गोरखपुर: दिवाली पर जिले के वनटांगिया गांव में प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी 14 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपक जलाने पहुंचेंगे. इस दौरान वह कई विकास योजनाओं की सौगात भी ग्रामवासियों को दे सकते हैं. योगी के आने के पूर्व गांव में तैयारी जोर शोर से चल रही हैं. हेलीपैड तैयार किया जा रहा है. कच्ची सड़क पर ईंट बिछाई जा रही हैं. स्कूल, शौचालय, सड़क आदि की रंगाई-पुताई और सफाई की जा रही है.
घने जंगलों के बीच बसा है वनटांगिया गांव
सीएम योगी वनटांगिया गांव में साल 2007 से बतौर सांसद आ रहे हैं. वह घने जंगलों के बीच में रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. यही वजह है कि जब वह वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बने तो इस गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया. इससे पहले यह देश और प्रदेश के नक्शे में गांव की भूमिका से बाहर था. वनटांगिया समुदाय के लोग 5 गांवों में करीब 4000 की संख्या में रहते थे. राजस्व गांव की घोषणा के बाद इस गांव में विकास की कई योजनाएं लागू होने लगीं.
तेजी से हो रहा है विकास
योगी ने यहां के जरूरतमंदों के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री आवास योजना चलाकर 400 से ज्यादा लाभार्थियों को पक्की छत की सौगात दी. बिजली के तार डलवाकर हर घर रोशनी पहुंचाई. पगडंडियों पर ईंट और इंटरलॉकिंग टाइल्स लगवाए. पिछले 3 सालों से यहां विकास की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है. जब-जब सीएम योगी दिवाली पर यहां आते हैं, लाखों- करोड़ों की सौगात दे जाते हैं. एक बार फिर उनका आगमन 14 नवंबर को हो रहा है. इस दौरान वह कार्यक्रम में दीप जलाएंगे. इसके बाद गांव के हर घर में दिवाली का दीपक जलेगा.यहां के लोगों ने प्रण लिया हुआ है कि उनके घर में दीपक तभी जलेगा जब बाबा यानि सीएम योगी दीप जलाएंगे.
यह बस्तियां 1918 में बसीं थीं
जिले के कुसम्ही जंगल में वनटांगियों के पांच गांव हैं जो जंगल तिकोनिया नंबर तीन, राजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबगा नर्सरी और चिलबिलवा हैं. जंगल के बीच यह बस्तियां 1918 में बसी थीं. इस समुदाय के पास खेती के लिए जमीन नहीं थी. इन लोगों को झोपड़ी के अलावा कुछ निर्माण करने की इजाजत भी नहीं थी. 1998 में पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने यहां का दर्द समझा और फिर इनसे जुड़ते चले गए. योगी की संस्था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद यहां के बच्चों को पढ़ाने के लिए आगे आई. एक अस्थाई स्कूल का ढांचा तैयार कर पहल शुरू की गई. इससे यहां साक्षरता की दर बढ़ने लगी. अब यहां प्राइमरी स्कूल बहुत जल्द आकार लेगा. कहा जाय तो अभाव का दंश झेल रहे इन गांवों को राजस्व गांव का दर्जा देकर योगी ने देश-प्रदेश की राजस्व संहिता में एक नया अध्याय जोड़ा है. इससे यहां के लोगों में भी कुछ उम्मीद जगी है.