गोरखपुर: जिले की पुलिस ने जमीन के कारोबार से जुड़े एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो खरीदारों को अपने पास बुलाते और उन्हें जमीन दिलाने के नाम पर एक कमरे में महिला के साथ बंद कर अश्लील वीडियो बनाते थे. यही नहीं वे मारपीट भी करते थे, और उनके रुपए, सोने की अंगूठी, चेन को भी छीन लेते थे. इसके बाद अश्लील बनाए गए वीडियो के वायरल करने की धमकी देकर, जमीन खरीदने वाले से रुपए ऐंठने की धमकी देते थे. ऐसे ही मामले में ओम प्रकाश गुप्ता नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस ने इस गैंग का खुलासा कर दिया है. यह जानकारी जिले के एसपी सिटी कुमार विश्नोई ने दी.
उन्होंने बताया कि देवरिया में भी ये आरोपी ऐसे ही मामलों में जेल जा चुके हैं. उन्हे गिरफ्तार कर कैंट पुलिस विधिक कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से पीड़ित का एटीएम कार्ड, रुपए, सोने की अंगूठी आदि को बरामद किया गया है.साथ ही जो अश्लील वीडियो बनाया था वह भी पुलिस ने कब्जे में लिया है. ऐसे आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी. एसपी सिटी ने कहा कि अश्लील वीडियो बनाकर ये गैंग ब्लैकमेलिंग कर वसूली करता था. पुलिस ने तीन अभियुक्त और एक महिला अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. जिसमें रामभरोसे तिवारी जो देवरिया जिले के बरहज का रहने वाला है उसके साथ सूरज पटेल, संजय कुमार कुशवाहा सुनिता सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
एसपी सिटी ने बताया कि वादी ओम प्रकाश गुप्ता को मकान की जरुरत थी. 23 फरवरी को वादी की मुलाकात रामभरोसे तिवारी से हुई. राम भरोसे द्वारा अपने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत कमरे में संजय कुमार कुशवाहा और सूरज पटेल को सिंघडिया बुला लिया और जब तिवारी, वादी को लेकर आया तो कमरे में पहले से एक औरत थी. उसके साथ जबरदस्ती डरा धमकाकर वादी के कपड़े उतरवाकर अश्वलील वीडियो बना लिया गया. इसके बाद उसे डरा धमकाकर जेब में रखे रुपए मांगे.
पीड़ित ओम प्रकाश ने अपना पर्स दे दिया. पर्स में कुल तीन हजार और ATM कार्ड थे, जो उन लोगों को दे दिए. एटीएम का कोड पूछकर उन लोगों ने 21 हजार रुपए निकाल लिए. उसकी सोने की अंगूठी भी निकाल ली. अगले दिन तीन लाख रुपया लेकर आने की बात कही. ऐसा न करने पर अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी. इस बात से परेशान होकर वादी(ओम प्रकाश गुप्ता) द्वारा थाना कैण्ट पर आकर इसकी सूचना दिया गया. प्रभारी निरीक्षक कैण्ट शशिभूषण राय द्वारा तत्काल उच्चाधिकारीगण को सूचित कर मुकदमा दर्ज कर टीम गठित कर अभियुक्तगण की गिरफ्तारी की गई.