमों के साथ छेड़खानी करने के मामले में अदालत ने यह सजा सुनाई है। मासूमों के साथ हुए अपराध में पुलिस द्वारा भी तत्परता दिखाते हुए सात दिनों में चार्जसीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल की गई।





Body:जानकारी के मुताबिक बीते महीने अक्टूबर की 18 तारीख की शाम तीन-चार बजे चिकासी थानाक्षेत्र के एक गांव में तीन मासूम बच्चियां खेल रही थी। जिनमें एक की उम्र छह वर्ष, दूसरी बच्ची की तीन वर्ष व तीसरी बच्ची चार वर्ष की है। उसी समय गांव का 40 वर्षीय छिद्दू वहां आया और उन्हें मूंगफली का लालच देकर खेत में लगे एक निजी नलकूप की ओर ले जाने लगा।


Conclusion:बीच रास्ते से छह वर्षीय मासूम वापस भाग आई और तीन वर्षीय बच्ची की मां से बताया। तब पीड़िता की मां नलकूप की ओर गई तो रास्ते में एक खेत के पास छिद्दू को नग्न अवस्था में बैठे पाया वहीं पास में ही दोनों बच्चियां भी नग्न अवस्था में बैठी रोती मिली। पीड़िता की मां को देख आरोपित मौके से भाग निकला। जिस पर महिला ने मामले की रिपोर्ट दूसरे दिन थाना चिकासी में दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने तत्परता से जांच कर चार्ज सीट सात दिन में न्यायालय में पेश कर दी। वहीं न्यायाधीश शमशुल हक ने तेजी से सुनवाई करते हुए पूरे एक माह बाद सोमवार को फैसला सुनाया। जिसमें युवक को दोषी मानते हुए पांच वर्ष का सश्रम कारावास व दस हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। बताते चलें कि अदालत के इस फैसले को पाॅक्सो एक्ट के तहत अब तक के सुनाए गए फैसलों में से सबसे कम समय में सुनाया गया फैसला माना जा रहा है।
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