गोरखपुरः आने वाली 18 तारीख से 24 सितंबर को गोरखनाथ पीठ के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ और अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि समारोह मनाया जाएगा. ये आयोजन एक सप्ताह तक चलेगा. जिसमें देश भर के जाने-माने विद्वान संत शामिल होंगे. ये लोग धर्म और आध्यात्म पर चर्चा करेंगे. वहीं भारत की सनातन परंपरा, वैदिक रीति रिवाजों का भी इसमें समावेश होगा. गोरखनाथ पीठ के प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर यूपी सिंह ने ये जानकारी दी है.
उन्होंने कहा है कि महंत अवेद्यनाथ और दिग्विजय नाथ धर्म, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े आयाम तय किये हैं. राष्ट्रीय मुद्दों पर सड़क से लेकर संसद तक इन दोनों विभूतियों की आवाज गूंजती रही है. यह दोनों संत देश में आध्यात्मिक-सामाजिक पुनर्जागरण के अग्रदूत बनकर उभरे. जिसका समाज को बड़ा लाभ मिला. खास बात ये है कि यह आयोजन पूरी तरह से गोरक्षपीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में होगा.
प्रोफेसर यूपी सिंह ने कहा कि एक सप्ताह तक आयोजित होने वाले श्रद्धांजलि समारोह में देश के अनेक संत-महात्मा, धर्माचार्य विद्वतजन और समाजसेवी लोग भाग लेंगे. जिसमें 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना चर्चा का मुख्य बिंदु होगा. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में कोरोना वायरस मेरा स्वास्थ्य, सामाजिक समरसता में संतों का योगदान, भारतीय संस्कृति और गौ सेवा जैसे विषयों पर सम्मेलन होगा. 23 सितंबर को युगपुरुष महंत दिग्विजय नाथ के पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के प्रभारी बनाए गए धर्मेंद्र प्रधान के हाथों होगा. जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे.
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उन्होंने कहा कि इसी तरह ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज की पुण्यतिथि 24 सितंबर को मनाई जाएगी. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगमन होगा. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में वित्त राज्य मंत्री भारत सरकार पंकज चौधरी भी उपस्थित होंगे. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जहां लोगों को संबोधित करेंगे. वहीं महंत अवैद्यनाथ महाविद्यालय परिसर में स्थापित उनकी दिव्य प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे. समारोह में संतों की बात करें, तो कथावाचक जगतगुरु रामानुजाचार्य, स्वामी वासुदेवाचार्य, महंत बालक नाथ, महंत संतोष दास सतुआ बाबा वाराणसी, स्वामी श्रीधराचार्य महाराज, वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य और कलिका पीठ दिल्ली के महंत सुरेंद्रनाथ जैसे लोगों का समागम होगा. इस आयोजन से देश और दुनिया को धर्म अध्यात्म के साथ राजनीतिक क्षेत्र से बड़े संदेश और सवाल निकलेंगे.
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