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सीएम योगी के शहर में मतगणना के दौरान धांधली, सपा प्रत्याशी के हंगामे के बाद महापौर के रिजल्ट की घोषणा रुकी

गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के एजेंट और प्रत्याशी काजल निषाद ने अधिकारियों पर मतगणना में धांधली करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया.

मतगणना के दौरान धांधली
मतगणना के दौरान धांधली
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Published : May 13, 2023, 6:20 PM IST

मतगणना के दौरान धांधली का आरोप

गोरखपुरः गोरखपुर विश्वविद्यालय में चल रही निकाय चुनाव की मतगणना के दौरान कुल पड़े मत से अधिक मतों की गणना का आरोप लगाकर समाजवादी पार्टी ने मतगणना स्थल पर हंगामा खड़ा कर दिया. भाजपा प्रत्याशी डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव इस मतगणना में करीब 70 हजार वोट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद से चुनाव जीत रहे थे. इस दौरान कुल मतों की गणना जब हुई तो करीब 3 लाख 62 हजार 895 पड़े मतों के सापेक्ष सवा चार लाख से अधिक मतों की काउंटिंग की बात सामने आई, जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के एजेंट और प्रत्याशी काजल निषाद समेत लोगों ने अधिकारियों पर धांधली करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया.

अधिकारियों ने इसे टेक्निकल त्रुटि बताते हुए काजल निषाद को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह कुछ भी मानने को तैयार नहीं थी. उन्होंने कहा यह गणना निश्चित रूप से धांधली की ओर ही इशारा करती है. आखिरकार साढ़े तीन लाख से अधिक पड़े मत के बाद, गणना सवा चार लाख मतों की कैसे हो गई. वह आरओ, एआरओ और प्रेक्षक के बीच खड़े होकर हंगामा करने लगी. इस बीच उनके एजेंट और समर्थकों ने भी हंगामा शुरू किया तो पुलिस ने उनके ऊपर दबाव बनाते हुए उन्हें मतगणना स्थल से बाहर धकेलना शुरू कर दिया. इसके बाद हंगामा और बढ़ गया. खुद काजल निषाद ने मोर्चा संभाला और अधिकारियों के ऊपर हमलावर हो गईं. उन्होंने कहा कि अगर दोबारा मतगणना नहीं हुई और यह धांधली जो की गई है, वह पारदर्शी तरीके से सामने नहीं लाई गई तो वह इसी स्थान पर आत्महत्या कर लेंगी.

काजल निषाद ने कहा कि प्रशासन मुख्यमंत्री के शहर में उनको खुश करने के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा जीती जा रही सीट में धांधली करने का काम किया है. प्रशासन निषाद समाज की बेटी को जीतने नहीं देना चाहता है. उन्होंने कहा कि यह निषाद समाज के ऊपर बड़ा आघात है कि उनके परिवार की एक बिटिया को गोरखपुर का प्रशासन महापौर नहीं बनने देना चाहता. काजल ने अपने समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी दुर्गति देखिए कि किस प्रकार आपको दबाया और कुचला जा रहा है. आपके अधिकारों को छीना जा रहा है. फिलहाल खबर लिखे जाने तक महापौर प्रत्याशी के रिजल्ट की घोषणा प्रशासन नहीं कर पाया है और हंगामा जारी है.

पढ़ेंः अयोध्या में भाजपा के गिरीश पति त्रिपाठी बने महापौर, सपा प्रत्याशी को दी करारी शिकस्त

मतगणना के दौरान धांधली का आरोप

गोरखपुरः गोरखपुर विश्वविद्यालय में चल रही निकाय चुनाव की मतगणना के दौरान कुल पड़े मत से अधिक मतों की गणना का आरोप लगाकर समाजवादी पार्टी ने मतगणना स्थल पर हंगामा खड़ा कर दिया. भाजपा प्रत्याशी डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव इस मतगणना में करीब 70 हजार वोट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद से चुनाव जीत रहे थे. इस दौरान कुल मतों की गणना जब हुई तो करीब 3 लाख 62 हजार 895 पड़े मतों के सापेक्ष सवा चार लाख से अधिक मतों की काउंटिंग की बात सामने आई, जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के एजेंट और प्रत्याशी काजल निषाद समेत लोगों ने अधिकारियों पर धांधली करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया.

अधिकारियों ने इसे टेक्निकल त्रुटि बताते हुए काजल निषाद को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह कुछ भी मानने को तैयार नहीं थी. उन्होंने कहा यह गणना निश्चित रूप से धांधली की ओर ही इशारा करती है. आखिरकार साढ़े तीन लाख से अधिक पड़े मत के बाद, गणना सवा चार लाख मतों की कैसे हो गई. वह आरओ, एआरओ और प्रेक्षक के बीच खड़े होकर हंगामा करने लगी. इस बीच उनके एजेंट और समर्थकों ने भी हंगामा शुरू किया तो पुलिस ने उनके ऊपर दबाव बनाते हुए उन्हें मतगणना स्थल से बाहर धकेलना शुरू कर दिया. इसके बाद हंगामा और बढ़ गया. खुद काजल निषाद ने मोर्चा संभाला और अधिकारियों के ऊपर हमलावर हो गईं. उन्होंने कहा कि अगर दोबारा मतगणना नहीं हुई और यह धांधली जो की गई है, वह पारदर्शी तरीके से सामने नहीं लाई गई तो वह इसी स्थान पर आत्महत्या कर लेंगी.

काजल निषाद ने कहा कि प्रशासन मुख्यमंत्री के शहर में उनको खुश करने के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा जीती जा रही सीट में धांधली करने का काम किया है. प्रशासन निषाद समाज की बेटी को जीतने नहीं देना चाहता है. उन्होंने कहा कि यह निषाद समाज के ऊपर बड़ा आघात है कि उनके परिवार की एक बिटिया को गोरखपुर का प्रशासन महापौर नहीं बनने देना चाहता. काजल ने अपने समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपनी दुर्गति देखिए कि किस प्रकार आपको दबाया और कुचला जा रहा है. आपके अधिकारों को छीना जा रहा है. फिलहाल खबर लिखे जाने तक महापौर प्रत्याशी के रिजल्ट की घोषणा प्रशासन नहीं कर पाया है और हंगामा जारी है.

पढ़ेंः अयोध्या में भाजपा के गिरीश पति त्रिपाठी बने महापौर, सपा प्रत्याशी को दी करारी शिकस्त

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