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गोरखपुर: युवा वैज्ञानिकों को मिली पहचान, 'ब्लैक होल' मॉडल ने किया कमाल

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Published : Jan 20, 2020, 4:08 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. इस दौरान युवा और बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध से लोगों को आश्चर्यचकित किया. वहीं इस आयोजन में कक्षा 6 की बच्ची की ओर से बनाई गई 'ब्लैक होल' मॉडल आकर्षण का केंद्र बनी.

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विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन.

गोरखपुर: विज्ञान प्रदर्शनी युवा वैज्ञानिकों को ढूंढनें, उन्हें पहचान दिलाने और उनके शोध को निखारने में बड़ा माध्यम बनती है. गोरखपुर में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में ऐसे ही युवा और बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध से लोगों को आश्चर्यचकित किया. शहरी और ग्रामीण परिवेश के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में पनप रही वैज्ञानिक सोच को विज्ञान के मॉडलों के माध्यम से उनके शोध क्षमता को दर्शाने के लिए युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रदर्शनी आयोजित की गई. इसमें एक से एक होनहार युवा वैज्ञानिक प्रतिभा दिखाए, लेकिन प्रदर्शनी का आकर्षण 'ब्लैक होल' के मॉडल को तैयार करने वाली कक्षा 6 में पढ़ने वाली बच्ची बनी. इस बच्ची का मॉडल और प्रेजेंटेशन दोनों शानदार था.

विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन.

कक्षा 6 की बच्ची ने बनाया ब्लैक होल मॉडल
ब्लैक होल का मॉडल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय गोला की कक्षा 6 में पढ़ने वाली ग्रामीण परिवेश की छात्रा निशा ने तैयार किया था. उसकी जिज्ञासा ब्लैक होल में थी. निशा की शिक्षिका निधि मिश्रा ने उसके जिज्ञासा को अपने मार्गदर्शन से मॉडल रूप में परिवर्तित कराकर पूर्ण भी कराया.

शिक्षिका की मदद से पूरा किया मॉडल
निधि मिश्रा एस्ट्रो फिजिक्स में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षिका है. वह होनहार बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने का लगातार प्रयास कर रही हैं. ब्लैक होल का मॉडल प्रस्तुत करने वाली बच्ची से जब ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उसने बड़े ही कॉन्फिडेंट होकर जवाब दिया. साथ ही अपने शिक्षक की प्रेरणा को भी इस दौरान याद करना नहीं भूली.

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विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन.

निशा ने समझाया ब्लैक होल
युवा वैज्ञानिक ने बताया कि जहां से प्रकाश बाहर नहीं निकल पाता उस जगह को ब्लैक होल कहते हैं. ब्लैक होल की जो तस्वीर होती है वह असल की तस्वीर नहीं होती. वह सिमुलेशन से बनी हुई होती है. आसान भाषा में कहें तो ब्लैक होल किसी तारे की अंतिम अवस्था होती है जो एक तारे का संभावित चरण होता है.

ब्लैक होल स्पेस में एक ऐसी जगह है जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता है और इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है. विज्ञान प्रदर्शनी में ऐसे नन्हें-मुन्ने युवा वैज्ञानिकों का हुनर देखकर लोगों का मन आह्लादित हो गया. बच्चों के तरह-तरह के मॉडल उनकी प्रतिभा पर लोगों को आश्चर्य व्यक्त करने के लिए मजबूर कर दे रहे थे.

इसे भी पढ़ें: बस्तीः ठेले पर मरीज को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा एक व्यक्ति, वीडियो वायरल

गोरखपुर: विज्ञान प्रदर्शनी युवा वैज्ञानिकों को ढूंढनें, उन्हें पहचान दिलाने और उनके शोध को निखारने में बड़ा माध्यम बनती है. गोरखपुर में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में ऐसे ही युवा और बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध से लोगों को आश्चर्यचकित किया. शहरी और ग्रामीण परिवेश के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में पनप रही वैज्ञानिक सोच को विज्ञान के मॉडलों के माध्यम से उनके शोध क्षमता को दर्शाने के लिए युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रदर्शनी आयोजित की गई. इसमें एक से एक होनहार युवा वैज्ञानिक प्रतिभा दिखाए, लेकिन प्रदर्शनी का आकर्षण 'ब्लैक होल' के मॉडल को तैयार करने वाली कक्षा 6 में पढ़ने वाली बच्ची बनी. इस बच्ची का मॉडल और प्रेजेंटेशन दोनों शानदार था.

विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन.

कक्षा 6 की बच्ची ने बनाया ब्लैक होल मॉडल
ब्लैक होल का मॉडल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय गोला की कक्षा 6 में पढ़ने वाली ग्रामीण परिवेश की छात्रा निशा ने तैयार किया था. उसकी जिज्ञासा ब्लैक होल में थी. निशा की शिक्षिका निधि मिश्रा ने उसके जिज्ञासा को अपने मार्गदर्शन से मॉडल रूप में परिवर्तित कराकर पूर्ण भी कराया.

