गोरखपुर: जिले के चौरी-चौरा में गरीब और असहाय लोगों को लॉकडाउन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में चौरी-चौरा के एक युवा कोरोना फाइटर अंबरीश यादव गरीब, असहायों की मदद के लिए सामने आए हैं. गरीबों की मदद के लिए इस युवा ने पिछले 25 मार्च से अपना परिवार छोड़ दिया है.
घर-घर पहुंचकर वितरित किए राशन
अंबरीश यादव नाम का यह युवक तरकुलहा मंदिर के पास के गांव में रहता है. अंबरीश ने लॉकडाउन की घोषणा के बाद स्थानीय उपजिलाधिकारी अर्पित गुप्ता से आदेश लेकर चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र के ब्रह्मपुर और सरदार नगर ब्लाक के सैकड़ों गरीब, असहायों को अपने क्रांति रथ के साथ घर-घर पहुंचकर राहत सामग्री दी. गोरखपुर, कुशीनगर फोर लेन से होकर जाने वाले राहगीरों को भोजन के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी मदद की.
गरीबों की सहायता के लिए छोड़ा परिवार
चौरी-चौरा में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अंबरीश यादव ने अपनी कार क्रांति रथ में परिवर्तित किया. उसमें जनरेटर विद्युत मोटर के साथ 500 लीटर की पानी की टंकी लगाकर पूरे तहसील क्षेत्र को सैनिटाइज कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान इस युवा कोरोना फाइटर ने अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर परिवार के सदस्यों से दूरी बना ली है. झंगहा में एक बैंक को सैनिटाइज करने पर वहां पर तैनात शाखा प्रबंधक ने अंबरीश के इस अभियान की सराहना की है.
अपनी मां से सीखा है गरीबों की मदद करना
युवा कोरोना फाइटर अंबरीश यादव ने बताया कि वह दो भाइयों में सबसे छोटे हैं. गरीब असहायों की मदद करना उन्होंने अपनी मां से सीखा है. उनकी मां तरकुलहा मंदिर के आस-पास भटकने वाले गरीबों की सेवा करती थीं.
अब अंबरीश की मां इस दुनिया में नहीं हैं. अपनी मां की स्मृति में नव क्रांति सेवा संस्थान का निर्माण कर पिछले कई वर्षों से गोरखपुर के आस-पास के जिलों में बेसहारा गरीब बुज़ुर्ग महिलाओं की मदद कर रहे हैं. लॉकडाउन के बाद से लगातार लोगों को राहत सामग्री और आर्थिक मदद की है. पिछले 19 मार्च से खुले हुए सरकारी ऑफिस, बैंकों, गांव की गलियों को सैनिटाइज किया है.