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गोरखपुरः मूसलाधार बारिश से परेशान हुए किसान, मौसम विभाग ने जारी किया हाईअलर्ट

जनपद में सोमवार की शाम से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने पूर्वांचल में हाईअलर्ट जारी कर दिया है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से किसानों और आम लोग परेशान नजर आ रहे हैं.

मूसलाधार बारिश से किसान परेशान, मौसम विभाग ने पूर्वांचल में जारी किया हाईअलर्ट.
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Published : Jul 15, 2019, 4:41 AM IST

गोरखपुरः मौसम विभाग ने पूर्वांचल में हाईअलर्ट जारी कर दिया है. जनपद में सोमवार की शाम से हो रही मूसलाधार बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस प्रकार की बारिश अब किसानों और आम लोगों के लिए परेशानी बनती जा रही है. सड़कों पर पानी भर जाने से आम लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.

मूसलाधार बारिश से किसान परेशान.

पानी भरने से प्रभावित हुई खरीफ की फसल-

  • खेतों में पानी भर जाने से खरीफ की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
  • किसान धान की नर्सरी तैयार करके रोपाई का इंतजार कर रहे थे..

सब्जियों की खेती बर्बादी के कगार पर-

  • खरीफ मौसम की सब्जियों पर बारिश का बुरा असर पड़ने लगा है.
  • बारिश होते ही हरी सब्जियां बाजारों से गायब हो गई हैं.
  • जो सब्जियां बाजारों में उपलब्ध हो रही है, उनका भाव भी आसमान पर है.
  • भिन्डी, करैला, लौकी, सरपुतिया, नेनुआ आदि बाजारों में कम दिख रही है.

पेड़-पौधे गिरे, मवेशियों के सामने हरे चारे का संकट-

  • तेज हवाओं के साथ रुक-रुककर निरंतर वर्षा हो रही है.
  • तेज हवाओं से पेड़-पौधे, मकान धाराशायी हो रहे हैं.
  • मवेशियों के सामने हरे चारे का संकट है.
  • लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया है.
  • विद्युत पोल गिरने से विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है.

बारिश होने के लिए तरस रहे थे कि कब बरसात हो और लोगों का जीवन खुशहाल हो. लेकिन जब बरसात हुई तो लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बारिश से लोगों के जान-माल और फसल सबको नुकसान पहुंचा है. बरसात का पानी लोगों के जख्मों पर मरहम साबित हुआ. लेकिन मूसलाधार बारिश अब लोगों के लिए जख्म साबित हो रही है.
-जमील अहमद, किसान

खेतों में की गई धान की रोपाई जलजमाव के कारण बर्बाद हो गए. मवेशियों के सामने हरे चारे का भी संकट खड़ा हो गया है. हरा घास न मिलने से मवेशी भुखमरी के कगार पर हैं. धानों की नर्सरी भी कहीं नही बची हुई है कि फिर से रोपाई की जा सके.
-मकसूद आलम, किसान

गोरखपुरः मौसम विभाग ने पूर्वांचल में हाईअलर्ट जारी कर दिया है. जनपद में सोमवार की शाम से हो रही मूसलाधार बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस प्रकार की बारिश अब किसानों और आम लोगों के लिए परेशानी बनती जा रही है. सड़कों पर पानी भर जाने से आम लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.

मूसलाधार बारिश से किसान परेशान.

पानी भरने से प्रभावित हुई खरीफ की फसल-

  • खेतों में पानी भर जाने से खरीफ की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
  • किसान धान की नर्सरी तैयार करके रोपाई का इंतजार कर रहे थे..

सब्जियों की खेती बर्बादी के कगार पर-

  • खरीफ मौसम की सब्जियों पर बारिश का बुरा असर पड़ने लगा है.
  • बारिश होते ही हरी सब्जियां बाजारों से गायब हो गई हैं.
  • जो सब्जियां बाजारों में उपलब्ध हो रही है, उनका भाव भी आसमान पर है.
  • भिन्डी, करैला, लौकी, सरपुतिया, नेनुआ आदि बाजारों में कम दिख रही है.

पेड़-पौधे गिरे, मवेशियों के सामने हरे चारे का संकट-

  • तेज हवाओं के साथ रुक-रुककर निरंतर वर्षा हो रही है.
  • तेज हवाओं से पेड़-पौधे, मकान धाराशायी हो रहे हैं.
  • मवेशियों के सामने हरे चारे का संकट है.
  • लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया है.
  • विद्युत पोल गिरने से विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है.

बारिश होने के लिए तरस रहे थे कि कब बरसात हो और लोगों का जीवन खुशहाल हो. लेकिन जब बरसात हुई तो लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बारिश से लोगों के जान-माल और फसल सबको नुकसान पहुंचा है. बरसात का पानी लोगों के जख्मों पर मरहम साबित हुआ. लेकिन मूसलाधार बारिश अब लोगों के लिए जख्म साबित हो रही है.
-जमील अहमद, किसान

खेतों में की गई धान की रोपाई जलजमाव के कारण बर्बाद हो गए. मवेशियों के सामने हरे चारे का भी संकट खड़ा हो गया है. हरा घास न मिलने से मवेशी भुखमरी के कगार पर हैं. धानों की नर्सरी भी कहीं नही बची हुई है कि फिर से रोपाई की जा सके.
-मकसूद आलम, किसान

Intro:जनपद में मानसून की मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. हर तरफ पानी का रेला धार बनके बहता नजर आ रहा है. पहले यही बरसात भीषण गर्मी से लोगों को निजात दिलाया तो जख्मों पर मरहम साबित हुआ. आज उसी बारिश का पानी रेला हर तरह ऊफान पर है तो ज़ख्म साबित हो रहा है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी से हाहाकार मचा हुआ है किसानों के मन डूब गए तो शहर में घर डूब गए.

