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गोरखपुर: बाढ़ से सुरक्षा के लिए वन विभाग ने बनाई योजना, 180 स्थलों पर रोपे जाएंगे 13 लाख पौधे

यूपी के गोरखपुर मंडल के बाढ़ प्रभावित गांवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार की है. मंडल में नदियों के किनारे बसे गांवों के 180 स्थलों का वन विभाग ने चयन किया है, जहां कटान होती है. ऐसी जगहों पर 13 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे. ये पौधे कटान रोकने में मददगार साबित होंगे. साथ ही गांवों में बाढ़ का खतरा भी कम होगा

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बाढ़ और कटान रोकने के लिए लगाए जाएंगे 13 लाख पौधे.
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Published : Aug 23, 2020, 10:25 PM IST

गोरखपुर: नदियों को बचाने और गोरखपुर मंडल के बाढ़ प्रभावित गांवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार की है. नदियों के किनारे बसे गांवों के 180 स्थलों का वन विभाग ने चयन किया है, जहां कटान होती है. ऐसी जगहों पर 13 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे, जिससे यह पौधे कटान रोकने में मददगार साबित होंगे. साथ ही गांवों में बाढ़ का खतरा भी कम होगा जाएगा. वन विभाग की यह योजना मूर्तरूप लेने भी लगी है, जिससे गोरखपुर मंडल की राप्ती, सरयू, आमी, रोहिन और नारायणी जैसी नदियों को एक नई जिंदगी मिल सकेगी.

बाढ़ और कटान रोकने के लिए लगाए जाएंगे 13 लाख पौधे.

गोरखपुर के डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कि पर्यावरणीय व्यवस्था और वन विभाग के शोध से यह बात सिद्ध है कि नदियों को पुनर्जीवित करने में वृक्षों की अहम भूमिका होती है. इस तथ्य को ध्यान में रखकर वन महोत्सव के तहत गोरखपुर मंडल की सभी नदियों के किनारे उन स्थलों का चयन किया गया है, जहां नदियां अधिक कटान करती हैं. ऐसे स्थलों की संख्या 180 है, जहां पौधे लगाए जाएंगे. खास बात यह है कि इन पौधों में सर्वाधिक सागौन के पौधे होंगे, लेकिन इसके अलावा सहजन, बरगद, आम, पीपल और जामुन के पौधे भी लगाए जाएंगे. इन पौधों से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा. एक तरफ खेतों की मिट्टी खेतों में ही रह जाएगी. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों को फल भी मिलेगा. इस व्यवस्था से नदियों के किनारे वाला क्षेत्र ऑक्सीजन जोन के रूप में भी विकसित हो जाएगा.

वन विभाग की योजना पर नजर डालें तो गोरखपुर मंडल में कुल 4 जिले आते हैं. इसमें से गोरखपुर में 80 स्थलों पर 545 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 5 लाख 97 हाजर पौधे लगाए जाएंगे. महाराजगंज में 18 स्थानों पर 230 हेक्टेयर में 2 लाख 53 हजार पौधे रोपे जाएंगे. देवरिया में 73 स्थलों पर 355 हेक्टेयर में 3 लाख 90 हजार पौधे, तो कुशीनगर में 9 स्थलों पर 58 हेक्टेयर में करीब 61 हजार पौधे लगाए जाएंगे. वन विभाग का मानना है कि इन पौधों के लगाए जाने से नदियों के किनारे पक्षियों को भी ठिकाना मिलेगा. साथ ही पौधों को सुरक्षित रखने में नदियों के बंधों को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा.

गोरखपुर: नदियों को बचाने और गोरखपुर मंडल के बाढ़ प्रभावित गांवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने एक योजना तैयार की है. नदियों के किनारे बसे गांवों के 180 स्थलों का वन विभाग ने चयन किया है, जहां कटान होती है. ऐसी जगहों पर 13 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे, जिससे यह पौधे कटान रोकने में मददगार साबित होंगे. साथ ही गांवों में बाढ़ का खतरा भी कम होगा जाएगा. वन विभाग की यह योजना मूर्तरूप लेने भी लगी है, जिससे गोरखपुर मंडल की राप्ती, सरयू, आमी, रोहिन और नारायणी जैसी नदियों को एक नई जिंदगी मिल सकेगी.

बाढ़ और कटान रोकने के लिए लगाए जाएंगे 13 लाख पौधे.

गोरखपुर के डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कि पर्यावरणीय व्यवस्था और वन विभाग के शोध से यह बात सिद्ध है कि नदियों को पुनर्जीवित करने में वृक्षों की अहम भूमिका होती है. इस तथ्य को ध्यान में रखकर वन महोत्सव के तहत गोरखपुर मंडल की सभी नदियों के किनारे उन स्थलों का चयन किया गया है, जहां नदियां अधिक कटान करती हैं. ऐसे स्थलों की संख्या 180 है, जहां पौधे लगाए जाएंगे. खास बात यह है कि इन पौधों में सर्वाधिक सागौन के पौधे होंगे, लेकिन इसके अलावा सहजन, बरगद, आम, पीपल और जामुन के पौधे भी लगाए जाएंगे. इन पौधों से ग्रामीणों को काफी लाभ होगा. एक तरफ खेतों की मिट्टी खेतों में ही रह जाएगी. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों को फल भी मिलेगा. इस व्यवस्था से नदियों के किनारे वाला क्षेत्र ऑक्सीजन जोन के रूप में भी विकसित हो जाएगा.

वन विभाग की योजना पर नजर डालें तो गोरखपुर मंडल में कुल 4 जिले आते हैं. इसमें से गोरखपुर में 80 स्थलों पर 545 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 5 लाख 97 हाजर पौधे लगाए जाएंगे. महाराजगंज में 18 स्थानों पर 230 हेक्टेयर में 2 लाख 53 हजार पौधे रोपे जाएंगे. देवरिया में 73 स्थलों पर 355 हेक्टेयर में 3 लाख 90 हजार पौधे, तो कुशीनगर में 9 स्थलों पर 58 हेक्टेयर में करीब 61 हजार पौधे लगाए जाएंगे. वन विभाग का मानना है कि इन पौधों के लगाए जाने से नदियों के किनारे पक्षियों को भी ठिकाना मिलेगा. साथ ही पौधों को सुरक्षित रखने में नदियों के बंधों को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा.

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