गोरखपुरः सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) मंगलवार रात 9 बजे दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे. सीएम योगी ने मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में लगने वाले खिचड़ी मेला (Khichdi mela) की तैयारी का अधिकारियों और मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अधूरे दिखे कार्यों को तेजी के साथ पूरा करने का निर्देश दिया. खिचड़ी मेले को लेकर की जाने वाली तैयारियों की हर बिंदु पर सीएम को जानकारी है. इसलिए कमियों पर उनकी नजर बहुत तेजी से गई. उन्होंने मुख्य गेट से लेकर मंदिर परिसर, गैलरी और पोखरा क्षेत्र का भी भ्रमण किया.
आपको बता दें कि गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में अनादि काल से गुरु गोरखनाथ बाबा को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व पर खिचड़ी चढ़ाई जाती है. गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ बाबा और गोरखनाथ मंदिर के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है. दूरदराज से हजारों की संख्या में लोग प्रति दिन दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन प्रतिवर्ष जनवरी माह में पड़ने वाले मकर संक्रांति पर्व के दिन इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है. गुरु गोरक्षनाथ बाबा के प्रिय भोजन 'खिचड़ी' को महाप्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि गुरु गोरक्षनाथ बाबा को खिचड़ी बड़ी प्रिय थी और वह इसे प्रतिदिन स्वयं बनाया करते थे.
चावल और उड़द की दाल से तैयार होने वाली इस विशेष खिचड़ी को चढ़ाने और बाबा को भोग लगाने के लिए लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं. लोगों की मान्यता है कि आज के दिन बाबा को खिचड़ी चढ़ाने के बाद उनकी मन्नतें पूरी होती हैं. यह परंपरा वर्षों से जारी है. इस वर्ष तो यहां लगने वाले मेले की तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और डीजीपी डीएस चौहान (DGP DS Chauhan) भी करीब एक सप्ताह पहले पहुंचे थे. डीजी फायर सर्विस भी आकर दौरा कर चुके हैं. अब मुख्यमंत्री ने खुद पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया है, जिससे इस मेले की गंभीरता को समझा जा सकता है.
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से लेकर एक महीने तक मेले का आयोजन होता है. दूरदराज के व्यापारी यहां पहुंचते हैं, जिसमें सभी धर्म, संप्रदाय के लोग होते हैं. मेले के संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी आज भी सीएम योगी आदित्यनाथ खुद संभालते हैं. वर्षों से यहां खिचड़ी चढ़ाने नेपाल के राजशाही परिवार के लोग आते रहे हैं. नेपाल सरकार का भी एक प्रतिनिधिमंडल प्रत्येक वर्ष यहां खिचड़ी चढ़ाने के लिए पहुंचता है.