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सरस मेले में नारी सशक्तिकरण का जलवा, दिखाई दिया ऐसा भारत - स्टॉल

गोरखपुर के विकास भवन परिसर में 22 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने हाथ से बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए. पहली बार लगे इस मेले में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचे. इस मेले में पहुंचे मंडलायुक्त ने महिलाओं को प्रचार-प्रसार के मंत्र दिए.

saras fair in gorkhpur
गोरखपुर में सरस मेला
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Published : Nov 12, 2020, 7:23 PM IST

गोरखपुरः विकास भवन परिसर में लगे सरस मेले में नारी सशक्तिकरण की तस्वीर देखने को मिली. यहां 22 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने हाथ से बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए. पहली बार लगे इस मेले में देर शाम तक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने हजारों रुपये की बिक्री की. ग्रामीण परिवेश से जुड़ी महिलाओं ने स्टॉल लगाकर अपने हाथों से बने उत्पादों का प्रदर्शन भी किया. महिलाओं ने इन उत्पादों की विशेषताओं के बारे में भी बताया.

मंडलायुक्त ने महिलाओं को दिए मंत्र

इस मेले का अवलोकन करने पहुंचे मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने महिलाओं को उनके उत्पादों की बिक्री और प्रचार-प्रसार के मंत्र दिए. इस दौरान उनके साथ जिला अधिकारी के विजेंद्र पांडियन, सीडीओ इंद्रजीत सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया. मेले में हाथ से बने सस्ते और अच्छे उत्पाद देखने को मिले. इनमें टेराकोटा, झालर, टेडी बेयर, एलइडी बल्ब, स्वेटर, फोटो फ्रेम, अचार, गुलदस्ता, दिया, मोमबत्ती, आटा, बैग, फिनायल, गाय के गोबर से बने धूपबत्ती, तुलसी अर्क, अगरबत्ती, मोमबत्ती, डिजाइनर मोमबत्ती, काला नमक चावल, तीसी आदि के स्टाल देखने को मिले.

लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर

मंडलायुक्त ने लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया. बताया कि सरकार लोकल उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहती है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इस सरस मेले का आयोजन किया है. इस मौके पर मंडलायुक्त ने लोकल उत्पादों के प्रचार प्रसार की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

लोकल उत्पादों का मेले में दिखा क्रेज

मेले में समूहों की महिलाओं ने हस्त निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए थे. इसे देखने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से भी लोग पहुंचे. महिलाओं के बनाए इन उत्पादों को खूब पसंद भी किया जा रहा है. महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए इससे बेहतर मंच नहीं मिल सकता। इसलिए लोगों को सामने आकर इन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है.

स्वास्थ्य के लिए भी हैं लाभदायक

सेवा भारती मातृ मंडल के अध्यक्ष मधु राठौर ने बताया कि महिलाओं ने समूहों में मेहनत कर अपने हाथ से बने उत्पाद तैयार किए हैं. इन्हें प्रोत्साहित करना सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया ऑर्गेनिक उत्पाद वातावरण के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. वहीं महेंद्र प्रताप यादव ने बताया कि ओडीओपी के तहत हम लोगों के उत्पादों को एक उचित स्थान प्राप्त हो रहा है. काला नमक, तीसी, सरसों का तेल सहित अन्य उत्पादों को हाथों से निर्मित कर इस सरस मेले में बेचने का कार्य किया जा रहा है.

गोरखपुरः विकास भवन परिसर में लगे सरस मेले में नारी सशक्तिकरण की तस्वीर देखने को मिली. यहां 22 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने हाथ से बनाए उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए. पहली बार लगे इस मेले में देर शाम तक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने हजारों रुपये की बिक्री की. ग्रामीण परिवेश से जुड़ी महिलाओं ने स्टॉल लगाकर अपने हाथों से बने उत्पादों का प्रदर्शन भी किया. महिलाओं ने इन उत्पादों की विशेषताओं के बारे में भी बताया.

मंडलायुक्त ने महिलाओं को दिए मंत्र

इस मेले का अवलोकन करने पहुंचे मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने महिलाओं को उनके उत्पादों की बिक्री और प्रचार-प्रसार के मंत्र दिए. इस दौरान उनके साथ जिला अधिकारी के विजेंद्र पांडियन, सीडीओ इंद्रजीत सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया. मेले में हाथ से बने सस्ते और अच्छे उत्पाद देखने को मिले. इनमें टेराकोटा, झालर, टेडी बेयर, एलइडी बल्ब, स्वेटर, फोटो फ्रेम, अचार, गुलदस्ता, दिया, मोमबत्ती, आटा, बैग, फिनायल, गाय के गोबर से बने धूपबत्ती, तुलसी अर्क, अगरबत्ती, मोमबत्ती, डिजाइनर मोमबत्ती, काला नमक चावल, तीसी आदि के स्टाल देखने को मिले.

लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर

मंडलायुक्त ने लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया. बताया कि सरकार लोकल उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहती है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इस सरस मेले का आयोजन किया है. इस मौके पर मंडलायुक्त ने लोकल उत्पादों के प्रचार प्रसार की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

लोकल उत्पादों का मेले में दिखा क्रेज

मेले में समूहों की महिलाओं ने हस्त निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए थे. इसे देखने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से भी लोग पहुंचे. महिलाओं के बनाए इन उत्पादों को खूब पसंद भी किया जा रहा है. महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए इससे बेहतर मंच नहीं मिल सकता। इसलिए लोगों को सामने आकर इन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है.

स्वास्थ्य के लिए भी हैं लाभदायक

सेवा भारती मातृ मंडल के अध्यक्ष मधु राठौर ने बताया कि महिलाओं ने समूहों में मेहनत कर अपने हाथ से बने उत्पाद तैयार किए हैं. इन्हें प्रोत्साहित करना सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया ऑर्गेनिक उत्पाद वातावरण के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. वहीं महेंद्र प्रताप यादव ने बताया कि ओडीओपी के तहत हम लोगों के उत्पादों को एक उचित स्थान प्राप्त हो रहा है. काला नमक, तीसी, सरसों का तेल सहित अन्य उत्पादों को हाथों से निर्मित कर इस सरस मेले में बेचने का कार्य किया जा रहा है.

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