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हमीरपुर: डॉक्टर के पर्चे के बगैर दवा देने पर रोक - हमीरपुर मेडिकल स्टोर के नियम

हमीरपुर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए नया फरमान जारी किया है. अब कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक बगैर डॉक्टर के पर्चे के कोई भी दवा नहीं दे सकेगा. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि नियम का उल्लंघन करने पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.

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मेडिकल स्टोर ( फाइल फोटो )
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Published : Sep 29, 2020, 8:26 PM IST

हमीरपुरः कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों को लेकर नया फरमान जारी किया है. अब कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक बगैर डॉक्टर के परामर्श पत्र (पर्चे) के किसी भी मरीज को कोई दवा नहीं देंगे. अभी तक सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार की दवाओं को लेकर ही स्वास्थ्य विभाग सख्त था, मगर नए आदेश ने मेडिकल स्टोर संचालकों की धड़कनें बढ़ा दी हैं.

जनपद में कोरोना उपचाराधीनों की तादाद में फिलहाल कोई कमी नहीं आई है. हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है. सोमवार तक जनपद में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1047 और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 908 थी. मौजूदा समय में 121 एक्टिव केस ही जनपद में हैं. इनमें से कुछ मरीज बाहरी जनपदों में भर्ती होकर अपना इलाज करा रहे हैं.

इधर, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा बगैर किसी डॉक्टर के परामर्श के दवा बेचने पर सख्ती करनी शुरू कर दी है. पूर्व में सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसे मरीजों को डॉक्टर के परामर्शपत्र के बगैर दवा देने पर रोक थी, लेकिन अब किसी भी तरह की दवा देने से पूर्व डॉक्टर का परामर्शपत्र देखने को अनिवार्य किया गया है. अब कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर मेडिकल स्टोर पर जाकर मर्ज के लक्षण बताकर दवा नहीं खरीद सकेगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सचान ने बताया कि कोविड-19 की समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने जनपद के समस्त मेडिकल स्टोर संचालकों को आदेश जारी कर बगैर किसी वैध डॉक्टर के परामर्शपत्र के किसी भी तरह की दवा न बेचने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.

हमीरपुरः कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों को लेकर नया फरमान जारी किया है. अब कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक बगैर डॉक्टर के परामर्श पत्र (पर्चे) के किसी भी मरीज को कोई दवा नहीं देंगे. अभी तक सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार की दवाओं को लेकर ही स्वास्थ्य विभाग सख्त था, मगर नए आदेश ने मेडिकल स्टोर संचालकों की धड़कनें बढ़ा दी हैं.

जनपद में कोरोना उपचाराधीनों की तादाद में फिलहाल कोई कमी नहीं आई है. हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है. सोमवार तक जनपद में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1047 और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 908 थी. मौजूदा समय में 121 एक्टिव केस ही जनपद में हैं. इनमें से कुछ मरीज बाहरी जनपदों में भर्ती होकर अपना इलाज करा रहे हैं.

इधर, स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा बगैर किसी डॉक्टर के परामर्श के दवा बेचने पर सख्ती करनी शुरू कर दी है. पूर्व में सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसे मरीजों को डॉक्टर के परामर्शपत्र के बगैर दवा देने पर रोक थी, लेकिन अब किसी भी तरह की दवा देने से पूर्व डॉक्टर का परामर्शपत्र देखने को अनिवार्य किया गया है. अब कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर मेडिकल स्टोर पर जाकर मर्ज के लक्षण बताकर दवा नहीं खरीद सकेगा.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके सचान ने बताया कि कोविड-19 की समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने जनपद के समस्त मेडिकल स्टोर संचालकों को आदेश जारी कर बगैर किसी वैध डॉक्टर के परामर्शपत्र के किसी भी तरह की दवा न बेचने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.

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