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गोरखपुर: बिजली विभाग में हुआ 45 लाख का घोटाला, मुकदमा दर्ज - scam in electric department in gorakhpur

जिले में बिजली विभाग के संविदा कर्मियों के लाखों रुपये ठेकेदारों ने हड़प लिये हैं. वहीं संविदा के पोर्टल पर संविदा कर्मियों की ईपीएफ और ईएसआई की जानकारी न भरे जाने पर घोटाले का खुलासा हुआ.

विद्युत विभाग में 45 लाख का घोटाला.
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Published : Jun 17, 2019, 9:08 PM IST

गोरखपुर: बिजली विभाग की लापरवाही के चलते विभाग में 45 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है. विभाग के संविदा कर्मियों का 45 लाख रुपये ठेकेदारों ने हड़प लिया. घोटाले का खुलासा संविदा के पोर्टल से हुआ जहां संविदा कर्मियों की ईपीएफ और ईएसआई की डिटेल्स भरी जाती है. वहीं मामले की जानकारी होने के बाद प्रशासन ने ग्लोब इंडिया कंपनी से जुड़े ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरु कर दी है.

बिजली विभाग में लाखों का घोटाला.

संविदा के पोर्टल से हुआ खुलासा

  • विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बिजली विभाग ने ठेकेदारों के माध्यम से संविदा कर्मी रखे थे.
  • इन संविदा कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई में पंजीकरण के लिए एक्सईएन को जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
  • अफसरों की लापरवाही के चलते संविदा कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान ठेकेदारों ने जमा करने की बजाय खुद हड़पना शुरू कर दिया.
  • इसके चलते संविदा कर्मियों ने वाराणसी और लखनऊ मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया.
  • इसके बाद निगम ने संविदा कर्मियों से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित करने के लिए एक संविदा पोर्टल बनाया.
  • जब पोर्टल पर कोई जानकारी भरी नहीं मिली तो यह घोटाला सामने आया.
  • मामला सामने आने के बाद विभाग ने ग्लोब इंडिया कंपनी से जुड़े 13 ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

'एफआईआर दर्ज होने के साथ ठेकेदारों की भागदौड़ शुरू हो गई है, लेकिन वह जब तक ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान जमा नहीं करते बच नहीं सकते'.
- देवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता, विद्युत विभाग, गोरखपुर मंडल

गोरखपुर: बिजली विभाग की लापरवाही के चलते विभाग में 45 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है. विभाग के संविदा कर्मियों का 45 लाख रुपये ठेकेदारों ने हड़प लिया. घोटाले का खुलासा संविदा के पोर्टल से हुआ जहां संविदा कर्मियों की ईपीएफ और ईएसआई की डिटेल्स भरी जाती है. वहीं मामले की जानकारी होने के बाद प्रशासन ने ग्लोब इंडिया कंपनी से जुड़े ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरु कर दी है.

बिजली विभाग में लाखों का घोटाला.

संविदा के पोर्टल से हुआ खुलासा

  • विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बिजली विभाग ने ठेकेदारों के माध्यम से संविदा कर्मी रखे थे.
  • इन संविदा कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई में पंजीकरण के लिए एक्सईएन को जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
  • अफसरों की लापरवाही के चलते संविदा कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान ठेकेदारों ने जमा करने की बजाय खुद हड़पना शुरू कर दिया.
  • इसके चलते संविदा कर्मियों ने वाराणसी और लखनऊ मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया.
  • इसके बाद निगम ने संविदा कर्मियों से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित करने के लिए एक संविदा पोर्टल बनाया.
  • जब पोर्टल पर कोई जानकारी भरी नहीं मिली तो यह घोटाला सामने आया.
  • मामला सामने आने के बाद विभाग ने ग्लोब इंडिया कंपनी से जुड़े 13 ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

'एफआईआर दर्ज होने के साथ ठेकेदारों की भागदौड़ शुरू हो गई है, लेकिन वह जब तक ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान जमा नहीं करते बच नहीं सकते'.
- देवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता, विद्युत विभाग, गोरखपुर मंडल

Intro:ओपनिग पीटीसी...

गोरखपुर। बिजली विभाग के अधिकारियों की कुम्भकर्णी नींद की वजह से विभाग में 45 लाख का घोटाला हो गया है। विभाग के संविदा कर्मियों का 45 लाख रूपए 13 ठेकेदारों ने हड़प लिया और अधिकारी सोते रहे। संविदा पोर्टल से इस घोटाले का खुलासा हुआ। जिस पर संविदा कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई का डिटेल्स भरा जाना होता है। लेकिन गोरखपुर जोन के सैकड़ों संविदा कर्मियों का इस पोर्टल पर कोई रिकॉर्ड नहीं था जिसके बाद शासन ने इसकी पड़ताल शुरू की तो आनन-फानन में उच्चाधिकारियों के दबाव में ठेकेदारों पर मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया।


Body:बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बिजली निगम ने ठेकेदारों के माध्यम से संविदा कर्मी रखे थे। इन संविदा कर्मियों का ईपीएफ और ईएसआई में पंजीकरण के लिए एक्सईएन को जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन, ज्यादातर अफसरों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। इधर संविदा कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान ठेकेदारों ने जमा करने की बजाय खुद हड़पना शुरू कर दिया। जिसको लेकर संविदा कर्मियों ने वाराणसी और लखनऊ मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किया था। फिर निगम ने संविदा कर्मियों से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित करने के लिए एक संविदा पोर्टल बनाया, बावजूद इसके इस पोर्टल पर जब कोई जानकारी भरी नहीं मिली तो यह घोटाला निकल कर सामने आ गया और ठेकेदारों पर मुकदमा हो गया।

बाइट--देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर, विद्युत, गोरखपुर मंडल


Conclusion:जिन फर्मों पर एफ आई आर हुआ है उनमें मेसर्स ग्लोब इंडिया के खिलाफ गोरखपुर में दो, महाराजगंज में दो, देवरिया- कसया और पडरौना में एक-एक एफ आई आर दर्ज कराई गई है। इसके अलावा शुक्ला इंटरप्राइजेज, मैसर्स रामानंद, सुरेश कंस्ट्रक्शन, आरजू कंस्ट्रक्शन, मेसर्स रामा कंस्ट्रक्शन, कात्यानी इंटरप्राइजेज के खिलाफ भी एफआईआर हुई है। खास बात यह है कि इस घोटाले में किसी भी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है जबकि निगरानी की जिम्मेदारी एक्सईएन स्तर के अधिकारियों की थी। इस संबंध में मुख्य अभियंता ने कहा कि एफ आई आर दर्ज होने के साथ ठेकेदारों की भागदौड़ शुरू हो गई है लेकिन वह जब तक ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान जमा नहीं करते बच नहीं सकते।

बाइट--देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर
क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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