नई दिल्ली/गाजियाबाद : 13 मई को हुए मुंडका अग्निकांड में दो दर्जन से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हुई. मुंडका आग हादसे के महज़ 10 दिन के अंदर गाजियाबाद के जिला MMG अस्पताल में बर्न वार्ड तैयार हो गया है. दरअसल गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद गाजियाबाद में छोटी-बड़ी कई आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. आग में झुलसे लोगों को तुरंत उपचार देने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा बर्न वार्ड तैयार किया गया है.
गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनोज चतुर्वेदी ने बताया हर साल गर्मी के मौसम में आग की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिलती है, जिसके मद्देनजर जिला एमएमजी अस्पताल में आठ बेड का बर्न वार्ड तैयार किया गया है. किसी भी इमरजेंसी के लिए बर्न वर्ड में 24 घंटे स्टाफ मौजूद है. बर्न वार्ड पूरी तरह से एयर कंडिशन्ड है. साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मौजूद हैं.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि आग में झुलसने के कारण लोगों के हाथ-पैर टेढ़े हो जाते हैं, त्वचा खराब हो जाती है. जिसका उपचार करने के लिए शासन को पत्र लिख प्लास्टिक सर्जन की नियुक्ति करने की मांग की गई है. प्लास्टिक सर्जन की नियुक्ति के बाद बर्न वर्ड में एडवांस्ड सर्जरी भी संभव हो पाएगी. बर्न वार्ड शुरू होने के बाद अब तक दो मरीजों का उपचार किया चुका है. दोनों मरीज तकरीबन 30 प्रतिशत तक झुलसे हुए थे. पूरी तरह से ठीक होने के बाद मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अब आग में झुलसे मरीजों को उपचार के लिए दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
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डॉक्टरों के मुताबिक, कई बार देखने को मिलता है कि आग में झुलसने के बाद लोग घरेलू उपचार करने लगते हैं. जिससे कि अस्पताल में आने के बाद आग में झुलसे मरीज की हालत और भी ज्यादा क्रिटिकल हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि अगर आग में झुलसते हैं तो जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को दिखाएं.
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