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गोंडा: नुकसान के चलते BSNL ने बंद किए 6 एक्सचेंज, संसाधन समेट रहा विभाग

उत्तर प्रदेश के गोंडा में बीएसएनएल के 6 एक्सचेंज विभाग ने बंद कर दिए हैं. कुछ और एक्सचेंज बंद करने की सूची में शामिल हो चुके हैं. जल्द ही विभाग उन्हें भी बंद कर देगा.

घाटे में भारत संचार निगम लिमिटेड.
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Published : Oct 20, 2019, 7:38 AM IST

गोंडा: गांव की गलियों तक अपनी पहुंच बनाने वाला भारत संचार निगम लिमिटेड इन दिनों बदहाल हो गया है. जिन संसाधनों के बलबूते बीएसएनल अभी तक लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा था. तकनीक अपग्रेड न होने के कारण वही संसाधन अब उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं.

घाटे में भारत संचार निगम लिमिटेड.

जिले भर के विभिन्न कस्बों में भारत संचार निगम लिमिटेड ने करीब 40 एक्सचेंज स्थापित किए थे. पुराने ढर्रे पर चल रहे बीएसएनएल उपभोक्ताओं की सेवा पर खरा न उतरने के कारण धीरे-धीरे उपभोक्ताओं का मोह बीएसएनल से भंग हो गया. इसके बाद विभाग ने अपने छह एक्सचेंज बंद कर दिए हैं. कुछ और एक्सचेंज बंद करने की सूची में शामिल हो चुके हैं. जल्द ही विभाग उन्हें भी बंद कर देगा.

जिले के बीएसएनएल एक्सचेंज विभाग के लिए ही सरदर्द बन गए हैं. प्रतिमाह यह एक्सचेंज विभाग को लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे, जिससे विभाग ने घाटे में चल रहे एक्सचेंज को अब बंद करने का फैसला किया है. इसी क्रम में 6 एक्सचेंज बंद कर दिए गए हैं. मोबाइल के बढ़ते उपयोग से एक्सचेंज के माध्यम से दिए गए लैंडलाइन कनेक्शन को एक-एक कर उपभोक्ताओं ने बंद कर दिया. इससे धीरे-धीरे इन एक्सचेंज की आय पूरी तरह से खत्म हो गई. विभागीय लोग बताते हैं एक माह में एक एक्सचेंज पर करीब 20 हजार का खर्च आता था, ऐसे में जिन उपकेंद्रों को बंद किया गया है, उनमें शिवदयाल गंज कटरा, छपिया, मुंडेरवा माफी, हथियागढ़, सालपुर व मछली गांव, एक्सचेंज शामिल हैं. इन क्षेत्रों में पड़ने वाले सरकारी कार्यालय के भी टेलीफोन ठप हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें- बलिया: शिक्षक ने छात्रों पर लगाया एमडीएम बर्तन चोरी का आरोप, अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आदेश


जिन एक्सचेंज पर कनेक्शन की संख्या कम हो गई थी. ऐसे में एक्सचेंज को बंद किया गया है. नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन देकर उसे संचालित करने का प्रयास किया जाएगा.
-एस. के. सिंह, टीडीएम, गोंडा

गोंडा: गांव की गलियों तक अपनी पहुंच बनाने वाला भारत संचार निगम लिमिटेड इन दिनों बदहाल हो गया है. जिन संसाधनों के बलबूते बीएसएनल अभी तक लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा था. तकनीक अपग्रेड न होने के कारण वही संसाधन अब उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं.

घाटे में भारत संचार निगम लिमिटेड.

जिले भर के विभिन्न कस्बों में भारत संचार निगम लिमिटेड ने करीब 40 एक्सचेंज स्थापित किए थे. पुराने ढर्रे पर चल रहे बीएसएनएल उपभोक्ताओं की सेवा पर खरा न उतरने के कारण धीरे-धीरे उपभोक्ताओं का मोह बीएसएनल से भंग हो गया. इसके बाद विभाग ने अपने छह एक्सचेंज बंद कर दिए हैं. कुछ और एक्सचेंज बंद करने की सूची में शामिल हो चुके हैं. जल्द ही विभाग उन्हें भी बंद कर देगा.

