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गोरखपुर एम्स में जल्द शुरू होगी IPD, ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी सुविधा

यूपी के गोरखपुर जिले में बन रहे एम्स के विकास कार्य को कोरोना की वजह से रुकावट आ गई है. इस एम्स को जुलाई 2020 तक सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट और सर्जरी की सुविधा के साथ 300 बेड के अस्पताल शुरू करने की तैयारी थी. वहीं इसमें कोरोना से पहले 16 विभागों की ओपीडी संचालित हो रही थी. एम्स प्रशासन का कहना है जैसे ही निर्माण कार्य पूरा होगा वैसे ही आईपीडी की सुविधा को प्रारंभ किया जाएगा.

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Published : Jun 29, 2020, 1:30 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 1:39 PM IST

gorakhpur aiims
गोरखपुर एम्स.

गोरखपुरः गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सुविधा देने के लिए बनाए जा रहे गोरखपुर एम्स के विकास पर कोरोना संक्रमण ने ब्रेक लगा दिया है. साल 2019 में ओपीडी सेवा शुरू करने के साथ जुलाई 2020 में सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट और सर्जरी के साथ 300 बेड के अस्पताल को शुरू करने की तैयारी थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसमें रुकावट आई गई, लेकिन इसके बाद भी यहां की निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर हिम्मत नहीं हारी हैं. उनका कहना है कि निर्माण कार्य जैसे ही पूरा होगा. सबसे पहले एम्स परिसर में आईपीडी (Inpatient Department) के साथ ट्रामा और इमरजेंसी सुविधा को प्रारंभ किया जाएगा.

गोरखपुर एम्स में जल्द शुरू होंगी कई सुविधाएं

निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने कहा कि एम्स की पहुंच आम जनता तक हो इसके लिए कम्युनिटी पार्टिपेशन को बढ़ाया जाएगा. लोगों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी और स्थानीय स्तर के नेताओं, जागरूक लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जोड़कर सबसे अच्छी सुविधा देने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि एम्स पर जितना लोगों का भरोसा है, उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदारी एम्स प्रबंधन की है. इसके साथ ही एम्स निदेशक ने कहा कि पूर्वांचल के जिस हिस्से में यह स्थापित हुआ है. वहां पर इसकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. शोध के साथ सामाजिक सरोकार को बढ़ाने पर एम्स का जोर होगा.

इसे भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर टिड्डियों की वायरल खबर से हलकान रहा गोरखपुर प्रशासन

कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले गोरखपुर एम्स में करीब 16 विभागों की ओपीडी चल रही थीं. रोजाना 900 से ज्यादा मरीज देखे जा रहे थे. यहां पर 124 चिकित्सकों की नियुक्ति होनी है जिनमें 23 प्रोफेसर, 21 एडीशनल प्रोफेसर, 30 एसोसिएट प्रोफेसर और 50 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. यहां पर एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई भी चल रही है. अभी जो विभाग यहां चल रहे हैं, उनमें मेडिसिन, माइनर सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, गायनिक, ईएनटी, पीडियाट्रिक, साइकाइट्रिक, डर्मेटोलॉजी, डेंटिस्ट, रेडियोलॉजी जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं.

गोरखपुरः गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सुविधा देने के लिए बनाए जा रहे गोरखपुर एम्स के विकास पर कोरोना संक्रमण ने ब्रेक लगा दिया है. साल 2019 में ओपीडी सेवा शुरू करने के साथ जुलाई 2020 में सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट और सर्जरी के साथ 300 बेड के अस्पताल को शुरू करने की तैयारी थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसमें रुकावट आई गई, लेकिन इसके बाद भी यहां की निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर हिम्मत नहीं हारी हैं. उनका कहना है कि निर्माण कार्य जैसे ही पूरा होगा. सबसे पहले एम्स परिसर में आईपीडी (Inpatient Department) के साथ ट्रामा और इमरजेंसी सुविधा को प्रारंभ किया जाएगा.

गोरखपुर एम्स में जल्द शुरू होंगी कई सुविधाएं

निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने कहा कि एम्स की पहुंच आम जनता तक हो इसके लिए कम्युनिटी पार्टिपेशन को बढ़ाया जाएगा. लोगों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी और स्थानीय स्तर के नेताओं, जागरूक लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जोड़कर सबसे अच्छी सुविधा देने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि एम्स पर जितना लोगों का भरोसा है, उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदारी एम्स प्रबंधन की है. इसके साथ ही एम्स निदेशक ने कहा कि पूर्वांचल के जिस हिस्से में यह स्थापित हुआ है. वहां पर इसकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. शोध के साथ सामाजिक सरोकार को बढ़ाने पर एम्स का जोर होगा.

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कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले गोरखपुर एम्स में करीब 16 विभागों की ओपीडी चल रही थीं. रोजाना 900 से ज्यादा मरीज देखे जा रहे थे. यहां पर 124 चिकित्सकों की नियुक्ति होनी है जिनमें 23 प्रोफेसर, 21 एडीशनल प्रोफेसर, 30 एसोसिएट प्रोफेसर और 50 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. यहां पर एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई भी चल रही है. अभी जो विभाग यहां चल रहे हैं, उनमें मेडिसिन, माइनर सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, गायनिक, ईएनटी, पीडियाट्रिक, साइकाइट्रिक, डर्मेटोलॉजी, डेंटिस्ट, रेडियोलॉजी जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं.

Last Updated : Jun 29, 2020, 1:39 PM IST
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