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प्रत्याशी उड़ा रहे सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां, बता रहे ये कारण

गोरखपुर में कोरोना वायरस की अनदेखी खूब की जा रही है. जिला पंचायत चुनाव होने के कारण लोगों के अंदर से कोरोना का डर खत्म हो गया है. उम्मीदवारों को प्रतीक चिह्न का आवंटन करने के दौरान कलेक्टर परिसर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.

सोशल डिस्टेसिंग की उड़ी धज्जियां
सोशल डिस्टेसिंग की उड़ी धज्जियां
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Published : Apr 11, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 1:38 PM IST

गोरखपुर: कोरोनावायरस तेजी के साथ लोगों को अपनी जद में ले रहा है. इसके बाद भी लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. लोग पुलिस और जिला प्रशासन की नाक के नीचे प्रोटोकोल की अनदेखी कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने प्रत्याशियों से मास्क न लगाने का कारण पूछा तो प्रत्याशियों ने एक से बढ़कर एक जवाब दिए. देखिए ईटीवी भारत की मास्क पर ये विशेष रिपोर्ट...

पंचायत चुनाव में कोरोना का डर नहीं



नहीं है कोरोना का डर

कलेक्ट्रेट परिसर में जिला पंचायत सदस्य एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी पदों के लिए दाखिल हुए पर्चों की जांच चल रही है. बुधवार को पंचायत चुनाव में नामांकन करने वालों को अपनी दावेदारी वापस लेने के लिए 3 बजे तक का मौका दिया गया था. इसके बाद उम्मीदवारों को प्रतीक चिह्न का आवंटन किया जाना था. ऐसे में सैकड़ों लोग कलेक्टर परिसर में पहुंचे. प्रत्याशी और प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ ने कोविड-19 प्रोटोकॉल की जमकर अनदेखी की. सुरक्षा में तैनात जवान भी बिना मास्क के और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का न पालन करते हुए दिखाई दिए.
यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी-प्रशांत किशोर की बातचीत का वीडियो वायरल, सांसद रवि किशन ने दी प्रतिक्रिया

'नियमों की हो रही अनदेखी'

जनपद में पिछले 5 से 6 दिनों के अंदर संक्रमितों की संख्या के आंकड़ों में तेजी के साथ परिवर्तन हुआ है. पहले आंकड़े दहाई के अंक तक ही सीमित थे. अब यह आंकड़े डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतिदिन तक पहुंच रहे हैं. ऐसे में जिला स्वास्थ्य विभाग के माथे पर पसीना साफ देखा जा सकता है. हालात देखते हुए प्रदेश सरकार ने कोविड-19 गाइडलाइन को फिर से लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद भी जिला प्रशासन की नाक के नीचे कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग, बच्चे भीड़ में दिखाई दे रहे हैं. बिना मास्क के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी अनदेखी की जा रही है.


'गमछे को बनाया मास्क'

जिला पंचायत पद के प्रत्याशी गौरी शंकर मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं में लापरवाही बरती जा रही है. कम जगह होने के बाद भी यहां पर बड़ी संख्या में प्रत्याशी और प्रत्याशियों के समर्थक मौजूद है. कोरोना का खतरा लगातार बना हुआ है. मास्क नहीं लगाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब वह अंदर थे तो उन्होंने गले में लपेटे हुए गम्छे को मास्क के रूप में प्रयोग किया था. अभी वह बाहर आ गए हैं तो गमझे को हटा दिया है.


'जिला प्रशासन की है खामी'

जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी कन्हैया पासवान ने मास्क न लगाए जाने पर कहा कि मास्क गले में लटका हुआ है. भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगा रहे हैं. जिला प्रशासन को कोविड-19 गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन कराना चाहिए. यह जिला प्रशासन की खामी है.


'बना हुआ है खतरा'

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव अर्पण ने बताया कि वो लगातार मास्क लगा रहे थे, लेकिन गर्मी के कारण उन्होंने मास्क उतारा है. वह गाइडलाइन का पूरी गंभीरता के साथ पालन करते हैं. यहां पर मौजूद कई सरकारी कर्मी भी मास्क नहीं लगाए हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा बना हुआ है.



'भीड़ को करें नियंत्रित'

प्रत्याशी वेद प्रकाश सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार का जमकर गुणगान किया. कहा कि सरकार के कार्यों के आधार पर ही वह लोगों के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं. जब उनसे मास्क नहीं लगाने के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने इसका ठीकरा जिला प्रशासन के ऊपर डाल दिया. उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन की लापरवाही है. भीड़-भाड़ की स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है.



कैमरे को देखकर हुए सतर्क

सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने भीड़ को कैद करते हुए कैमरे को देखा तो वह भी एक्टिव हो गए. वह पुलिस के जवानों को बुलाकर भीड़ को तितर-बितर करने लगे. वह लोगों से अपील कर रहे थे कि भीड़ एकत्रित न करें. केवल प्रत्याशी ही कैंपस के अंदर मौजूद रहें. समर्थक बाहर चले जाएं. बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं को भी उन्होंने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बैठने का निर्देश दिया. उनके साथ मौजूद पुलिस विभाग के कर्मचारी भी बिना मास्क लगाए हुए दिखाई दिए.

