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चाइना को मात दे रहे गोरखपुर में बने उत्पाद, गर्मी में बढ़ी इस कूलर की डिमांड

सूडान में गोरखपुर के साहू ग्रुप के टिकाऊ और किफायती कूलर की डिमांड बढ़ती जा रही है. कंपनी के एमडी के मुताबिक यह कूलर प्रतिवर्ष तीन से ₹4 हजार की बिजली बचाएगा.

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किफायती कूलर
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Published : May 16, 2022, 8:19 PM IST

गोरखपुर: जिले में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र (गीडा) की कंपनियां अपने उत्पादों से अब न सिर्फ लोकल बल्कि विश्व स्तरीय पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को यह मजबूती से आगे बढ़ाती दिखाई दे रही हैं. ऐसी ही एक कंपनी का नाम साहू ग्रुप है, जो 1945 से भारत में विभिन्न इलेक्ट्रिकल और घरेलू मशीनी सामानों की निर्माता है.

जिसने कोरोना काल में न सिर्फ चीन की बादशाहत को इलेक्ट्रिक उपकरणों के विभिन्न देशों में निर्यात के मामलों में तोड़ा, बल्कि अपने उत्पाद का किफायती और बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत करते हुए एक बार फिर ऊंची छलांग लगाई है. इतना ही नहीं बल्कि गर्मी के मौसम में इस समूह के द्वारा बनाया गया कूलर दुनिया के कई देशों में निर्यात हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि उच्च गुणवत्ता के साथ बिजली की खपत को बेहद कम करने में यह सफल है.

साहू ग्रुप के एमडी से बातचीत
दरअसल, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिसे गीडा नाम से जाना जाता है यहीं पर साहू ग्रुप अपना टिकाऊ और किफायती कूलर बना रहा है, जो लोगों की जेब को तो राहत दे ही रहा है. साथ ही अफ्रीकी देशों में सूडान, क्यूबा, ब्राजील से मांग के बाद वहां की गर्मी को देखते हुए अपनी रिसर्च पर एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. इस कंपनी के एमडी सनूप साहू ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पिछले वर्ष कोरोना वायरस की महामारी के बाद चीन से कई देशों ने सामान मंगाना बंद कर दिया था, जिसका लाभ भारतीय कंपनियों को भी मिला था. इसी दौर में उनके एक एजेंट ने अफ्रीकी देशों की गर्मी को देखते हुए उन्हें सस्ता टिकाऊ कूलर पंखे तैयार करने काम दिलवाया था, जिसे बनाने और निर्यात करने के बाद उन्हें बड़ी सफलता मिली और कूलर की डिमांड भी बढ़ती जा रही है.

यह भी पढ़ें- बिजली विभाग की हेल्पलाइन पर शिकायतों की भरमार, जानिए विभाग ने निकाला क्या तोड़

सनूप साहू ने बताया कि अफ्रीकी के सूडान में गर्मी अधिक है. यहां बिजली की दरें भी काफी महंगी हैं, जिसके चलते वहां पर अधिकतर लोग कूलर पंखे पर ही निर्भर रहते हैं. इसी के चलते साहू समूह ने 100 से 110 वाट खपत वाला कूलर तैयार किया है, जिसकी कीमत 5 हजार से शुरू होती है. समूह के एमडी का दावा है कि यह कूलर प्रतिवर्ष तीन से ₹4 हजार की बिजली भी बचाएगा. अगर इस कूलर का प्रयोग 2 साल तक होता है तो इसकी पूरी कीमत वसूल हो जाएगी. उन्होंने बताया कि सामान्य कूलर के अंदर 125 से 230 वाट की खपत होती है. लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए कूलर में पावर सेवर मोड पर 100 वाट बिजली की खपत होगी.

