गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में बहुत जल्द नदी जोड़ो परियोजना की शुरुआत होने जा रही है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर केंद्र और प्रदेश सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है, बस काम की शुरुआत होना बाकी है. यह प्रक्रिया भी बहुत जल्द शुरू हो जाएगी. गोरखपुर दौरे पर आए प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत के नदी जोड़ो परियोजना के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि यूपी में इस परियोजना की शुरुआत केन और बेतवा नदी को जोड़ने के साथ होने जा रही है. जिससे न सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र पानी से लबालब हो जाएगा, बल्कि जल संरक्षण और बाढ़ बचाव जैसे कार्यों पर में भी सहूलियत हो जाएगी.
इस संबंध में सिंचाई मंत्री ने कहा कि नदियों के जोड़ने की कल्पना और योजना पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने काम किया था लेकिन, इसको शुरू होने में काफी वक्त लग रहा है. मध्यप्रदेश में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, अब यूपी में भी नदी जोड़ो योजना शुरू होने जा रही है. इसके लिए केन और बेतवा नदी को अभियान का हिस्सा बनाया गया है. इन नदियों के जुड़ जाने से बुंदेलखंड का सूखा समाप्त हो जाएगा. यह क्षेत्र पानी से लबालब हो जाएगा, तब बुंदेलखंड में कृत्रिम बारिश की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जिस योजना का सपना अटल जी ने देखा था, प्लान बनाया था वह अब मोदी और योगी सरकार में फलीभूत होने जा रहा है. दोनों सरकारों के प्रतिनिधि इसकी फाइल पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और काम भी शुरू होने की तिथि काफी करीब है.
बता दें कि सिंचाई मंत्री पिछले दो दिनों से गोरखपुर के दौरे पर हैं. यहां नदियां बाढ़ का भयावह रूप अख्तियार किए हुए हैं. राप्ती नदी खतरे से 2 मीटर ऊपर बह रही है. इस वजह से करीब 175 गांव बाढ़ की चपेट में हैं तो 2 लाख की आबादी प्रभावित है. बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के बाद मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बाढ़ बचाव में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी. अधिकारियों को बंधों की बराबर निगरानी का आदेश दिया गया है. उन्होंने खुद बंधों को देखा है. मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से कोई सरकार या इंसान नहीं निपट सकता है, लेकिन जिम्मेदारी से भी पीछे नहीं हटा जा सकता है. यह सौभाग्य है कि योगी सरकार में बाढ़ से कोई बड़ी हानि नहीं होने पाई है.