गोरखपुर: विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मुख्य अतिथि के तौर पर वहां पहुंची. राज्यपाल ने गोल्ड मेडल विजेताओं को बधाई दी. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज उन्हें ऐसा पहली बार देखने को मिला, जिसमें छह से सात विद्यार्थी ऐसे थे जिन्हें 6-7 मेडल मिले. इसमें लड़कियों की संख्या 70 प्रतिशत रही और मुझे इस बात की खुशी है. उन्होंने कहा कि यूपी की मिट्टी में ऐसा क्या है कि बेटियां बेटों से आगे निकल रही हैं. राज्यपाल ने मुख्य अतिथि से इसपर शोध करने की सलाह दी.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि ग्रामीण, महिलाओं, बच्चों को बेहतर हेल्थ सुविधाएं देने के लिए एक एप बेस्ड कार्य हो रहा है, जिससे महिलाओं का जीवन बच पाएगा. उन्होंने कहा कि आज यह देखकर अच्छा लगा कि गोल्ड मेडलधारी पीछे बैठे थे और छोटे बच्चे पहली लाइन में. यूनिवर्सिटी के ऐसे बच्चों को शहर के स्कूलों में जाना चाहिए, जहां छोटे बच्चों को शिक्षित किया जाए. प्रेरणा देना और प्रोत्साहित करना शिक्षा का हिस्सा है. उन्होंने अपने वाराणसी दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि जब हमें आगे बढ़ना है तो भारत में क्या-क्या हो रहा है इसे देखना और सुनना होगा. काशी क्या है, काशी ने दुनिया को क्या दिया है, कितना बदला है काशी है आपलोग इसको जानें. उन्होंने ऐसे प्रवचन को सभी वीसी से छपवाकर बंटवाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ के नए स्वरूप से आपको जानना चाहिए.
राज्यपाल ने अयोध्या राम मंदिर के निर्माण प्रक्रिया की चर्चा करते हुए कहा कि इसके फाउंडेशन में 50 फीट में रेत थी, जिसके बाद IIT के इंजीनियर ने काम किया. विश्वविद्यालय के प्रबंधन को ऐसी परियोजनाओं तक विद्यार्थियों को ले जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले लोग ऐसी निर्माण कला से जुड़े हैं, उन्हें आपको जानने की जरूरत है. उन्होंने 105 साल के एक वृद्ध के पद्मश्री अवार्ड की चर्चा करते हुए उदाहरण दिया कि जब वह छोटा था तो वह सब्जी बेचने का काम करता था. उसके पास से एक अंग्रेज गुजरा और उसने फल वाले से एक फल का नाम पूछा जो वह बता नहीं सका. फल वाले ने इस बात से प्रेरणा लेकर अपने खर्चे पर गांव में अंग्रेजी माध्यम का स्कूल खोल दिया, जिसमें 400 बच्चे पढ़ते हैं, ऐसे साधक को पद्मश्री अवार्ड मिला. उन्होंने छात्रों को खुद के बल पर आगे बढ़ने का संकल्प दिलाया.