गाजियाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इस साल कावड़ यात्रा नहीं होगी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर कावड़ यात्रा को रद्द करने पर सहमति जताई है.
तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को इस संबंध में चर्चा की थी. इस दौरान तीनों प्रदेशों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहें. वहीं कावड़ यात्रा के दौरान गाजियाबाद के NH-58 का माहौल कैसा होता था. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय लोगों से बातचीत की.
मुरादनगर में ठहरते थे श्रद्धालु
ईटीवी भारत की टीम मुरादनगर के पास NH-58 पर पहुंची. जहां पर कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं के लिए बड़े-बड़े शिविर लगाए जाते थे. मुरादनगर बस स्टैंड के पास ही एक पुरानी सराय बनी हुई है, जिसका इस्तेमाल कावड़ यात्रा के दौरान खाना बनाने और कावड़ियों के विश्राम करने के लिए किया जाता था.
लाखों की संख्या में आते थे श्रद्धालु
ईटीवी भारत से बातचीत में मुरादनगर निवासी ओमप्रकाश चांदना ने बताया कि NH-58 पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु कावड़ लेकर आते थे. यह रोड ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया जाता था, रोड पर डीजे बजते थे. साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना वायरस के चलते कावड़ यात्रा नहीं होगी, जिसका दुख है, लेकिन हम देश के साथ हैं.
सड़क किनारे लगते थे बड़े-बड़े शिविर
वहीं स्थानीय निवासी अंकित ने बताया कि कावड़ यात्रा के दौरान इस रोड पर लाखों की तादाद में भीड़ होती थी, डीजे बजता रहता था. हरिद्वार से जल लेकर आने वाले कावड़ियों को लोग देर रात तक डिवाइडर पर बैठकर देखा करते थे. उन्होंने बताया कि वह खुद भी कावड़ लेकर जाते थे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण यात्रा को रद्द कर दिया गया है. जिस कारण कावड़ नहीं ले जा पाएंगे.