पिपराइच गोरखपुरः जनपद में सोमवार की शाम से ही रुक रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश थमने का नाम नही ले रहा है. मौसम विभाग ने भी पूर्वांचल में हाईएलर्ट जारी कर दिया है. हर तरफ जलमग्न, शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र मैरुंड हो गए है. इस प्रकार की बारिश अब आम व खास लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. खेत खलिहान में पानी का रेला खतरे के निशान को पार कर चुकी है. लोगों का घर से निकलाना दुस्वार है. सड़कों पर पानी की धार बहते दिखाई दे रहे है। वही दुसरी तरफ कृषी प्रधान देश मे खरीफ की फसल बुरीतरह प्रभावित हो रही है. किसान धान की नर्सरी तैयार करके रोपाई हेतु खेतों में पर्याप्त पानी लगने अर्थात बारिश के इन्तजार में लगे थे. तपती धूप में भीषण गर्मी का कहर बरपा होने से उन्होंने ये अनुमान नही था कि मानसून पहले बेरह हो कर सताएगा उसके बाद जब मेहरबान होगा तो रुला भी देगा. मौसम की मेहरबानी पहले जख्मों पर मरह उसके बाद आवश्यकता के सापेक्ष बारिश जख्म साबित होगा.
Body:*खरीफ की बुआई एवं फसल हो रहें बर्बाद*

जनपद के पिपराइच क्षेत्र में खरीफ की प्रमुख फसल धान की पैदावार बेहतर होने से इस क्षेत्र को धान का कटोरा माना जाता है. क्षेत्र में जब सोमवार की रात बारिश शुरु हुई तब लोगों को भीषण गर्मी से निजात मिली और किसानों के चेहरे पर खुशियां खिल उठी. किसानों ने खुशी खुशी धान रोपाई का कार्य शुरु कर दिया. लेकिन निरंतर भारी वर्षा होने से लोगों के उम्मीद पर बारिश का पानी कहर बनके बरस पड़ा. सोमवार की रात से रविवार तक रुक रुक मूसलाधार वर्षा हो रही है जिसके कारण खेत खलिहान मैरुंड हो गया. खेतों में तैयार बेहन तो डूब ही गया वही धान की रोपाई भी जलमग्न है. न ही पौधे दिखाई दे रहे है न ही धान के उत्पादन की उम्मीद. एक सप्ताह से पानी के भीतर रहने से पौधे सढने लगे है.

*सब्जियों की खेती बरबादी के कगार पर*
खरीफ मौसम की सब्जियों पर भारी वर्षा का बुरा असर पड़ने लगा है बारिश होते ही हरि सब्जियां बाजारों से गायब हो गई. जो सब्जियां बाजारों में उपलब्ध हो रही है उनका भाव भी आसमान पर है. भिन्डी, करैला, लौकी, सरपुतिया, नेनुआ, आदि बाजारों से गायब ही हो गए है.

&पेड़ पौधे धराशायी मवेशियों के सामने हरे चारे का संकट$
तेज हवाओं के साथ रुक रुक निरंतर वर्षा हो रही है. कही कही पेड़ पौधे आवास मकान धराशायी हो रहे है. मवेशियों के सामने हरे चारे के संकट खड़े हो गए. लोगों का घरों से निकलना बंद हो गया है. विद्युत पोल गिरने से वीद्युत व्यस्था चरमरा गई. बारिश के चलते लोगों के सामने नाना प्रकार के संकट खड़ा कर दिए.
Conclusion:बारिश होने के लिए तरस रहे थे. कि की बरसात हो और लोगों का जीवन खुशहाल हो. लेकिन जब बरसात हुई तो जल में मैरुंड हो गया और लोगों का जीवन बदहाल कर दिया. लोगों के जानमाल फसल सबको नुकसान पहुंचाया. इस बार से बहुत लोग परेशान हैं जो भी किसान हैं तरसते हैं शुरुआती दिनों में जब बरसात शुरू हुई तो यही बरसात का पानी लोगों के जख्मों पर मरहम साबित हुआ लेकिन मूसलाधार बारिश अब लोगों के लिए जख्म साबित हो रही है.

बाइक--जमील अहमद (लाल पगड़ी)

खेतों में की गई धान की रोपाई जलजमाव के कारण गल गए. मवेशियों के सामने हरे चारे का भी संकट खड़ा हो गया है. हरा घास न मिलने से मवेशी भुखमरी के कगार पर हैं. फसल नुकसान होने के कारण लोग भी भूखे मर सकते हैं. फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. धानों की नर्सरी भी कहीं नही बची हुई. कि फिर से रोपाई की जा सके. किसान इसी लिए मजबूर है. चारों तरफ पानी फैला हुआ है कहीं भी निकलने का साधन नहीं है पानी नो निकलने की वजह से सारी फसल डूब गई है फसल बीगल गए हैं.
बाइट-मकसूद आलम (सफेट कुर्ता)


रफिउल्लाह अन्सारी 8318103822
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