नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी गाजियाबाद की जमीन के आवंटन पुनः बहाल करने के मामले में प्रमुख सचिव ने देर रात लखनऊ में सुनवाई जारी की थी.
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सुनवाई के दौरान गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह वर्तमान सर्कल रेट लेकर ही जमीन का आवंटन कर सकते हैं. जिसकी कीमत करीब 60 करोड़ रुपये है. वही आईएमटी कॉलेज प्रबंधन ने पुरानी दर पर ब्याज लगाकर जमीन की कीमत तय करने का प्रस्ताव रखा है.
भुगतान के संबंध में नोटिस जारी
आवंटन के बाद भी आईएमटी ने जमीन का भुगतान नहीं किया गया था. साल 1994 तक जीडीए की तरफ से आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को लगातार भुगतान के संबंध में नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से फिर जीडीए भी पैसा मांगना भूल गया और आईएमटी ने भुगतान भी नहीं किया.
शासन ने की थी मामले की जांच
गौरतलब है कि इस मामले में काउंसलर राजेन्द्र त्यागी ने मुख्यमंत्री को शिकायत की थी. इसके बाद शासन स्तर पर इस पूरे मामले की जांच कराई गई. जांच में आरोप सही पाये जाने पर जीडीए ने इस जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया. जिसके खिलाफ आईएमटी प्रबंधन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वहां से आईएमटी प्रबंधन को यह आदेश दिया गया कि पहले वह 5 करोड़ पर जीडीए में जमा कराये उसके बाद इस मामले पर सुनवाई होगी.