गोरखपुरः जीआरपी पुलिस ने इंटरनेट की मदद से 3 दिनों पहले भोपाल से गायब सुदर्शन सिंह को उनके परिजनों से मिलवाया. जिस पर पर परिजनों ने जीआरपी पुलिस का धन्यवाद किया. जीआरपी पुलिस को स्टेशन अधीक्षक गोरखपुर ने एक व्यक्ति के बारे में जानकारी दी, कि एक व्यक्ति गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो के बाहरी परिसर में बैठा हुआ है. सूचना पर जीआरपी प्रभारी उपेंद्र कुमार श्रीवास्तव और दरोगा दीपक चौधरी मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को जीआरपी थाने लाए और उससे पूछताछ की. लेकिन वह कुछ भी बताने में असमर्थ था.
इंटरनेट की मदद से व्यक्ति की हुई पहचान
थाने में युवक को नहला कर साफ कपड़े पहनाए गये. जिसके बाद इंटरनेट पर व्यक्ति के नाम पते को इंटरनेट पर सर्च किया गया. जिसमें गांव के मुखिया का नंबर मिला. जिस पर बात करने पर व्यक्ति के बारे में पुलिस को पूरी जानकारी मिली. मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की पहचान सुदर्शन सिंह के रूप में हुई. वह पवनी जिला रोहतास निवासी बताया जा रहा है.
28 दिसंबर को घर से हुआ था लापता
जीआरपी पुलिस ने गांव के मुखिया की मदद से मानसिक रूप से बीमार सुदर्शन सिंह के बेटे का नंबर मिला. सुदर्शन सिंह के बेटे ने बताया कि वह भोपाल में रहते हैं. बेटे के मुताबिक वह 28 दिसंबर को घर पर बिना किसी को बताए घर से निकल गये थे. काफी खोजबीन के बाद परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. 29 दिसंबर को ट्रेन से सुदर्शन गोरखपुर पहुंच गए. गोरखपुर से पूरी तरीके से अनजान होने के चलते सुदर्शन स्टेशन के बाहर परिसर में बैठ गए.
तीन दिनों से स्टेशन के बाहर बैठा था व्यक्ति
सुदर्शन सिंह 29 दिसंबर को भोपाल पहुंचा. जिसके बाद से वह स्टेशन के बाहर ही बैठ गया. इस व्यक्ति की जानकारी यात्री मित्र ने स्टेशन अधीक्षक को दी. स्टेशन अधीक्षक ने जीआरपी को इसके बारे में सूचित किया. जिसके बाद जीआरपी ने मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाया. वहीं शुक्रवार को परिजन सुदर्शन सिंह को अपने साथ घर ले गए और जीआरपी पुलिस की प्रशंसा की.