गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में इंडोनेशिया की कलाकार बुलाए जाने को लेकर एबीवीपी और विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच विवाद हो गया है. एबीवीपी ने इंडोनेशिया से बुलाई गई कलाकार जुबैला को पोर्नस्टार बताते हुए कार्यक्रम में अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया है. विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश में लगे हैं. वहीं विश्वविद्यालय का कहना है कि परिसर में आयोजित 'टेक सृजन' वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में इंडोनेशिया की जिस स्टार जुबैला को बुलाया गया था, वो पॉपस्टार हैं न कि पोर्नस्टार. विश्वविद्यालय के कुलपति जेपी पाण्डेय ने ईटीवी भारत को बताया कि विद्यार्थी परिषद का आरोप बेबुनियाद है कि पोर्नस्टार को बुलाकर को बुलाकर अश्लीलता परोसी गई. उन्होंने कहा कि आरोप आधारहीन और भ्रामक है, पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकार्डिंग मौजूद है.
विश्वविद्यालय के कुलपति जेपी पाण्डेय का कहना है कि वीडियो रिकॉर्डिग होने के बावजूद विश्वविद्यालय ने इस मामले में 4 सदस्यीय कमेटी गठित की है. विद्यार्थी परिषद के आरोपों की जांच कराई जा रही है. समिति को निर्देश दिया गया है कि जांच कराकर कार्यक्रम में अभद्रता होने न होने की स्थिति साफ करें. इसके साथ ही उन्होंने बिना अनुमति परिसर में एबीवीपी की तरफ से प्रदर्शन किए जाने और शिक्षकों के साथ अभद्रता करने पर आपत्ति जताई. बता दें 14 मई से तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव में टेक सृजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जिसके बाद से यह विवाद छिड़ा है.
मामले में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. डीएस सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 14 मई को परिसर में कार्यक्रम के बाद 19 मई 2022 को एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर महानगर) ने कथित रूप से अश्लीलता फैलाने के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन किया. मामले को लेकर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता कुलपति को ज्ञापन देने पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ ही अभद्रता की गई. विवाद काफी बढ़ गया और कुलपति से अभद्रता पर छात्रों के साथ हाथापाई की भी स्थिति बन गई. विश्वविद्यालय के छात्र शुभम चौरसिया को गंभीर चोट आई. उन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया. हाथापाई में परिषद के एक पदाधिकारी को भी चोट आई, जिन्हें तत्काल चिकित्सकीय मदद मुहैया कराई गई.
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उनका आरोप है कि कार्यक्रम में पोर्नस्टार को बुलाकर अश्लीलता फैलाई गई थी. जबकि आयोजकों ने बताया कि आरोप आधारहीन और भ्रामक है. कार्यक्रम में कई शिक्षक सपरिवार उपस्थित थे. पूरे कार्यक्रम की विडियो रिकॉर्डिंग भी विश्वविद्यालय के पास मौजूद है. फिलहाल मामले की जांच समिति को सौंप दी गई है. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.
दो प्रोफेसर समेत तीन के खिलाफ वाद दर्ज
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर महामंत्री प्रशांत त्रिपाठी की तहरीर पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीके पाण्डेय, जनसंपर्क अधिकारी अभिजीत मिश्रा, एमसीए के पूर्व छात्र आशुतोष सिंह बाला समेत कई अज्ञात छात्र और प्रोफेसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. इनके ऊपर लूट,बलवा और मारपीट की धाराएं लगी हैं. कैंट इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने कहा है कि इस मामले में विद्यार्थी परिषद के नेताओं की तरफ से तहरीर मिली है, जिसके आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है. मामले की विवेचना की जाएगी. विश्वविद्यालय के कुलपति जेपी पाण्डेय ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर रिपोर्ट तलब की है.
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