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CBI के छापे से खुली पूर्वोत्तर रेलवे में भ्रष्टाचार की पोल, सामग्री प्रबंधन विभाग के प्रबंधक से 2.61 करोड़ बरामद

पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर में छापेमारी के बाद सीबीआई हार्ड डिस्क समेत कुछ फाइलें और कागजात कब्जे में लेकर गई है. रेलवे अफसर के दो ठिकानों से अब तक 2 करोड़ 61 लाख बरामद किए गए हैं. माना जा रहा है कि जांच-पड़ताल में कुछ और अधिकारी भी फंस सकते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 8:05 PM IST

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के सामग्री प्रबंधन विभाग में प्रमुख मुख्य प्रबंधक केसी जोशी से सीबीआई अब तक दो करोड़ 61 लाख रुपये की बरामदगी कर चुकी है. यह बरामदगी गोरखपुर और नोएडा से की गई है. इसके पहले 50 लाख रुपये बरामदगी की बात कही जा रही थी. सीबीआई ने कुछ और अधिकारियों से भी पूछताछ की है. हार्ड डिस्क समेत कुछ फाइलें और कागजात भी कब्जे में लिए हैं. माना जा रहा है कि जांच-पड़ताल में कुछ और अधिकारी भी फंस सकते हैं. जोशी को सीबीआई ने मंगलवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी एक स्थानीय ठेकेदार की शिकायत के बाद की गई.

जब तब उठते रहे भ्रष्टाचार के मामले : वर्ष 2013 में सीबीआई की टीम ने स्क्रैप डिपो में छापेमारी की थी. इसके बाद टीम पांच महीने में यहां तीन बार आई थी.. प्रबंधन, परिचालन और वाणिज्य विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई ने जांच को आगे बढ़ाया तो परिचालन विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी की सेवा समाप्त कर दी गई. फिर 1 मई 2014 को सीबीआई ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण के कार्यालय में छापेमारी की थी. इसके बाद 22 जनवरी 2016 को सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण संगठन विभाग के एक डिप्टी चीफ इंजीनियर के चेंबर में छापा मारा था. जिसमें छपरा रेलखंड की अमान परिवर्तन से जुड़ी फाइलों को खंगाला गया था. इसके बाद 8 अक्टूबर 2016 को सीबीआई निर्माण संगठन विभाग में अनियमितता की जांच करने फिर गोरखपुर पहुंची. इस अनियमिता से जुड़े इंजीनियरों को दिल्ली तलब किया गया था. 15 फरवरी 2017 को सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक और पूर्व मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से पूछताछ की थी. मौजूदा छापेमारी ने पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय में भ्रष्टाचार के दावों को बल दिया है.


ठेकेदार ने कहा, सात लाख मांगे : गोरखपुर निवासी ठेकेदार प्रणव त्रिपाठी ने सीबीआई लखनऊ के पास शिकायत की थी कि उससे केसी जोशी रिश्वत मांग रहे हैं. प्रणव ने शिकायती पत्र में उल्लेख किया कि जनवरी में पूर्वोत्तर रेलवे में तीन ट्रक सप्लाई का टेंडर जेम पोर्टल के जरिए मिला था. इसका 80 हजार रुपये प्रति ट्रक भुगतान होना था. मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी ने धमकी दी कि यदि उसने सात लाख रुपये रिश्वत नहीं दी तो उसका टेंडर निरस्त करा देंगे. फर्म का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए पत्र भी लिख दिया है. इसके अलावा जो पुराने कार्य चल रहे हैं, उनको भी रद्द करवाने की बात कही.

जांच में सही पाई गई शिकायत : प्रणव की शिकायत प्रारंभिक जांच में सही पाई गई. इसके बाद सीबीआई की टीम गोरखपुर भेजी गई. प्रणव ने अपने कर्मचारी के जरिए रिश्वत के तीन लाख रुपये जोशी के सरकारी बंगले पर भेजे. जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम ली, सीबीआई ने छापा मारकर उन्हें दबोच लिया. इस दौरान सीबीआई को उनके नोएडा आवास का भी पता चला, जहां उनका परिवार रहता है. इसके बाद वहां पर भी छापा मारा. जहां से भी करीब 50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं. नोएडा के सेक्टर 50 में भी जोशी का आवास है. अन्य संपत्तियों एवं निवेश के दस्तावेज, बहुमूल्य वस्तुएं भी मिली हैं. मंगलवार और बुधवार को मिलाकर कुल मिलाकर 2 करोड़ 61 लाख रुपये की बरामदगी हुई.

