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गोरखपुर नगर निगम की अरबों की जमीन पर भू-माफिया और पार्षदों का कब्जा - नगर निगम की जमीन पर कब्जा

गोरखपुर नगर निगम के स्वच्छता और सफाई में व्यस्त होने की वजह से उसकी कीमती जमीन पर भू-माफिया और पार्षदों ने कब्जा कर लिया है. कमिश्नर के आदेश के बाद नगर निगम जांच पड़ताल कर कार्रवाई में जुटा है.

दुर्गेश मिश्रा ने बताया
दुर्गेश मिश्रा ने बताया
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Published : Aug 3, 2023, 9:08 PM IST

दुर्गेश मिश्रा ने बताया.

गोरखपुर: शहरी क्षेत्र में बसे हुए लोगों को स्वच्छता और सफाई के साथ पथ प्रकाश और अन्य सुविधाओं को देने में गोरखपुर नगर निगम सक्रिय नजर आता है. निगम लोगों से हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, दुकानों से किराया वसूलता है. लेकिन अरबों की जमीन पार्षदों और माफियाओं द्वारा कब्जा होने के बाद भी वह अनजान बना हुआ है. कुछ जमीनों की जानकारी पर कमिश्नर के आदेश के बाद उसकी जांच पड़ताल हो रही है. अब नगर निगम ऐसी जमीन को कब्जे में लेकर आवासीय समेत कई व्यापारिक कार्यों को करने पर विचार कर रहा है.

नगर निगम की जमीन पर मैरिज हॉलः गोरखपुर नगर निगम की महानगर के 42 क्षेत्रों में जमीने हैं. कुल 3 हजार 732 जगह चिन्हित किए गए हैं. इसमें 10 नए वार्डों के बढ़ने से कुछ और जमीन निगम के आंकड़े में आ सकती हैं. लेकिन शहर के वीआईपी इलाके दक्षिणी बेतियाहाता में अजीत शाही नाम का माफिया नगर निगम की जमीन पर मैरेज हॉल बनाकर उसे कई वर्षों से संचालित कर रहा था. इस जमीन को निगम ने अब कब्जे में ले लिया है. नगर निगम अब अपनी जमीनों को कब्जे में लेकर इसमें आवासीय समेत कई व्यापारिक कार्यों को आगे बढ़ाने की सोच रहा है.

अवैध कब्जों को कराया गया ध्वस्तः अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि गोरखपुर नगर निगम के राजस्व विभाग की एक टीम बनाई गई है. जिसमें एक कानूनगो और दो लेखपाल समेत नगर निगम के अन्य कर्मचारी शामिल हैं. इनके द्वारा शहर की जमीन की पैमाइश और चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है. इस दौरान जहां अवैध कब्जा मिल रहा है. उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही जमीन को कब्जा करने वाले लोगों पर मामला भी दर्ज कराया जा रहा है. नगर निगम जरूरतों लोगों को अपनी जमीन के माध्यम से मदद भी कर रहा है. जमीन पर कब्जे को लेकर उन्होंने बताया कि शहर के महेवा वार्ड में निगम की जमीन पर 16 लोगों का नाम चढ़ा है. इस जमीन का कुल क्षेत्रफल 385 डिसमिल है.

पार्षद ने खाली करवाई जमीनः वहीं, वर्तमान पार्षद बृजेश सिंह छोटू ने बताया कि उन्होंने अपने 5 साल के कार्यकाल में नगर निगम की 3 बड़ी जमीनों को कब्जा मुक्त कराया है. जो कि महेवा वार्ड में डेढ़ एकड़, उर्वरक नगर में 4 हजार वर्ग फीट और शाहपुर वार्ड के डॉक्टर इन क्लब में 32 डिसमिल जमीन थी. नगर निगम ऐसी जमीन से कब्जा को हटवाना शुरू कर दिया है. साथ ही जमीन के खाली होने पर इसमें पौधरोपण करने में जुटा है.

सभी वार्डो में नगर निगम की जमीनः इस बीच एक पार्षद ने इतना दबाव बनाया कि नगर निगम को जमीन से उठाया गया मलबा वापस गिराना पड़ गया. एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी नगर निगम जमीन से पार्षद का मलवा नहीं हटवा पा रहा है. निगम क्षेत्र का कोई ऐसा वार्ड नहीं है, जहां नगर निगम की जमीन न हो. लेकिन ऐसी जमीन पर दबंगों का कब्जा है. हालांकि कमिश्नर के आदेश के बाद कार्रवाई तेज कर दी गई है. इस कार्रवाई के बाद नगर निगम के खाते में बड़े पैमाने पर जमीन उपलब्ध हो जाएगी.

