गोरखपुरः प्रदेश में इस वर्ष यूपी सरकार ने पौधरोपण का अपना लक्ष्य तय कर दिया है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस वर्ष प्रदेश में 35 करोड़ों पौधे रोपे जाएंगे. जुलाई माह में जब यह अभियान शुरू होगा तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में 1,000 पौधे लगाए जाने के लक्ष्य के साथ, अगर सरकार और समाज के हर वर्ग के लोग जुड़ते हैं तो इस लक्ष्य को हासिल करना बेहद आसान होगा.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखपुर में आयोजित वन एवं पर्यावरण विभाग के कार्यक्रम में आए हुए लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जलवायु परिवर्तन से होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं से लोगों को अवगत कराते कराया. साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के ऊपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने और उसे प्रयोग में नहीं लाने की सलाह दी.
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सब कुछ है प्रकृति में.. उसको हम जानने व पहचानने का प्रयास तो करें...: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/IE6fQusgzj
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प्रदूषण के चलते हो रही बीमारियां
उन्होंने कहा कि जिस जल के बगैर जीवन नहीं, उसको भी हमने प्रदूषित कर दिया. गांव का तालाब भी प्रदूषित हो गया. जल और वेक्टर जनित बीमारियां भी आज हैं. बड़े पैमाने पर स्किन की भी बीमारी हो रही है. व्यक्ति की कमाई का बड़ा हिस्सा दवा पर खर्च हो रहा है. भारतीय मनीषा ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार बहुत पहले व्यक्त कर दिया था, लेकिन आज उसके बचाव के अनुरूप लोग आचरण नहीं कर रहे हैं.
कार्बन उत्सर्जन की कमी से पर्यावरण को बड़ा नुकसान
सीएम योगी ने कहा कि 1990 में सितंबर में बाढ़ आई और पिछले वर्ष अक्टूबर 2022 में बाढ़ आ गई. यह जलवायु परिवर्तन का कारण है. किसानों की आमदनी पर इसका असर पड़ा है. वहीं, दिल्ली में स्मॉग (धुआं) की वजह से नवंबर, दिसंबर में दुकानें बंद करना पड़ता है. इसलिए पीएम मोदी के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर काम हो रहा है. कार्बन उत्सर्जन की कमी से पर्यावरण को बड़ा नुकसान होता है. इससे बचाव का उपाय करना होगा. आज उसी क्रम में एलिडी लाइट का उपयोग किया जा रहा है. यह भी कार्बन उत्सर्जन को कम करने में बड़ा मददगार है. इसकी वजह से पूरा गांव आज उजाले में है. प्रदूषण भी कम है.
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हमारी भारतीय मनीषा ने जब अपने मंत्रों को रचा होगा, उस समय उन्होंने इस चराचर जगत से जुड़ी हुए प्रत्येक वस्तु के कल्याण की बात की।
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उन्होंने कहा, जल में शांति हो, पृथ्वी में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो... इसमें शांति का मतलब है कि हम इसे प्रदूषण से मुक्त करें: #UPCM… pic.twitter.com/wN7XntuFI2
">हमारी भारतीय मनीषा ने जब अपने मंत्रों को रचा होगा, उस समय उन्होंने इस चराचर जगत से जुड़ी हुए प्रत्येक वस्तु के कल्याण की बात की।
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उन्होंने कहा, जल में शांति हो, पृथ्वी में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो... इसमें शांति का मतलब है कि हम इसे प्रदूषण से मुक्त करें: #UPCM… pic.twitter.com/wN7XntuFI2हमारी भारतीय मनीषा ने जब अपने मंत्रों को रचा होगा, उस समय उन्होंने इस चराचर जगत से जुड़ी हुए प्रत्येक वस्तु के कल्याण की बात की।
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उन्होंने कहा, जल में शांति हो, पृथ्वी में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो... इसमें शांति का मतलब है कि हम इसे प्रदूषण से मुक्त करें: #UPCM… pic.twitter.com/wN7XntuFI2
प्लास्टिक मुक्त शहर और गांव होना चाहिए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना की वजह से आज गंगा स्वच्छ हुई है. तालाब, पोखरों का जीर्णोद्धार कराना बेहद जरूरी है. इससे गांव में जल संकट नहीं होगा. अगर हर घर नल की योजना को सफल बनाना है तो इसके लिए हमें जल संरक्षण का कार्य करना होगा. हर गांव में अपना खाद का गड्ढा होना चाहिए, जिसका उपयोग होगा तो स्वच्छता बढ़ेगी और प्रदूषण घटेगा. प्लास्टिक मुक्त शहर और गांव होना चाहिए. मस्तिष्क ज्वर का कारण भी प्रदूषण ही है. इसके चलते चालीस हजार बच्चों को प्रदेश ने खोया था. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद होना चाहिए.
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हर ग्राम पंचायत में तालाब/पोखरा का पुनरुद्धार कराइए, उसको वृक्षारोपण से आच्छादित कीजिए, प्रयास कीजिए कि उसमें गंदा पानी न जाए, बरसात का पानी भी छन करके जाए, जिससे गांव में जल संरक्षण व जल का स्तर बढ़ेगा।
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हर गांव हरा-भरा दिखेगा, गांव में बीमारियां नहीं आएंगी, जल का संकट नहीं… pic.twitter.com/tCZDI02zUh
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हर गांव हरा-भरा दिखेगा, गांव में बीमारियां नहीं आएंगी, जल का संकट नहीं… pic.twitter.com/tCZDI02zUhहर ग्राम पंचायत में तालाब/पोखरा का पुनरुद्धार कराइए, उसको वृक्षारोपण से आच्छादित कीजिए, प्रयास कीजिए कि उसमें गंदा पानी न जाए, बरसात का पानी भी छन करके जाए, जिससे गांव में जल संरक्षण व जल का स्तर बढ़ेगा।
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हर गांव हरा-भरा दिखेगा, गांव में बीमारियां नहीं आएंगी, जल का संकट नहीं… pic.twitter.com/tCZDI02zUh
धरती हमारी माता है फिर हम उससे खिलवाड़ कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि धरती हमारी माता है फिर भी हम उसके साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कारण एक है लेकिन बीमारियां अनेक हैं. इसलिए इस विश्व पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक से मुक्ति का संकल्प लिया जा रहा है, जिसमें सिक्स आर की थीम से जोड़ा गया है. पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करें. 35 करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य सरकार ने लिया है. एक ग्राम पंचायत एक हजार पौधे लगाए. हर वार्ड, निगम लगाए और उसकी रक्षा करे. इससे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. इसे जीव सृष्टि को भी बचाने में भी सफल होंगे.