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गोरखपुर: अमीर खा गए किसानों की 'सम्मान निधि' का पैसा, जांच में हुआ खुलासा - प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में धांधली

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में जमकर लोग धांधली कर रहे हैं. इसका खुलासा जांच होने पर हुआ. गोरखपुर में 1218 लोग संज्ञान में आए हैं जो आयकर भी भर रहे हैं और सम्मान निधि का फायदा भी उठा रहे हैं.

किसान सम्मान निधि में धांधली
किसान सम्मान निधि में धांधली
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Published : Jul 3, 2022, 9:32 AM IST

गोरखपुर: लघु और मध्यम किसानों की मदद के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ गोरखपुर में अमीर और टैक्सदाता लोग धड़ल्ले से उठा रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ है, जब किसान सम्मान निधि देने में हुई धांधली की जांच संपन्न हुई. जिले में करीब 1218 ऐसे व्यक्ति संज्ञान में आए हैं जो आयकर भी भर रहे हैं और सम्मान निधि भी डकार रहे हैं. फिलहाल अब केंद्र सरकार इनके खातों में सम्मान निधि का पैसा नहीं भेजेगी. लेकिन, इन्होंने पूर्व में जो किसान सम्मान निधि का पैसा डकारा है उसकी वसूली के लिए कृषि विभाग ने अब इन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे लोग न तो नोटिस रिसीवर कर रहे हैं और न ही अभी पैसे की अदायगी ही कर रहे हैं.

गरीब और मध्यम वर्ग के किसान अपनी खेती कर सकें इसलिए सरकार पिछले 3 वर्षों से उन्हें सम्मान निधि दे रही है. जिले में करीब 5 लाख 24 हजार 213 किसानों के खाते में 835 करोड़ रुपये अब तक भेजे जा चुके हैं. इनमें 1218 आयकर दाताओं ने भी झूठा घोषणा पत्र भरकर सम्मान निधि की राशि हजम की है. इनके खाते में अब तक 96.80 लाख रुपए भेजे जा चुके हैं. अधिकतर को छठी किस्त का भी लाभ मिल चुका है.

फिलहाल, आधार सत्यापन के दौरान पता चला कि यह आयकर भी जमा करते हैं. इसकी जानकारी होने पर केंद्र सरकार ने इनकी सम्मान निधि रोक दी है. जब ऐसे लोगों की सूची कृषि विभाग के पास भेजी गई तो विभाग के भी होश उड़ गए. इस पर वसूली के लिए उन्होंने ऐसे आयकर दाताओं के पास फोन करना शुरू किया तो इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के बहाने ढूंढने लगे. ऐसे लोगों को अब नोटिस भी जारी की जा रही है. कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें जानकारी ही नहीं कि कैसे उनका नाम इसमें शामिल हो गया. लेकिन, खाते में रकम आई और लोग उसे हड़प करते चले गए.

यह भी पढ़ें: प्रदेश के 600 से ज्यादा ब्लॉकों में भूगर्भ जल की स्थिति चिंताजनक : डॉ. सिन्हा

गोरखपुर के उप कृषि निदेशक रहे संजय सिंह जिनका नयी तबादला नीति के तहत गोरखपुर से तबादला हो चुका है. उन्होंने इस संबंध में ईटीवी भारत को बताया कि वसूली के लिए 300 से अधिक लोगों से संपर्क हो चुका है. वह इससे बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं. सम्मान निधि की राशि उन्हें वापस करनी होगी नहीं तो आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. जिले में सबसे अधिक ऐसे फर्जी लाभ लेने वालों की संख्या उरुवा ब्लॉक में है जो कुल 318 है. खजनी ब्लॉक में 304, कौड़ीराम में 298 और कैंपियरगंज में इनकी संख्या 183 है.

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गोरखपुर: लघु और मध्यम किसानों की मदद के लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ गोरखपुर में अमीर और टैक्सदाता लोग धड़ल्ले से उठा रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ है, जब किसान सम्मान निधि देने में हुई धांधली की जांच संपन्न हुई. जिले में करीब 1218 ऐसे व्यक्ति संज्ञान में आए हैं जो आयकर भी भर रहे हैं और सम्मान निधि भी डकार रहे हैं. फिलहाल अब केंद्र सरकार इनके खातों में सम्मान निधि का पैसा नहीं भेजेगी. लेकिन, इन्होंने पूर्व में जो किसान सम्मान निधि का पैसा डकारा है उसकी वसूली के लिए कृषि विभाग ने अब इन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे लोग न तो नोटिस रिसीवर कर रहे हैं और न ही अभी पैसे की अदायगी ही कर रहे हैं.

गरीब और मध्यम वर्ग के किसान अपनी खेती कर सकें इसलिए सरकार पिछले 3 वर्षों से उन्हें सम्मान निधि दे रही है. जिले में करीब 5 लाख 24 हजार 213 किसानों के खाते में 835 करोड़ रुपये अब तक भेजे जा चुके हैं. इनमें 1218 आयकर दाताओं ने भी झूठा घोषणा पत्र भरकर सम्मान निधि की राशि हजम की है. इनके खाते में अब तक 96.80 लाख रुपए भेजे जा चुके हैं. अधिकतर को छठी किस्त का भी लाभ मिल चुका है.

फिलहाल, आधार सत्यापन के दौरान पता चला कि यह आयकर भी जमा करते हैं. इसकी जानकारी होने पर केंद्र सरकार ने इनकी सम्मान निधि रोक दी है. जब ऐसे लोगों की सूची कृषि विभाग के पास भेजी गई तो विभाग के भी होश उड़ गए. इस पर वसूली के लिए उन्होंने ऐसे आयकर दाताओं के पास फोन करना शुरू किया तो इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के बहाने ढूंढने लगे. ऐसे लोगों को अब नोटिस भी जारी की जा रही है. कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें जानकारी ही नहीं कि कैसे उनका नाम इसमें शामिल हो गया. लेकिन, खाते में रकम आई और लोग उसे हड़प करते चले गए.

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गोरखपुर के उप कृषि निदेशक रहे संजय सिंह जिनका नयी तबादला नीति के तहत गोरखपुर से तबादला हो चुका है. उन्होंने इस संबंध में ईटीवी भारत को बताया कि वसूली के लिए 300 से अधिक लोगों से संपर्क हो चुका है. वह इससे बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं. सम्मान निधि की राशि उन्हें वापस करनी होगी नहीं तो आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. जिले में सबसे अधिक ऐसे फर्जी लाभ लेने वालों की संख्या उरुवा ब्लॉक में है जो कुल 318 है. खजनी ब्लॉक में 304, कौड़ीराम में 298 और कैंपियरगंज में इनकी संख्या 183 है.

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