गोरखपुर: कोरोनावायरस तेजी के साथ लोगों को अपनी जद में ले रहा है. इसके बाद भी लोग कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. लोग पुलिस और जिला प्रशासन की नाक के नीचे प्रोटोकोल की अनदेखी कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने प्रत्याशियों से मास्क न लगाने का कारण पूछा तो प्रत्याशियों ने एक से बढ़कर एक जवाब दिए. देखिए ईटीवी भारत की मास्क पर ये विशेष रिपोर्ट...

पंचायत चुनाव में कोरोना का डर नहीं



नहीं है कोरोना का डर

कलेक्ट्रेट परिसर में जिला पंचायत सदस्य एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी पदों के लिए दाखिल हुए पर्चों की जांच चल रही है. बुधवार को पंचायत चुनाव में नामांकन करने वालों को अपनी दावेदारी वापस लेने के लिए 3 बजे तक का मौका दिया गया था. इसके बाद उम्मीदवारों को प्रतीक चिह्न का आवंटन किया जाना था. ऐसे में सैकड़ों लोग कलेक्टर परिसर में पहुंचे. प्रत्याशी और प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ ने कोविड-19 प्रोटोकॉल की जमकर अनदेखी की. सुरक्षा में तैनात जवान भी बिना मास्क के और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का न पालन करते हुए दिखाई दिए.
यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी-प्रशांत किशोर की बातचीत का वीडियो वायरल, सांसद रवि किशन ने दी प्रतिक्रिया

'नियमों की हो रही अनदेखी'

जनपद में पिछले 5 से 6 दिनों के अंदर संक्रमितों की संख्या के आंकड़ों में तेजी के साथ परिवर्तन हुआ है. पहले आंकड़े दहाई के अंक तक ही सीमित थे. अब यह आंकड़े डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतिदिन तक पहुंच रहे हैं. ऐसे में जिला स्वास्थ्य विभाग के माथे पर पसीना साफ देखा जा सकता है. हालात देखते हुए प्रदेश सरकार ने कोविड-19 गाइडलाइन को फिर से लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद भी जिला प्रशासन की नाक के नीचे कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग, बच्चे भीड़ में दिखाई दे रहे हैं. बिना मास्क के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी अनदेखी की जा रही है.


'गमछे को बनाया मास्क'

जिला पंचायत पद के प्रत्याशी गौरी शंकर मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं में लापरवाही बरती जा रही है. कम जगह होने के बाद भी यहां पर बड़ी संख्या में प्रत्याशी और प्रत्याशियों के समर्थक मौजूद है. कोरोना का खतरा लगातार बना हुआ है. मास्क नहीं लगाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब वह अंदर थे तो उन्होंने गले में लपेटे हुए गम्छे को मास्क के रूप में प्रयोग किया था. अभी वह बाहर आ गए हैं तो गमझे को हटा दिया है.


'जिला प्रशासन की है खामी'

जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी कन्हैया पासवान ने मास्क न लगाए जाने पर कहा कि मास्क गले में लटका हुआ है. भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगा रहे हैं. जिला प्रशासन को कोविड-19 गाइडलाइन का कड़ाई के साथ पालन कराना चाहिए. यह जिला प्रशासन की खामी है.


'बना हुआ है खतरा'

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव अर्पण ने बताया कि वो लगातार मास्क लगा रहे थे, लेकिन गर्मी के कारण उन्होंने मास्क उतारा है. वह गाइडलाइन का पूरी गंभीरता के साथ पालन करते हैं. यहां पर मौजूद कई सरकारी कर्मी भी मास्क नहीं लगाए हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा बना हुआ है.



'भीड़ को करें नियंत्रित'

प्रत्याशी वेद प्रकाश सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार का जमकर गुणगान किया. कहा कि सरकार के कार्यों के आधार पर ही वह लोगों के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं. जब उनसे मास्क नहीं लगाने के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने इसका ठीकरा जिला प्रशासन के ऊपर डाल दिया. उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन की लापरवाही है. भीड़-भाड़ की स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है.



कैमरे को देखकर हुए सतर्क

सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने भीड़ को कैद करते हुए कैमरे को देखा तो वह भी एक्टिव हो गए. वह पुलिस के जवानों को बुलाकर भीड़ को तितर-बितर करने लगे. वह लोगों से अपील कर रहे थे कि भीड़ एकत्रित न करें. केवल प्रत्याशी ही कैंपस के अंदर मौजूद रहें. समर्थक बाहर चले जाएं. बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं को भी उन्होंने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बैठने का निर्देश दिया. उनके साथ मौजूद पुलिस विभाग के कर्मचारी भी बिना मास्क लगाए हुए दिखाई दिए.

Last Updated : Apr 11, 2021, 1:38 PM IST
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