गोरखपुर: वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना 22 फरवरी को प्रदेश सरकार का आखिरी बजट पेश करेंगे. इस बजट से प्रदेश के हर वर्ग के लोग तरह-तरह की उम्मीद लगाए बैठे हैं. ऐसे ही लोगों में प्रदेश का बुजुर्ग अधिवक्ता समूह भी है जो इस बजट पर टकटकी लगाए बैठा है. खासकर मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से 70 की उम्र पार कर चुके और बुजुर्गों की श्रेणी में शामिल होने वाले अधिवक्ता इस उम्मीद में है कि उनके लिए इस बजट में सरकार शायद पेंशन की स्कीम जरूर ला रही हो. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके लिए कई बार अधिवक्ताओं को आश्वस्त कर चुके हैं. बहुत जल्द इसकी घोषणा की बात करते रहे हैं.
10 हजार की मासिक पेंशन भी है अधिवक्ताओं को स्वीकार
अधिवक्ताओं का कहना है कि उन्हें पेंशन देने की बात तो समाजवादी सरकार से होती चली जा रही है. लेकिन इसे पूरा पिछले पंद्रह वर्षों में किसी सरकार ने नहीं किया. गोरखपुर के दीवानी, कलेक्ट्रेट और कमिश्नर कोर्ट में काम करने वाले युवा और बुजुर्ग अधिवक्ताओं की संख्या की बात करें तो यह करीब 7 हजार होगी. प्रदेश में कुल पंजीकृत अधिवक्ताओं की संख्या करीब ढाई लाख है. जिसमें 50 हजार अधिवक्ता ऐसे होंगे जो 70 की उम्र पार कर चुके होंगे या उसके करीब हैं. अधिवक्ताओं का कहना है कि 50 हजार की आबादी के लिए सरकार को पेंशन की घोषणा करना कोई बड़ी बात नहीं है. उनकी चाहत है कि सरकार उन्हें अधिकतम 10 हजार मासिक पेंशन भी देगी तो उनका बुढ़ापा कट जाएगा. बुढ़ापे को बड़ा सहारा मिलेगा.
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सरकार की स्टांप, रेवेन्यू टिकट और अन्य स्रोतों से होने वाली आय में अधिवक्ता समाज का बड़ा रोल
अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकार को स्टांप, रेवेन्यू टिकट समेत कई स्रोतों से आय होती है. जिसमें अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से अधिवक्ताओं की कार्यशैली जुड़ी होती है. उन्होंने कहा कि जब सरकार हर वर्ग की चिंता करती है तो फिर अधिवक्ता समूह को अपने से क्यों वंचित करती है. उन्होंने कहा कि युवा अधिवक्ता जहां संघर्षों से मुकाम बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं. और सरकार से एक निश्चित स्टाइपेंड की उम्मीद रखते हैं तो ऐसे में बुजुर्ग अधिवक्ताओं को बुढ़ापे में पेंशन एक बड़ा सहारा दिखाई दे रही है. अधिवक्ताओं का इस पर जोर ज्यादा इसलिए है क्योंकि गोरखपुर के अधिवक्ताओं से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार रूबरू हुए हैं. उन्होंने इसके लिए अधिवक्ताओं को आश्वस्त भी किया है. इसलिए इस बजट से पेंशन की स्कीम शुरू होने की उम्मीद अधिवक्ता लगा बैठे हैं. अधिवक्ताओं का कहना है कि योगी सरकार का यह आखिरी बजट है, जिसके बाद सरकार को चुनावी वर्ष में जाना है. ऐसे उनकी मांग पूरी हो जाती तो बड़ी बात होगी.
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