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Gorakhapur Nagar Nigam: कूड़े से बनेगा बायोगैस तो कचरे से तैयार होगा इंटरलॉकिंग ईंट

गोरखपुर नगर निगम क्यूआर कोड़ माध्यम से कूड़ा कलेक्शन करने वाला राज्य का पहला जनपद है. नगर आयुक्त ने बताया कि गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारण कर गैस बनाई जाएगा. जिससे प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी होगी.

गोरखपुर में गीले व सूखे कूड़े कचड़े भी बिगेंगे.
गोरखपुर में गीले व सूखे कूड़े कचड़े भी बिगेंगे.
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Published : Jun 19, 2023, 6:15 PM IST

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया.

गोरखपुर: आपको सुनकर हैरत होगी कि कूड़े से भी लाखों रुपये कमाया जा सकता है. जिसे हम बेकार समझकर पर फेंक देते हैं. अब उन्हीं कूड़ों को इकट्ठा कर गोरखपुर नगर निगम वर्ष में करोड़ों रुपए कमायेगा. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का दावा है कि साल के अंत तक यह योजना पूरी तरीके से पूरे शहर में चालू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कूड़ा भी बिकेगा. जिसे आज लोग सड़क पर फेंक कर गंदगी फैलाते हैं.

क्यूआर कोड स्कैन से पता चलता है कूड़ा निस्तारण हुआ या नहींः नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि शहर में प्रतिदिन 500 टन कूड़ा इकट्ठा होता है. जिसमें से लगभग 250 से 300 टन गीला कूड़ा होता है. बाकी बचा ड्राई वेस्ट कूड़ा होता है. डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए शहर में 50 गाड़ियां चल रहीं हैं. जिसे अब बढ़ाकर 157 कर दिया गया है. प्रत्येक वार्ड में कम से कम 3 गाड़ियां चल रही हैं. नगर आयुक्त ने बताया कि विकासनगर और रप्तीनगर वार्ड में कूड़ा कलेक्शन का कार्य क्यूआर कोड माध्यम से चल रहा है. क्यूआर स्कैन करते ही पता चल जायेगा कि कूड़ा उठा की नहीं. इसकी सूचना निगम के कंट्रोल रूम में पहुंच जाती है. कूड़ा वहां से उठ गया है. उन्होंने कहा कि इससे नगर निगम का कवरेज 40 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गया है. यही व्यवस्था अगले 10 वार्डों में जल्द लागू की जाएगी. इस तरह की व्यवस्था करने वाला गोरखपुर प्रदेश का पहला नगर निगम है. जो क्यूआर माध्यम से कूड़ा कलेक्शन का कार्य कर रहा है.

गोरखपुर में गीले व सूखे कूड़े कचड़े भी बिगेंगे.
गोरखपुर में गीले व सूखे कूड़े कचड़े भी बिगेंगे.


प्रतिवर्ष 57 लाख रुपये की इनकम होगीः नगर आयुक्त ने बताया कि पहले 16 कूड़ा पड़ाव केंद्र था, जिसे घटा 8 कर दिया गया है. दो गार्बेज ट्रांसपोर्ट स्टेशन एक लाल डिग्गी चौक में बन रहा है. यह स्टेशन सितंबर तक तैयार हो जाएगा. जो डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वाले हैं, सबसे पहले ट्रांसपोर्ट स्टेशन पर कूड़ा लेकर आएंगे. शहर के जो कूड़ा पड़ाव केंद्र हैं. वहां भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे. फिर कूड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पर जाएगा. गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारण किया जाएगा. साथ ही गीले कूड़े से गैस बनाई जाएगी. बायो सीएनजी गैस बनने से नगर निगम को प्रतिवर्ष 57 लाख रुपये की इनकम होगी.

साल के अंत तक शहर गार्बेज फ्री हो जाएगाः नगर आयुक्त ने बताया कि महेसरा के पास बन रहा गार्बेज सिस्टम दिसंबर महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा. जो मलबा निकलता है, उसके लिए हमारा सीएनडी बेस्ट प्लांट तैयार हो रहा है. वह भी सितंबर महीने तक तैयार हो जाएगा. यहां जो भी मलबा निकलता है, उसका निस्तारण कर उससे इंटरलॉकिंग वगैरह बनाया जाएगा. जिससे उसका प्रोसेसिंग हो पाएगा. इसके अलावा जितने भी प्रकार के कूड़े हैं. उसके निस्तारण के लिए भारत सरकार की 2016 गाइडलाइन है. उसके अनुसार कार्य करने के लिए नगर निगम कटिबद्ध है. साथ ही साल के अंत तक पूरे शहर को गार्बेज फ्री कर दिया जाएगा.



