गाजियाबाद: हिंदू युवा वाहिनी के गाजियाबाद जिले के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष आयुष त्यागी को चुने जाने को लेकर पूर्व पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बहिष्कार किया है. इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत ने हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों से खास बातचीत की.
ईटीवी भारत को हिंदू युवा वाहिनी के गाजियाबाद जिला इकाई मुरादनगर मंडल के पूर्व नगर प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि हिंदू युवा वाहिनी गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष चुने जाने को लेकर इसलिए नाराजगी जताई जा रही है. 11 अक्टूबर को गाजियाबाद जिले कि हिंदू युवा वाहिनी के संगठन को महामंत्री द्वारा निष्कासित किया गया था, क्योंकि जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी के काम को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की काफी नाराजगी थी.
पदाधिकारियों ने किया बहिष्कार
इसके साथ ही हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व पदाधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि उनकी यह इच्छा थी कि गाजियाबाद जिलाध्यक्ष पद पर एक कर्मठ और अच्छा कार्यकर्ता जिला इकाई में से ही चुना जाएगा, जोकि सीएम योगी के निर्देशों और गाजियाबाद जिले के सभी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेगा. जब हाल ही में गाजियाबाद जिलाध्यक्ष पद पर आयुष त्यागी का नाम आया तो वह सोच में पड़ गए कि यह कौन है.
उन्होंने कहा कि इतने बरसों से हिंदू युवा वाहिनी में काम करने के दौरान हमने आयुष त्यागी को किसी भी कार्यक्रम में नहीं देखा और न ही यह हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता हैं. इसीलिए जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व से जो जिलाध्यक्ष बनाया गया है, यह बिल्कुल गलत है. इसीलिए हम इसका बहिष्कार और विरोध करते हैं.
बिना किसी सलाह के चुने गए जिलाध्यक्ष
हिंदू युवा वाहिनी मुरादनगर के पूर्व नगर अध्यक्ष प्रशांत गुप्ता ने बताया कि वह चाहते हैं कि हिंदू युवा वाहिनी का जो कोई भी जिलाध्यक्ष चुना जाए, वह संगठन का कार्यकर्ता हो उनके बीच का ही कोई सदस्य हो. जिसे हिंदू वाहिनी के उद्देश्य पता हो और जिसने हिंदुत्व के लिए काम किया हो. साथ ही उन्होंने कहा कि इनको शहर में कोई नहीं जानता. हमने इनको किसी प्रोग्राम में नहीं देखा. इनको अचानक से पैराशूट से लांच कर दिया गया है. कम से कम गाजियाबाद पदाधिकारियों और सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेकर जिलाध्यक्ष चुना जाना चाहिए था. जो हिंदुत्व के बारे में कुछ नहीं जानता उसको जिलाध्यक्ष बना दिया गया है.
व्यक्तिगत संबंध से हुआ चयन
इसके साथ ही प्रशांत गुप्ता का कहना है कि इनका चयन शीर्ष नेतृत्व से हुआ है, क्योंकि इनके वहां पर व्यक्तिगत संबंध हैं. उसके आधार पर ही इनको गाजियाबाद का जिलाध्यक्ष बना दिया गया है.