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के सामग्री प्रबंधन विभाग में प्रमुख मुख्य प्रबंधक केसी जोशी से सीबीआई अब तक दो करोड़ 61 लाख रुपये की बरामदगी कर चुकी है. यह बरामदगी गोरखपुर और नोएडा से की गई है. इसके पहले 50 लाख रुपये बरामदगी की बात कही जा रही थी. सीबीआई ने कुछ और अधिकारियों से भी पूछताछ की है. हार्ड डिस्क समेत कुछ फाइलें और कागजात भी कब्जे में लिए हैं. माना जा रहा है कि जांच-पड़ताल में कुछ और अधिकारी भी फंस सकते हैं. जोशी को सीबीआई ने मंगलवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी एक स्थानीय ठेकेदार की शिकायत के बाद की गई.

जब तब उठते रहे भ्रष्टाचार के मामले : वर्ष 2013 में सीबीआई की टीम ने स्क्रैप डिपो में छापेमारी की थी. इसके बाद टीम पांच महीने में यहां तीन बार आई थी.. प्रबंधन, परिचालन और वाणिज्य विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई ने जांच को आगे बढ़ाया तो परिचालन विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी की सेवा समाप्त कर दी गई. फिर 1 मई 2014 को सीबीआई ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण के कार्यालय में छापेमारी की थी. इसके बाद 22 जनवरी 2016 को सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण संगठन विभाग के एक डिप्टी चीफ इंजीनियर के चेंबर में छापा मारा था. जिसमें छपरा रेलखंड की अमान परिवर्तन से जुड़ी फाइलों को खंगाला गया था. इसके बाद 8 अक्टूबर 2016 को सीबीआई निर्माण संगठन विभाग में अनियमितता की जांच करने फिर गोरखपुर पहुंची. इस अनियमिता से जुड़े इंजीनियरों को दिल्ली तलब किया गया था. 15 फरवरी 2017 को सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक और पूर्व मुख्य जनसंपर्क अधिकारी से पूछताछ की थी. मौजूदा छापेमारी ने पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय में भ्रष्टाचार के दावों को बल दिया है.


ठेकेदार ने कहा, सात लाख मांगे : गोरखपुर निवासी ठेकेदार प्रणव त्रिपाठी ने सीबीआई लखनऊ के पास शिकायत की थी कि उससे केसी जोशी रिश्वत मांग रहे हैं. प्रणव ने शिकायती पत्र में उल्लेख किया कि जनवरी में पूर्वोत्तर रेलवे में तीन ट्रक सप्लाई का टेंडर जेम पोर्टल के जरिए मिला था. इसका 80 हजार रुपये प्रति ट्रक भुगतान होना था. मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी ने धमकी दी कि यदि उसने सात लाख रुपये रिश्वत नहीं दी तो उसका टेंडर निरस्त करा देंगे. फर्म का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए पत्र भी लिख दिया है. इसके अलावा जो पुराने कार्य चल रहे हैं, उनको भी रद्द करवाने की बात कही.

जांच में सही पाई गई शिकायत : प्रणव की शिकायत प्रारंभिक जांच में सही पाई गई. इसके बाद सीबीआई की टीम गोरखपुर भेजी गई. प्रणव ने अपने कर्मचारी के जरिए रिश्वत के तीन लाख रुपये जोशी के सरकारी बंगले पर भेजे. जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम ली, सीबीआई ने छापा मारकर उन्हें दबोच लिया. इस दौरान सीबीआई को उनके नोएडा आवास का भी पता चला, जहां उनका परिवार रहता है. इसके बाद वहां पर भी छापा मारा. जहां से भी करीब 50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं. नोएडा के सेक्टर 50 में भी जोशी का आवास है. अन्य संपत्तियों एवं निवेश के दस्तावेज, बहुमूल्य वस्तुएं भी मिली हैं. मंगलवार और बुधवार को मिलाकर कुल मिलाकर 2 करोड़ 61 लाख रुपये की बरामदगी हुई.

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