यह भी पढे़ं- लखनऊ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के 11 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी, बिना डॉक्टर चल रहीं पीएचसी

नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया.

गोरखपुर: आपको सुनकर हैरत होगी कि कूड़े से भी लाखों रुपये कमाया जा सकता है. जिसे हम बेकार समझकर पर फेंक देते हैं. अब उन्हीं कूड़ों को इकट्ठा कर गोरखपुर नगर निगम वर्ष में करोड़ों रुपए कमायेगा. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का दावा है कि साल के अंत तक यह योजना पूरी तरीके से पूरे शहर में चालू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कूड़ा भी बिकेगा. जिसे आज लोग सड़क पर फेंक कर गंदगी फैलाते हैं.

क्यूआर कोड स्कैन से पता चलता है कूड़ा निस्तारण हुआ या नहींः नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि शहर में प्रतिदिन 500 टन कूड़ा इकट्ठा होता है. जिसमें से लगभग 250 से 300 टन गीला कूड़ा होता है. बाकी बचा ड्राई वेस्ट कूड़ा होता है. डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए शहर में 50 गाड़ियां चल रहीं हैं. जिसे अब बढ़ाकर 157 कर दिया गया है. प्रत्येक वार्ड में कम से कम 3 गाड़ियां चल रही हैं. नगर आयुक्त ने बताया कि विकासनगर और रप्तीनगर वार्ड में कूड़ा कलेक्शन का कार्य क्यूआर कोड माध्यम से चल रहा है. क्यूआर स्कैन करते ही पता चल जायेगा कि कूड़ा उठा की नहीं. इसकी सूचना निगम के कंट्रोल रूम में पहुंच जाती है. कूड़ा वहां से उठ गया है. उन्होंने कहा कि इससे नगर निगम का कवरेज 40 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गया है. यही व्यवस्था अगले 10 वार्डों में जल्द लागू की जाएगी. इस तरह की व्यवस्था करने वाला गोरखपुर प्रदेश का पहला नगर निगम है. जो क्यूआर माध्यम से कूड़ा कलेक्शन का कार्य कर रहा है.

गोरखपुर में गीले व सूखे कूड़े कचड़े भी बिगेंगे.
गोरखपुर में गीले व सूखे कूड़े कचड़े भी बिगेंगे.


प्रतिवर्ष 57 लाख रुपये की इनकम होगीः नगर आयुक्त ने बताया कि पहले 16 कूड़ा पड़ाव केंद्र था, जिसे घटा 8 कर दिया गया है. दो गार्बेज ट्रांसपोर्ट स्टेशन एक लाल डिग्गी चौक में बन रहा है. यह स्टेशन सितंबर तक तैयार हो जाएगा. जो डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वाले हैं, सबसे पहले ट्रांसपोर्ट स्टेशन पर कूड़ा लेकर आएंगे. शहर के जो कूड़ा पड़ाव केंद्र हैं. वहां भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे. फिर कूड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट पर जाएगा. गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारण किया जाएगा. साथ ही गीले कूड़े से गैस बनाई जाएगी. बायो सीएनजी गैस बनने से नगर निगम को प्रतिवर्ष 57 लाख रुपये की इनकम होगी.

साल के अंत तक शहर गार्बेज फ्री हो जाएगाः नगर आयुक्त ने बताया कि महेसरा के पास बन रहा गार्बेज सिस्टम दिसंबर महीने तक बनकर तैयार हो जाएगा. जो मलबा निकलता है, उसके लिए हमारा सीएनडी बेस्ट प्लांट तैयार हो रहा है. वह भी सितंबर महीने तक तैयार हो जाएगा. यहां जो भी मलबा निकलता है, उसका निस्तारण कर उससे इंटरलॉकिंग वगैरह बनाया जाएगा. जिससे उसका प्रोसेसिंग हो पाएगा. इसके अलावा जितने भी प्रकार के कूड़े हैं. उसके निस्तारण के लिए भारत सरकार की 2016 गाइडलाइन है. उसके अनुसार कार्य करने के लिए नगर निगम कटिबद्ध है. साथ ही साल के अंत तक पूरे शहर को गार्बेज फ्री कर दिया जाएगा.



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