शिक्षिका की मदद से पूरा किया मॉडल
निधि मिश्रा एस्ट्रो फिजिक्स में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षिका है. वह होनहार बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने का लगातार प्रयास कर रही हैं. ब्लैक होल का मॉडल प्रस्तुत करने वाली बच्ची से जब ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उसने बड़े ही कॉन्फिडेंट होकर जवाब दिया. साथ ही अपने शिक्षक की प्रेरणा को भी इस दौरान याद करना नहीं भूली.

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विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन.

निशा ने समझाया ब्लैक होल
युवा वैज्ञानिक ने बताया कि जहां से प्रकाश बाहर नहीं निकल पाता उस जगह को ब्लैक होल कहते हैं. ब्लैक होल की जो तस्वीर होती है वह असल की तस्वीर नहीं होती. वह सिमुलेशन से बनी हुई होती है. आसान भाषा में कहें तो ब्लैक होल किसी तारे की अंतिम अवस्था होती है जो एक तारे का संभावित चरण होता है.

ब्लैक होल स्पेस में एक ऐसी जगह है जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता है और इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है. विज्ञान प्रदर्शनी में ऐसे नन्हें-मुन्ने युवा वैज्ञानिकों का हुनर देखकर लोगों का मन आह्लादित हो गया. बच्चों के तरह-तरह के मॉडल उनकी प्रतिभा पर लोगों को आश्चर्य व्यक्त करने के लिए मजबूर कर दे रहे थे.

इसे भी पढ़ें: बस्तीः ठेले पर मरीज को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा एक व्यक्ति, वीडियो वायरल

Intro:गोरखपुर। विज्ञान प्रदर्शनी, युवा वैज्ञानिकों को ढूढने, उन्हें पहचान दिलाने और उनके शोध को निखारने में बड़ा माध्यम बनती है। गोरखपुर में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में ऐसे ही युवा और बाल वैज्ञानिकों ने अपने शोध से लोगों को आश्चर्यचकित किया। शहरी और ग्रामीण परिवेश के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में पनप रही वैज्ञानिक सोच को विज्ञान के मॉडलों के माध्यम से उनके शोध क्षमता को दर्शाने के लिए युवा वैज्ञानिकों के लिये प्रदर्शनी आयोजित की गई। जिसमें एक से एक होनहार युवा वैज्ञानिक प्रतिभा दिखाई दिए। लेकिन प्रदर्शनी का आकर्षण 'ब्लैक होल' के मॉडल को तैयार करने वाली कक्षा 6 में पढ़ने वाली बच्ची बनी जिसका मॉडल और प्रेजेंटेशन दोनों शानदार था।

नोट--रेडी टू फ्लैश पैकेज... voice ओवर अटैच है।... special


Body:ब्लैक होल का मॉडल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय गोला की कक्षा 6 में पढ़ने वाली ग्रामीण परिवेश की छात्रा निशा ने तैयार किया था। उसकी जिज्ञासा ब्लैक होल को लेकर थी तो उसको पढ़ाने वाली शिक्षिका निधि मिश्रा ने उसके जिज्ञासा को अपने मार्गदर्शन से मॉडल रूप में परिवर्तित कराकर पूर्ण भी कराया।निधि मिश्रा एस्ट्रो फिजिक्स में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षिका है और होनहार बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने का लगातार प्रयास कर रही हैं। ब्लैक होल का मॉडल प्रस्तुत करने वाली बच्ची से जब ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उसने बड़े ही कॉन्फिडेंट होकर जवाब दिया। साथ ही अपने शिक्षक की प्रेरणा को भी इस दौरान याद करना नहीं भूली।

बाइट--निशा,ब्लैक होल का मॉडल तैयार करने वाली युवा वैज्ञानिक
बाइट--निधि मिश्रा, शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, गोला


Conclusion:युवा वैज्ञानिक ने बताया कि जहां से प्रकाश बाहर नहीं निकल पाता उस जगह को ब्लैक होल कहते हैं ।ब्लैक होल की जो तस्वीर होती है वह असल की तस्वीर नहीं होती वह सिमुलेशन से बनी हुई होती है। आसान भाषा में कहें तो ब्लैक होल किसी तारे की अंतिम अवस्था होती है जो एक तारे का संभावित चरण होता है। ब्लैक होल स्पेस में एक ऐसी जगह है जा भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता है। और इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत ही शक्तिशाली होता है। विज्ञान प्रदर्शनी में ऐसे नन्हे-मुन्ने युवा वैज्ञानिकों का हुनर देखकर लोगों का मन आह्लादित हो गया। बच्चों के तरह-तरह के मॉडल उनकी प्रतिभा पर लोगों को आश्चर्य व्यक्त करने के लिए मजबूर कर दे रहे थे।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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