गोरखपुरः मेडिकल हब बन रहे गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को एक नए अध्याय की शुरुआत करेंगे. उनके द्वारा प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की ओपीडी सेवा का शुभारंभ किया जाएगा. इस ओपीडी के जरिए लोगों को आयुर्वेद, होम्योपैथ और यूनानी जैसी चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों से परामर्श व इलाज की सुविधा मिलेगी.
मॉडर्न मेडिसिन के समानांतर योगी सरकार विश्व की सबसे पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद और होम्योपैथ, यूनानी को भी खूब बढ़ावा देने के क्रम में इस विश्व विद्यालय की स्थापना गोरखपुर में कराने में सफल हुई है. साइड इफेक्ट न होने से इन परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों को हानिरहित माना जाता है. आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथ, नेचुरोपैथी आदि) को प्रोत्साहित करने और इनका लाभ लोगों तक बड़े पैमाने पर पहुंचाने के लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर के पिपरी, भटहट में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है.
मुख्यमंत्री योगी आयुष ओपीडी सेवा की शुरुआत दोपहर 2:00 बजे के करीब करेंगे. हालांकि उनका आधिकारिक प्रोटोकॉल जारी नहीं हुआ है. लेकिन, प्रदेश के आयुष एवं चिकित्सा राज्यमंत्री दयाशंकर दयालु इस कार्यक्रम के लिए गोरखपुर पहुंच रहे हैं. जिसका प्रोटोकाल जारी हो गया है. 50 एकड़ में 300 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस विश्वविद्यालय का नामकरण, योग को लोक कल्याण का मंत्र बनाने वाले शिवावतारी गुरु गोरखनाथ के नाम पर किया गया है. आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था. निर्माणाधीन इस विश्वविद्यालय से प्रदेश भर के सभी आयुष कॉलेज संबद्ध कर दिए गए हैं. आगामी कुछ माह में यह विश्वविद्यालय पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. इस बीच विश्वविद्यालय की तरफ से ओपीडी सेवा शुरू की जा रही है. इस ओपीडी का लाभ गोरखपुर समेत पूर्वांचल, बिहार और नेपाल के लोगों को भी मिलेगा.
एक रुपये की पर्ची पर परामर्श, दवाएं मुफ्त
आयुष विश्वविद्यालय की ओपीडी में मात्र एक रुपये की पर्ची पर चिकित्सकीय परामर्श मिलेगा. चिकित्सकों द्वारा लिखी गईं दवाएं ओपीडी से संबद्ध औषधालय में बिलकुल मुफ्त मिलेंगी. आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह के मुताबिक शुरुआती दौर में लोगों को आयुर्वेद में चार, यूनानी व होम्योपैथ में एक-एक चिकित्सक की सेवा उपलब्ध होगी. आने वाले दिनों में इसे विस्तारित करने के साथ ही दूसरे चरण में प्राकृतिक चिकित्सा और योग की ओपीडी भी शुरू की जाएगी. आयुष विश्वविद्यालय से हानिरहित चिकित्सा सुविधा का लाभ बड़े पैमाने पर मरीजों को मिलेगा. इतना ही नहीं आयुष की औषधियों की खपत बढ़ने से किसान भी समृद्ध होंगे. योगी सरकार की यही मंशा भी है. आयुष विश्वविद्यालय औषधीय खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करेगा. बाजार उपलब्ध होने से किसानों का रुझान भी परम्परागत खाद्यान्न के साथ अधिक मुनाफा देने वाले औषधीय उत्पादों की खेती की तरफ भी बढ़ेगा.