गोंडा: जिले के धानेपुर डाकघर में बचत खाता खोलने वाले खाताधारकों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यहां कैशियर का काम देख रहे एक कर्मचारी ने दर्जनों खाता धारकों के पासबुक पर जमा धनराशि की एंट्री तो कर दी, लेकिन उनके एकाउंट में पैसा नहीं जमा किया. फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर आरोपी कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय टीम का गठन भी कर दिया गया है.
आरोप है कि जांच टीम के अफसर खाताधारकों को उनकी जमाराशि वापस करने के बजाय मामले को दबाने में जुटे हैं. हालत यह है कि अनपढ़ खाताधारक अपनी मेहनत की कमाई को वापस पाने के लिए डाकघर के चक्कर काट रहे हैं और डाककर्मी उन्हें कोरोना का डर दिखाकर डाकघर में एंट्री करने से रोक रहे हैं.
कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन को अवसर में बदलकर खाताधारकों की धनराशि हड़पने का पूरा मामला धानेपुर डाकघर का है. जहां कैशियर ने खाताधारक द्वारा जमा धनराशि की एंट्री उसके पासबुक पर तो कर दी, लेकिन उसके खाते में पैसा जमा नहीं किया और धनराशि को खुद हड़प लिया.
खाताधारकों को जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. यही नहीं आरोपी कैशियर जगतपाल ने डाक विभाग का भी 92 हजार रुपया हड़प लिया. फिलहाल डाक विभाग के अफसरों ने आरोपी कैशियर को विभाग से गबन किए गए 92 हजार की धनराशि की रिकवरी के बाद निलंबित कर दिया है. साथ ही इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया है.
लेकिन, खाताधारकों का आरोप है कि उनके हुई धोखाधड़ी को लेकर डाक विभाग की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है. जांच करने वाले अफसर इस पूरे फर्जीवाड़े को दबाने में जुटे हैं और इस मामले में बोलने से बच रहे हैं. वहीं खाताधारक अपनी मेहनत की कमाई को वापस पाने के लिए डाकघर के चक्कर काट रहे हैं.
डाकघर में अपनी रकम गंवा चुकी बुजुर्ग चंद्रकला का कहना है कि, उसने 26 हजार रुपये डाकघर के बचत खाते में जमा किया था, लेकिन कैशियर ने उसकी रकम हड़प ली और उसकी पासबुक भी अपने पास रख लिया.