साहू ने आगे कहा कि फुल स्पीड पर चलने पर भी 120 वाट ही यह बिजली लेगा. वहीं, अन्य कूलर की बात करें तो वह लो सेवर मोड पर चलने पर भी 160 वाट से अधिक बिजली लेते हैं. यही नहीं इस कूलर की खासियत है कि इसके अंदर एलमुनियम के 17 इंच के ब्लेड लगे हुए हैं जिसके कारण हवा पर्याप्त मिलेगी. इस मॉडल का नाम क्यू सेवन 5G है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुर: जिले में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र (गीडा) की कंपनियां अपने उत्पादों से अब न सिर्फ लोकल बल्कि विश्व स्तरीय पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को यह मजबूती से आगे बढ़ाती दिखाई दे रही हैं. ऐसी ही एक कंपनी का नाम साहू ग्रुप है, जो 1945 से भारत में विभिन्न इलेक्ट्रिकल और घरेलू मशीनी सामानों की निर्माता है.

जिसने कोरोना काल में न सिर्फ चीन की बादशाहत को इलेक्ट्रिक उपकरणों के विभिन्न देशों में निर्यात के मामलों में तोड़ा, बल्कि अपने उत्पाद का किफायती और बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत करते हुए एक बार फिर ऊंची छलांग लगाई है. इतना ही नहीं बल्कि गर्मी के मौसम में इस समूह के द्वारा बनाया गया कूलर दुनिया के कई देशों में निर्यात हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि उच्च गुणवत्ता के साथ बिजली की खपत को बेहद कम करने में यह सफल है.

साहू ग्रुप के एमडी से बातचीत
दरअसल, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिसे गीडा नाम से जाना जाता है यहीं पर साहू ग्रुप अपना टिकाऊ और किफायती कूलर बना रहा है, जो लोगों की जेब को तो राहत दे ही रहा है. साथ ही अफ्रीकी देशों में सूडान, क्यूबा, ब्राजील से मांग के बाद वहां की गर्मी को देखते हुए अपनी रिसर्च पर एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. इस कंपनी के एमडी सनूप साहू ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पिछले वर्ष कोरोना वायरस की महामारी के बाद चीन से कई देशों ने सामान मंगाना बंद कर दिया था, जिसका लाभ भारतीय कंपनियों को भी मिला था. इसी दौर में उनके एक एजेंट ने अफ्रीकी देशों की गर्मी को देखते हुए उन्हें सस्ता टिकाऊ कूलर पंखे तैयार करने काम दिलवाया था, जिसे बनाने और निर्यात करने के बाद उन्हें बड़ी सफलता मिली और कूलर की डिमांड भी बढ़ती जा रही है.

यह भी पढ़ें- बिजली विभाग की हेल्पलाइन पर शिकायतों की भरमार, जानिए विभाग ने निकाला क्या तोड़

सनूप साहू ने बताया कि अफ्रीकी के सूडान में गर्मी अधिक है. यहां बिजली की दरें भी काफी महंगी हैं, जिसके चलते वहां पर अधिकतर लोग कूलर पंखे पर ही निर्भर रहते हैं. इसी के चलते साहू समूह ने 100 से 110 वाट खपत वाला कूलर तैयार किया है, जिसकी कीमत 5 हजार से शुरू होती है. समूह के एमडी का दावा है कि यह कूलर प्रतिवर्ष तीन से ₹4 हजार की बिजली भी बचाएगा. अगर इस कूलर का प्रयोग 2 साल तक होता है तो इसकी पूरी कीमत वसूल हो जाएगी. उन्होंने बताया कि सामान्य कूलर के अंदर 125 से 230 वाट की खपत होती है. लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए कूलर में पावर सेवर मोड पर 100 वाट बिजली की खपत होगी.

साहू ने आगे कहा कि फुल स्पीड पर चलने पर भी 120 वाट ही यह बिजली लेगा. वहीं, अन्य कूलर की बात करें तो वह लो सेवर मोड पर चलने पर भी 160 वाट से अधिक बिजली लेते हैं. यही नहीं इस कूलर की खासियत है कि इसके अंदर एलमुनियम के 17 इंच के ब्लेड लगे हुए हैं जिसके कारण हवा पर्याप्त मिलेगी. इस मॉडल का नाम क्यू सेवन 5G है.

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