गाजियाबाद: गाजियाबाद की डासना जेल में बंद अरुण नाम के कैदी ने जो कर दिखाया है, उसकी तारीफ हर जगह हो रही है. अरुण पिछले 6 साल से हत्या के मामले में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है, लेकिन कहते हैं कि दिल में जज्बा हो, तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है. अरुण ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, जिस अरुण की जिंदगी पर अपराध का ठप्पा लग चुका था, आज उसी अरुण को जेल में बधाई देने वालों की कमी नहीं है.
उत्तर प्रदेश के डीजी जेल आनंद कुमार ने भी अरुण को बधाई दी है. दरअसल यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा अरुण ने जेल में बंद रह कर ही दी थी. अरुण की तरह यूपी की जेलों में बंद 75 कैदियों ने 12वीं की परीक्षा दी थी, जिनमें से अरुण ने अव्वल स्थान हासिल किया है. अरुण ने 70 फीसदी से अधिक अंक लाकर खुद के लिए जीवन की नई रोशनी तलाश ली है.
जेल में काम के साथ पढ़ाई पर फोकस
बता दें कि जेल में रहकर अरुण जेल में दिए गए कार्यों के अलावा रोजाना पढ़ाई में भी फोकस किया करता था. बताया जाता है कि जेल में विचाराधीन कैदियों के साथ ही अरुण बंद है, क्योंकि उसका मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. इसके अलावा उसका व्यवहार बाकी कैदियों के साथ काफी अच्छा रहता है. वह अपने सभी काम वक्त पर करता है और ज्यादा वक्त पढ़ने में ही बिताता है.
हाई स्कूल में भी किया था अच्छा प्रदर्शन
2 साल पहले जब हाई स्कूल की परीक्षा अरुण ने दी थी, तब रिजल्ट के बाद सभी ने अरुण को बधाई दी थी, क्योंकि हाई स्कूल में अच्छा प्रदर्शन किया था. इसके बाद उस का जज्बा और ज्यादा बढ़ गया और उसने 2 साल तक लगातार मेहनत की. आखिरकार अब 12वीं क्लास में प्रदेश के सभी जेलों में अव्वल आकर अपने परिवार के लिए दोबारा से खुद पर गर्व करने की एक वजह दे दी.