गोरखपुर: अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा और गुरुकृपा संस्थान ने गुरुवार को बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की 114वीं जयंती मनायी. इस मौके पर आजाद चौक स्थित उनके मूर्ति पर माल्यार्पण कर याद किया. इस बीच कोरोना संकट के बचाव और सुरक्षा का इंतजाम एवं सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया.
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व जिला संघचालक रवि प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के चीफ, भगतसिंह, राजगुरु, समेत सैकड़ों क्रान्तिकारियों ने अंग्रेजी सत्ता को नेस्तनाबूत कर दिया था. सामाजिक कार्यकर्ता बिस्मिल मेला के संस्थापक संयोजक बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के परमवीर योद्धा, अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद के 114 वें जन्मदिवस को" आजाद प्रकटोत्सव दिवस के रूप में मनायेंगे.
गोरक्षनाथ संस्कृत पीजी कॉलेज के प्रवक्ता बृजेश मणि मिश्रा ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले ९ अगस्त १९२५ को काकोरी काण्ड को अंजाम दिया और फरार हो गये. इसके पश्चात् सन् १९२७ में 'बिस्मिल' के साथ ४ प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होंने उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया.
भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सॉण्डर्स की गोली से मौत के घाट उतारकर लिया. इस अवसर पर समिति के सदस्य अजय श्रीवास्तव, आशुतोष राय, महानगर महामंत्री अच्युतानंद शाही, प्राण तिवारी, प्रदीप त्रिपाठी, आशीष पांडेय एडवोकेट, आदि लोग उपस्थित थे.