गोरखपुरः जिले में बाढ़ ने रौद्र रूप ले लिया है. पिछले दो दिनों में नदी का पानी घटने से बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या कम हो रही थी. वहीं, शनिवार को अचानक घाघरा नदी पर बना टेड़िया रिंग बांध टूट गया. वहीं, सुरवा ताल में भी राप्ती नदी का पानी बढ़ने लगा, इसके चलते जिले के 240 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. घाघरा और राप्ती नदी समेत सभी नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकीं हैं. 121 गांव बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं. लोगों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से 290 नावों को लगाए जाने का दावा किया जा रहा है.
गौरतलब है कि घाघरा नदी के किनारे बने टेड़िया रिंग बांध टूटने से बड़हलगंज स्थित होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की तरफ पानी बढ़ने लगा है. खरेसड़ी गांव में भी बाढ़ का पानी भरने लगा है. बांध टूटने से राम जानकी मार्ग पर पानी का दबाव और बढ़ने की उम्मीद है. इसकी वजह से आसपास के लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. फिलहाल जनहानि की कोई सूचना नहीं है. वहीं, प्रशासन भी बचाव कार्य में लगा हुआ है.
जानकारी के अनुसार, घाघरा नदी अयोध्या में खतरे के निशान से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं, राप्ती नदी बर्डघाट में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर आ चुकी है. रोहिन और कुआंनो भी लबालब हैं, जो खतरे के निशान को पार करने के बेहद करीब है. नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते बाढ़ प्रभावित गांव की संख्या 200 से बढ़कर शनिवार शाम तक 240 हो गई है. इसमें करीब 97000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. करीब 13000 हेक्टेयर फसल के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
बाढ़ प्रभावित इलाके में स्वास्थ्य विभाग की 136 टीमों को लगाया गया है. वहीं, पशुओं के उपचार के लिए 29 पशु शिविर संचालित किए जा रहे हैं. कम्युनिटी किचन के माध्यम से करीब आठ हजार लंच पैकेट बांटे जा रहे हैं. आपदा प्रबंधन अधिकारी गौतम गुप्ता का कहना है कि जिला प्रशासन बाढ़ से बचाव को लेकर सभी तैयारियों में जुटा है. तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नामित कर दिए गए हैं.
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