ETV Bharat / state

गोरखपुर में अपहरण के बाद 14 साल के बच्चे की हत्या, 1 करोड़ की मांगी थी फिरौती

यूपी के गोरखपुर जिले में अपहृत पांचवीं कक्षा के छात्र बलराम की अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी. रविवार को पिपराइच थाना क्षेत्र के टोला मिश्रौलिया से छात्र बलराम को अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी.

छात्र बलराम.
छात्र बलराम.
author img

By

Published : Jul 27, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 9:14 PM IST

गोरखपुर: यूपी पुलिस की नाकामी एक बार फिर सामने आई है. रविवार को अपहृत पांचवीं कक्षा के छात्र बलराम की अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी. जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिये गये एक संदिग्ध की निशानदेही पर पुलिस ने अपहृत बच्चे का शव धूसड़ जंगल से बरामद किया.

दरअसल, रविवार को पिपराइच थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया टोला से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र बलराम गुप्त का अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गयी थी, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को मार दिया था. इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी. धूसड़ जंगल से एक मुर्गा कारोबारी, मोबाइल सिम बेचने वाले एक दुकानदार और एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लेकर पुलिस मामले को सुलझाने में लगी थी. लेकिन इससे पहले ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे की हत्या कर दी.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक.

छात्र बलराम के पिता महाजन गुप्त मिश्रौलिया टोला में अपने घर में ही किराने की दुकान चलाते हैं. साथ ही जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं. उनका बेटा बलराम रविवार को दिन में 12 बजे के आसपास खाना खाने के बाद टी शर्ट और पैंट पहनकर दोस्तों के साथ खेलने निकला. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. शाम 5 बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन कॉल आया. दूसरी तरफ से बोलने वाले (अपहरणकर्ता) ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है. उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम कर लो. अगले फोन में रकम कब और कहां पहुंचानी है यह बताया जाएगा. इतना कहने के बाद उसने (अपहरणकर्ता) फोन काट दिया.

महाजन ने उस नंबर पर फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला, लेकिन थोड़ी देर बाद 10-10 मिनट के अंतरातल पर उसी नंबर से दो बार फिर फोनकॉल आया और दोनों बार बलराम को अगवा कर लिए जाने की बात दोहराते हुए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात भी दोहराई गई. महाजन को बेटे के अगवा होने की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था. इसलिए उन्होंने बलराम की पहले गांव में तलाशी की. काफी तलाश करने के बाद भी जब उसका कहीं पता नहीं चला तो लोगों को बेटे को अगवा किए जाने को लेकर आए फोन और एक करोड़ रुपये फिरौती मांगे जाने के बारे में बताया. लोगों के कहने पर शाम को 112 नंबर पर फोन कर उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी.

बच्चे को अगवा कर लिए जाने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस से लेकर अधिकारियों तक के होश उड़ गए. कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी चौरीचौरा रचना मिश्रा के अलावा पिपराइच और गुलरिहा थाने की पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ गोरखपुर की टीम मौके पर पहुंच गई. बलराम के साथ अक्सर खेलने वाले बच्चों से जानकारी लेने के बाद पुलिस ने संदिग्धों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली.

वारदात के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक उत्तरी अरविंद कुमार पांडे ने मीडिया को बताया कि पुलिस टीम कल (रविवार) से ही बच्चे के सकुशल बरामदगी में लगी हुई थी. इसके लिए पुलिस क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीमें लगाई गई थी. लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी टीमें लगाए जाने के बावजूद भी कैसे अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए.

कानपुर में भी नाकाम हुई थी यूपी पुलिस
22 जून की रात लैब टेक्नीशियन संजीत नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथोलॉजी में सैंपल देने के लिए निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया. गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब संजीत की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहरणकर्ताओं के बताए गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की बात सामने आयी.

पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया.

इसे भी पढे़ं- गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर नदियां, 63 गांवों में आवागमन बाधित

गोरखपुर: यूपी पुलिस की नाकामी एक बार फिर सामने आई है. रविवार को अपहृत पांचवीं कक्षा के छात्र बलराम की अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी. जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिये गये एक संदिग्ध की निशानदेही पर पुलिस ने अपहृत बच्चे का शव धूसड़ जंगल से बरामद किया.

दरअसल, रविवार को पिपराइच थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया टोला से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र बलराम गुप्त का अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गयी थी, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को मार दिया था. इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी. धूसड़ जंगल से एक मुर्गा कारोबारी, मोबाइल सिम बेचने वाले एक दुकानदार और एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लेकर पुलिस मामले को सुलझाने में लगी थी. लेकिन इससे पहले ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे की हत्या कर दी.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक.

छात्र बलराम के पिता महाजन गुप्त मिश्रौलिया टोला में अपने घर में ही किराने की दुकान चलाते हैं. साथ ही जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं. उनका बेटा बलराम रविवार को दिन में 12 बजे के आसपास खाना खाने के बाद टी शर्ट और पैंट पहनकर दोस्तों के साथ खेलने निकला. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. शाम 5 बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन कॉल आया. दूसरी तरफ से बोलने वाले (अपहरणकर्ता) ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है. उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम कर लो. अगले फोन में रकम कब और कहां पहुंचानी है यह बताया जाएगा. इतना कहने के बाद उसने (अपहरणकर्ता) फोन काट दिया.

महाजन ने उस नंबर पर फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला, लेकिन थोड़ी देर बाद 10-10 मिनट के अंतरातल पर उसी नंबर से दो बार फिर फोनकॉल आया और दोनों बार बलराम को अगवा कर लिए जाने की बात दोहराते हुए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात भी दोहराई गई. महाजन को बेटे के अगवा होने की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था. इसलिए उन्होंने बलराम की पहले गांव में तलाशी की. काफी तलाश करने के बाद भी जब उसका कहीं पता नहीं चला तो लोगों को बेटे को अगवा किए जाने को लेकर आए फोन और एक करोड़ रुपये फिरौती मांगे जाने के बारे में बताया. लोगों के कहने पर शाम को 112 नंबर पर फोन कर उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी.

बच्चे को अगवा कर लिए जाने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस से लेकर अधिकारियों तक के होश उड़ गए. कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी चौरीचौरा रचना मिश्रा के अलावा पिपराइच और गुलरिहा थाने की पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ गोरखपुर की टीम मौके पर पहुंच गई. बलराम के साथ अक्सर खेलने वाले बच्चों से जानकारी लेने के बाद पुलिस ने संदिग्धों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली.

वारदात के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक उत्तरी अरविंद कुमार पांडे ने मीडिया को बताया कि पुलिस टीम कल (रविवार) से ही बच्चे के सकुशल बरामदगी में लगी हुई थी. इसके लिए पुलिस क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीमें लगाई गई थी. लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी टीमें लगाए जाने के बावजूद भी कैसे अपराधी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए.

कानपुर में भी नाकाम हुई थी यूपी पुलिस
22 जून की रात लैब टेक्नीशियन संजीत नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथोलॉजी में सैंपल देने के लिए निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया. गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब संजीत की कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहरणकर्ताओं के बताए गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की बात सामने आयी.

पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया.

इसे भी पढे़ं- गोरखपुर में खतरे के निशान से ऊपर नदियां, 63 गांवों में आवागमन बाधित

Last Updated : Jul 27, 2020, 9:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.