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पांच साल की बच्ची में दिखे मंकी पॉक्स के लक्षण, जांच के लिए भेजे गए सैंपल - रैपिड रिस्पांस टीम

शुक्रवार को राजनगर स्तिथ हर्ष ईएनटी अस्पताल में पांच साल की बच्ची भर्ती करायी गई. अस्पताल में जांच के बाद पाया गया कि मरीज के शरीर में जगह-जगह खुजली एवं दाने हैं. जिला सर्विलान्स अधिकारी को पूरे मामले की सूचना दी गई.

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च साल की बच्ची में दिखे मंकी पॉक्स के लक्षण, जांच के लिए भेजे गए सैंपल
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Published : Jun 3, 2022, 10:55 PM IST

ग़ाज़ियाबाद : शुक्रवार को ग़ाज़ियाबाद के राजनगर स्तिथ हर्ष ईएनटी अस्पताल में पांच साल की बच्ची भर्ती करायी गई. अस्पताल में जांच के बाद पाया गया कि मरीज के शरीर में जगह-जगह खुजली एवं दाने हैं. जिला सर्विलान्स अधिकारी को पूरे मामले की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही जिला सर्विलान्स अधिकारी ने रैपिड रिस्पान्स टीम (एपिडिमियोलाजिजिस्ट, लैब टैक्नीशियन इत्यादि) को हर्ष ईएनटी अस्पताल जांच के लिए भेजा.

ज़िला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम ने जांच में पाया कि मरीज को किसी भी प्रकार बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी आदि शिकायत नहीं है. मरीज और उनके किसी भी प्रकार के नजदीकी सम्पर्क में बीते एक माह में किसी भी प्रकार की विदेश यात्रा नही की गयी है. मरीज किसी भी प्रकार के विदेश यात्रा किए हुए व्यक्ति के सम्पर्क में भी नहीं आई है. फिर भी एहतियातन मंकीपॉक्स जांच के लिए नमूने ले लिए गए हैं. मरीज के परिजनों को मरीज को आइसोलेट रखने को कहा गया है.



हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि 15 देशों में करीब 100 लोग मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस वायरस के वैश्विक स्तर पर पहुंचने की संभावना है. मंकीपॉक्स वायरस ने अब तक दुनिया के 15 देशों में पहुंचा है. इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, स्वीडन और इटली शामिल हैं. भारत में अभी तक इस वायरस के केस नहीं मिले हैं.

यह भी पढ़ें- यात्रीगण कृपया ध्यान दें ! पूर्वोत्तर रेलवे मंडल की ये गाड़ियां रहेंगी निरस्त




० क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, आमतौर पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था. जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी. यूके की एनएचएस वेबसाइट के अनुसार यह रोग चेचक के वंश का है. जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है.


० मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स से संक्रमितों के लक्षण प्रकट होने में पांच से 21 दिनों का समय लगता है. इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों का अनुभव करने के एक से पांच दिन बाद आमतौर पर चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं. दाने कभी-कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित होते हैं. क्योंकि यह उभरे हुए धब्बों के रूप में शुरू होता है. जो तरल पदार्थ से भरे छोटी पपड़ी में बदल जाते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर साफ हो जाते हैं और पपड़ी गिर जाती है.

ग़ाज़ियाबाद : शुक्रवार को ग़ाज़ियाबाद के राजनगर स्तिथ हर्ष ईएनटी अस्पताल में पांच साल की बच्ची भर्ती करायी गई. अस्पताल में जांच के बाद पाया गया कि मरीज के शरीर में जगह-जगह खुजली एवं दाने हैं. जिला सर्विलान्स अधिकारी को पूरे मामले की सूचना दी गई. सूचना मिलते ही जिला सर्विलान्स अधिकारी ने रैपिड रिस्पान्स टीम (एपिडिमियोलाजिजिस्ट, लैब टैक्नीशियन इत्यादि) को हर्ष ईएनटी अस्पताल जांच के लिए भेजा.

ज़िला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम ने जांच में पाया कि मरीज को किसी भी प्रकार बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी आदि शिकायत नहीं है. मरीज और उनके किसी भी प्रकार के नजदीकी सम्पर्क में बीते एक माह में किसी भी प्रकार की विदेश यात्रा नही की गयी है. मरीज किसी भी प्रकार के विदेश यात्रा किए हुए व्यक्ति के सम्पर्क में भी नहीं आई है. फिर भी एहतियातन मंकीपॉक्स जांच के लिए नमूने ले लिए गए हैं. मरीज के परिजनों को मरीज को आइसोलेट रखने को कहा गया है.



हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि 15 देशों में करीब 100 लोग मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस वायरस के वैश्विक स्तर पर पहुंचने की संभावना है. मंकीपॉक्स वायरस ने अब तक दुनिया के 15 देशों में पहुंचा है. इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, स्वीडन और इटली शामिल हैं. भारत में अभी तक इस वायरस के केस नहीं मिले हैं.

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० क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, आमतौर पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था. जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी. यूके की एनएचएस वेबसाइट के अनुसार यह रोग चेचक के वंश का है. जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है.


० मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स से संक्रमितों के लक्षण प्रकट होने में पांच से 21 दिनों का समय लगता है. इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों का अनुभव करने के एक से पांच दिन बाद आमतौर पर चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं. दाने कभी-कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित होते हैं. क्योंकि यह उभरे हुए धब्बों के रूप में शुरू होता है. जो तरल पदार्थ से भरे छोटी पपड़ी में बदल जाते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह के भीतर साफ हो जाते हैं और पपड़ी गिर जाती है.

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