यह भी पढ़ें- केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी ने सीमा हैदर को दिया पार्टी में शामिल होने का ऑफर, लड़ सकती है चुनाव


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दुर्गेश मिश्रा ने बताया.

गोरखपुर: शहरी क्षेत्र में बसे हुए लोगों को स्वच्छता और सफाई के साथ पथ प्रकाश और अन्य सुविधाओं को देने में गोरखपुर नगर निगम सक्रिय नजर आता है. निगम लोगों से हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, दुकानों से किराया वसूलता है. लेकिन अरबों की जमीन पार्षदों और माफियाओं द्वारा कब्जा होने के बाद भी वह अनजान बना हुआ है. कुछ जमीनों की जानकारी पर कमिश्नर के आदेश के बाद उसकी जांच पड़ताल हो रही है. अब नगर निगम ऐसी जमीन को कब्जे में लेकर आवासीय समेत कई व्यापारिक कार्यों को करने पर विचार कर रहा है.

नगर निगम की जमीन पर मैरिज हॉलः गोरखपुर नगर निगम की महानगर के 42 क्षेत्रों में जमीने हैं. कुल 3 हजार 732 जगह चिन्हित किए गए हैं. इसमें 10 नए वार्डों के बढ़ने से कुछ और जमीन निगम के आंकड़े में आ सकती हैं. लेकिन शहर के वीआईपी इलाके दक्षिणी बेतियाहाता में अजीत शाही नाम का माफिया नगर निगम की जमीन पर मैरेज हॉल बनाकर उसे कई वर्षों से संचालित कर रहा था. इस जमीन को निगम ने अब कब्जे में ले लिया है. नगर निगम अब अपनी जमीनों को कब्जे में लेकर इसमें आवासीय समेत कई व्यापारिक कार्यों को आगे बढ़ाने की सोच रहा है.

अवैध कब्जों को कराया गया ध्वस्तः अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि गोरखपुर नगर निगम के राजस्व विभाग की एक टीम बनाई गई है. जिसमें एक कानूनगो और दो लेखपाल समेत नगर निगम के अन्य कर्मचारी शामिल हैं. इनके द्वारा शहर की जमीन की पैमाइश और चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है. इस दौरान जहां अवैध कब्जा मिल रहा है. उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही जमीन को कब्जा करने वाले लोगों पर मामला भी दर्ज कराया जा रहा है. नगर निगम जरूरतों लोगों को अपनी जमीन के माध्यम से मदद भी कर रहा है. जमीन पर कब्जे को लेकर उन्होंने बताया कि शहर के महेवा वार्ड में निगम की जमीन पर 16 लोगों का नाम चढ़ा है. इस जमीन का कुल क्षेत्रफल 385 डिसमिल है.

पार्षद ने खाली करवाई जमीनः वहीं, वर्तमान पार्षद बृजेश सिंह छोटू ने बताया कि उन्होंने अपने 5 साल के कार्यकाल में नगर निगम की 3 बड़ी जमीनों को कब्जा मुक्त कराया है. जो कि महेवा वार्ड में डेढ़ एकड़, उर्वरक नगर में 4 हजार वर्ग फीट और शाहपुर वार्ड के डॉक्टर इन क्लब में 32 डिसमिल जमीन थी. नगर निगम ऐसी जमीन से कब्जा को हटवाना शुरू कर दिया है. साथ ही जमीन के खाली होने पर इसमें पौधरोपण करने में जुटा है.

सभी वार्डो में नगर निगम की जमीनः इस बीच एक पार्षद ने इतना दबाव बनाया कि नगर निगम को जमीन से उठाया गया मलबा वापस गिराना पड़ गया. एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी नगर निगम जमीन से पार्षद का मलवा नहीं हटवा पा रहा है. निगम क्षेत्र का कोई ऐसा वार्ड नहीं है, जहां नगर निगम की जमीन न हो. लेकिन ऐसी जमीन पर दबंगों का कब्जा है. हालांकि कमिश्नर के आदेश के बाद कार्रवाई तेज कर दी गई है. इस कार्रवाई के बाद नगर निगम के खाते में बड़े पैमाने पर जमीन उपलब्ध हो जाएगी.

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