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गोरखपुर: DDU विश्वविद्यालय शिक्षा ही नहीं खेल सुविधाओं का भी हब बनेगा

यूपी के गोरखपुपर जिले में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ ही खेल सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है. भारत सरकार की 'खेलो इंडिया' योजना के तहत विश्वविद्यालय में हर तरह के खेल संसाधनों को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.

यूपी के गोरखपुपर जिले में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय
यूपी के गोरखपुपर जिले में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय
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Published : Oct 8, 2020, 2:58 AM IST

गोरखपुर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ ही अब खेल के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल करने की तैयारी में है. विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने पूर्वांचल के खिलाड़ियों और विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्रों को खेल का बेहतर माहौल देने के लिए एक ऐसा ही प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश की योगी सरकार को भेजा है. यह प्रस्ताव भारत सरकार की 'खेलो इंडिया' योजना के तहत तैयार किया गया है, जिसपर करीब 32.7 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. राज्य सरकार की पहल पर केंद्र सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय की इस प्रस्ताव पर संस्तुति मिलने के साथ पूर्वांचल को एक बड़ा तोहफा मिलेगा, जिसका केंद्र बिंदु गोरखपुर विश्वविद्यालय और उसका परिसर होगा.

खेल सुविधाओं से मिलेगा लाभ

विश्वविद्यालय को स्पोर्ट्स का हब बनाने के लिए कुलपति ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें सिंथेटिक एथलीट ट्रैक, स्विमिंग पूल हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान और अन्य खेलों के लिए एक बहुउद्देश्यीय भवन बनाया जाना शामिल है. कुलपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अपने इस विजन का प्रस्ताव तैयार कराया है, जो मूर्त रूप लिया तो यहां के खिलाड़ियों को खेल के लिए किसी अन्य शहर नहीं जाना पड़ेगा.

गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 339 महाविद्यालय में करीब ढाई लाख विद्यार्थी अध्ययन करते हैं. इसमें से तमाम खिलाड़ी छात्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. लेकिन प्रतियोगिता में जलवा बिखरने के बाद जब वह वापस लौटते हैं तो यहां पर संसाधन के अभाव में दूसरे शहर की ओर पलायन करते हैं. विश्वविद्यालय के क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय शुक्ला ने कहा कि कुलपति के निर्देश पर 4 प्रस्ताव तैयार हुए हैं, उसके मुताबिक करीब 22 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी.

प्रोजेक्ट पर आने वाला खर्च

प्रस्ताव के मुताबिक बहुउद्देश्यीय भवन में बैडमिंटन,हैंडबॉल और वॉलीबॉल के अलग कोर्ट बनेंगे, जिसपर करीब 9 करोड़ 41लाख रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा करीब 1250 स्क्यवार फीट में स्विमिंग पूल बनेगा, जिसपर 5 करोड़ 50 लाख खर्च होंगे. इसी प्रकार आठ लेन का सिंथेटिक एथलीट ट्रैक बनेगा, जिसपर 9 करोड़ 12 लाख के खर्च का अनुमान है. हॉकी के लिए जो एस्ट्रोटर्फ मैदान बनेगा उसपर रात में भी मैच हो सकेंगे. इसके लिए फ्लड लाइट की भी व्यस्था होगी. इसपर कुल 8 करोड़ 46 लाख रुपये खर्च होंगे. इस प्रोजेक्ट के संबंध में कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि उनकी कोशिश है कि सिर्फ विश्वविद्यालय के खिलाड़ी छात्र ही नहीं पूर्वांचल के उभरते सभी खिलाड़ियों को खेल की बेहतर सुविधाएं मिलें. उम्मीद है कि उनके प्रस्ताव को राज्य सरकार केंद्र सरकार से पास कराकर पूर्वांचल को बड़ा तोहफा देगी.

गोरखपुर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ ही अब खेल के क्षेत्र में भी बड़ा मुकाम हासिल करने की तैयारी में है. विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने पूर्वांचल के खिलाड़ियों और विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्रों को खेल का बेहतर माहौल देने के लिए एक ऐसा ही प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश की योगी सरकार को भेजा है. यह प्रस्ताव भारत सरकार की 'खेलो इंडिया' योजना के तहत तैयार किया गया है, जिसपर करीब 32.7 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. राज्य सरकार की पहल पर केंद्र सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय की इस प्रस्ताव पर संस्तुति मिलने के साथ पूर्वांचल को एक बड़ा तोहफा मिलेगा, जिसका केंद्र बिंदु गोरखपुर विश्वविद्यालय और उसका परिसर होगा.

खेल सुविधाओं से मिलेगा लाभ

विश्वविद्यालय को स्पोर्ट्स का हब बनाने के लिए कुलपति ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें सिंथेटिक एथलीट ट्रैक, स्विमिंग पूल हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान और अन्य खेलों के लिए एक बहुउद्देश्यीय भवन बनाया जाना शामिल है. कुलपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अपने इस विजन का प्रस्ताव तैयार कराया है, जो मूर्त रूप लिया तो यहां के खिलाड़ियों को खेल के लिए किसी अन्य शहर नहीं जाना पड़ेगा.

गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 339 महाविद्यालय में करीब ढाई लाख विद्यार्थी अध्ययन करते हैं. इसमें से तमाम खिलाड़ी छात्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं. लेकिन प्रतियोगिता में जलवा बिखरने के बाद जब वह वापस लौटते हैं तो यहां पर संसाधन के अभाव में दूसरे शहर की ओर पलायन करते हैं. विश्वविद्यालय के क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय शुक्ला ने कहा कि कुलपति के निर्देश पर 4 प्रस्ताव तैयार हुए हैं, उसके मुताबिक करीब 22 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी.

प्रोजेक्ट पर आने वाला खर्च

प्रस्ताव के मुताबिक बहुउद्देश्यीय भवन में बैडमिंटन,हैंडबॉल और वॉलीबॉल के अलग कोर्ट बनेंगे, जिसपर करीब 9 करोड़ 41लाख रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा करीब 1250 स्क्यवार फीट में स्विमिंग पूल बनेगा, जिसपर 5 करोड़ 50 लाख खर्च होंगे. इसी प्रकार आठ लेन का सिंथेटिक एथलीट ट्रैक बनेगा, जिसपर 9 करोड़ 12 लाख के खर्च का अनुमान है. हॉकी के लिए जो एस्ट्रोटर्फ मैदान बनेगा उसपर रात में भी मैच हो सकेंगे. इसके लिए फ्लड लाइट की भी व्यस्था होगी. इसपर कुल 8 करोड़ 46 लाख रुपये खर्च होंगे. इस प्रोजेक्ट के संबंध में कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि उनकी कोशिश है कि सिर्फ विश्वविद्यालय के खिलाड़ी छात्र ही नहीं पूर्वांचल के उभरते सभी खिलाड़ियों को खेल की बेहतर सुविधाएं मिलें. उम्मीद है कि उनके प्रस्ताव को राज्य सरकार केंद्र सरकार से पास कराकर पूर्वांचल को बड़ा तोहफा देगी.

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