जिले के बीएसएनएल एक्सचेंज विभाग के लिए ही सरदर्द बन गए हैं. प्रतिमाह यह एक्सचेंज विभाग को लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे, जिससे विभाग ने घाटे में चल रहे एक्सचेंज को अब बंद करने का फैसला किया है. इसी क्रम में 6 एक्सचेंज बंद कर दिए गए हैं. मोबाइल के बढ़ते उपयोग से एक्सचेंज के माध्यम से दिए गए लैंडलाइन कनेक्शन को एक-एक कर उपभोक्ताओं ने बंद कर दिया. इससे धीरे-धीरे इन एक्सचेंज की आय पूरी तरह से खत्म हो गई. विभागीय लोग बताते हैं एक माह में एक एक्सचेंज पर करीब 20 हजार का खर्च आता था, ऐसे में जिन उपकेंद्रों को बंद किया गया है, उनमें शिवदयाल गंज कटरा, छपिया, मुंडेरवा माफी, हथियागढ़, सालपुर व मछली गांव, एक्सचेंज शामिल हैं. इन क्षेत्रों में पड़ने वाले सरकारी कार्यालय के भी टेलीफोन ठप हो गए हैं.

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जिन एक्सचेंज पर कनेक्शन की संख्या कम हो गई थी. ऐसे में एक्सचेंज को बंद किया गया है. नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन देकर उसे संचालित करने का प्रयास किया जाएगा.
-एस. के. सिंह, टीडीएम, गोंडा

Intro:गांव की गलियों तक अपनी पहुंच बनाने वाला भारत संचार निगम लिमिटेड इन दिनों बदहाल हो गया है l जिन संसाधनों के बलबूते बीएसएनल अभी तक लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा था । तकनीक अपग्रेड न होने के कारण वही संसाधन अब उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिले भर के विभिन्न कस्बों में भारत संचार निगम लिमिटेड ने करीब 40 एक्सचेंज स्थापित किए थे। पुराने ढर्रे पर चल रहे बीएसएनएल उपभोक्ताओं की सेवा पर खरा न उतरने के कारण धीरे-धीरे उपभोक्ताओं का मोह बीएसएनल से भंग हो गया। जिसके चलते विभाग ने अपने छह एक्सचेंज बंद कर दिए हैं। कुछ और एक्सचेंज बंद करने की सूची में शामिल हो चुके हैं जल्द ही विभाग उन्हें भी बंद कर देगा।




Body:जनपद के बीएसएनएल एक्सचेंज विभाग के लिए ही सरदर्द बन गए हैं कारण प्रतिमाह यह एक्सचेंज विभाग को लाखों रुपए लगा रहे थे । जिससे विभाग ने घाटे में चल रहे एक्सचेंज को अब बंद करने का फैसला किया है । जिस के क्रम में 6 एक्सचेंज बंद कर दिए गए हैं । मोबाइल के बढ़ते उपयोग से एक्सचेंज के माध्यम से दिए गए लैंडलाइन कनेक्शन को एक-एक कर उपभोक्ताओं ने बंद कर दिया । जिससे धीरे-धीरे इन एक्सचेंज की आय पूरी तरह से खत्म हो गई । विभागीय लोग बताते हैं एक माह में एक एक्सचेंज पर करीब 20 हजार का खर्च आता था, ऐसे में जिन उप केंद्रों को बंद किया गया है उनमें क्रमस शिवदयाल गंज कटरा, छपिया, मुंडेरवा माफी, हथियागढ़, सालपुर, व मछली गांव, एक्सचेंज बंद कर दिए गए हैं। इन क्षेत्रों में पड़ने वाले सरकारी कार्यालय के भी टेलीफोन ठप हो गए हैं। बताया जाता है कि घाटे में चल रहे अभी और 15 एक्सचेंज कि बंद करने की संस्कृति हो चुकी है, जल्द ही यह एक्सचेंज भी बंद कर दिए जाएंगे। इन एक्सचेंज पर तैनात संविदा कर्मियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है विभाग इन्हें अब कौन सा काम देगा यह बात भविष्य के गर्त में छिपी है।


Conclusion:इस संबंध में जिला प्रबंधक दूरसंचार एसके सिंह ने बताया कि जिन एक्सचेंज पर कनेक्शन की संख्या बिल्कुल कम हो गई थी l जो बच्चे थे वह नॉनपेमेंट में कट गए। उपभोक्ताओं ने ध्यान नहीं दिया l ऐसे एक्सचेंज को बंद किया गया है । अन्य और एक्सचेंज के बंद होने की बात पर उन्होंने कहा वहां पर नए उपभोक्ताओं को कनेक्शन देकर उसे संचालित करने का प्रयास किया जाएगा।

बाईट- एस के सिंह(टीडीएम गोण्डा)
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