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नहीं मिला सपनों का आशियाना तो बॉयर्स ने बिल्डर के लिए किया 'बुद्धि-शुद्धि' यज्ञ

नोएडा के सेक्टर-46 में गार्डेनिया ग्लोरी सोसाइटी में बिल्डर के खिलाफ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया गया. बिल्डर को नोएडा अथॉरिटी का तकरीबन 350 करोड़ रुपये चुकाना है. जिसकी वजह से अथॉरिटी CC यानी कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा और बायर्स खाली हाथ हैं.

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Published : May 13, 2019, 11:57 PM IST

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नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-46 में गार्डेनिया ग्लोरी सोसाइटी में बिल्डर के खिलाफ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया गया. लोकतंत्र के महापर्व के नारों के शोर के बीच नोएडा के बायर्स ने जीवन भर की कमाई को डूबने से बचाने के लिए यज्ञ किया. बिल्डर को नोएडा अथॉरिटी का तकरीबन 350 करोड़ रुपये चुकाना है. जिसकी वजह से अथॉरिटी CC यानी कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा और बायर्स खाली हाथ हैं.

जानकारी देते फ्लैट खरीदने वाले लोग

बिल्डर के लिए यज्ञ
बायर्स दीपक गर्ग ने बताया कि बिल्डर की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया गया है. आज भी हम अपने स्वामित्व के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. पुलिस, प्रशासन और सरकार सबसे अनुरोध कर लिया, लेकिन अभी तक हाथ खाली है. साल 2009 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ, लेकिन आज 10 साल गुजर गए रजिस्ट्री नहीं हुई है.

'जीवन भर की कमाई बिल्डर को दी'
निर्मला शर्मा का कहना है कि बिल्डर की बुद्धि की शुद्धि के लिए यज्ञ किया जा रहा है. बिल्डर को लाखों करोड़ों रुपये कमाने की बीमारी को दूर करने के लिए यज्ञ किया गया है. पीड़ित महिला ने कहा कि कहीं इस बिल्डर को भी जेल की हवा न खानी पड़े.

बायर्स प्राची का कहना है कि जीवन भर की कमाई बिल्डर को दे दी है, लेकिन लीगल तरीके से हम आज भी अपने फ्लैट्स के मालिक नहीं हैं. बायर्स गरिमा ने बिल्डर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बिल्डर की नीयत साफ नहीं है. बिल्डर ने बायर्स से पैसे लिए, लेकिन अथॉरिटी में जमा करने की जगह पैसे खाते में रख ब्याज ले रहा है.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-46 में गार्डेनिया ग्लोरी सोसाइटी में बिल्डर के खिलाफ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया गया. लोकतंत्र के महापर्व के नारों के शोर के बीच नोएडा के बायर्स ने जीवन भर की कमाई को डूबने से बचाने के लिए यज्ञ किया. बिल्डर को नोएडा अथॉरिटी का तकरीबन 350 करोड़ रुपये चुकाना है. जिसकी वजह से अथॉरिटी CC यानी कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा और बायर्स खाली हाथ हैं.

जानकारी देते फ्लैट खरीदने वाले लोग

बिल्डर के लिए यज्ञ
बायर्स दीपक गर्ग ने बताया कि बिल्डर की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया गया है. आज भी हम अपने स्वामित्व के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. पुलिस, प्रशासन और सरकार सबसे अनुरोध कर लिया, लेकिन अभी तक हाथ खाली है. साल 2009 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ, लेकिन आज 10 साल गुजर गए रजिस्ट्री नहीं हुई है.

'जीवन भर की कमाई बिल्डर को दी'
निर्मला शर्मा का कहना है कि बिल्डर की बुद्धि की शुद्धि के लिए यज्ञ किया जा रहा है. बिल्डर को लाखों करोड़ों रुपये कमाने की बीमारी को दूर करने के लिए यज्ञ किया गया है. पीड़ित महिला ने कहा कि कहीं इस बिल्डर को भी जेल की हवा न खानी पड़े.

बायर्स प्राची का कहना है कि जीवन भर की कमाई बिल्डर को दे दी है, लेकिन लीगल तरीके से हम आज भी अपने फ्लैट्स के मालिक नहीं हैं. बायर्स गरिमा ने बिल्डर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बिल्डर की नीयत साफ नहीं है. बिल्डर ने बायर्स से पैसे लिए, लेकिन अथॉरिटी में जमा करने की जगह पैसे खाते में रख ब्याज ले रहा है.

Intro:नोएडा के सेक्टर 46 में गार्डेनिया ग्लोरी सोसाइटी में बिल्डर के खिलाफ बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया गया। लोकतंत्र के महापर्व के नारों के शोर के बीच नोएडा के बायर्स ने जीवन भर की कमाई को डूबने से बचाने के लिए यज्ञ किया। बिल्डर का नोएडा अथॉरिटी पर तकरीबन 350 करोड़ देय है जिसकी वजह से अथॉरिटी CC यानी कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा और बायर्स खाली हाथ हैं।



Body:बायर्स दीपक गर्ग ने बताया कि बिल्डर की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया है। आज भी हम अपने स्वामित्व के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। पुलिस, प्रशासन और सरकार सबसे अनुरोध कर लिया लेकिन अभी तक हाथ खाली हैं। साल 2009 में प्रोजेक्ट शुरू हुआ लेकिन आज 10 साल गुजर गए रजिस्ट्री नहीं हुई।


Conclusion:निर्मला शर्मा का कहना है कि बिल्डर की बुद्धि की शुद्धि के लिए यज्ञ किया जा रहा1 है, बिल्डर को लाखों करोड़ों रुपये कमाने की बीमारी को दूर करने के लिए यज्ञ किया है। पीड़ित महिला ने कहा कि कहीं इस बिल्डर को भी जेल की हवा ना खानी पड़े।

बायर प्राची का कहना है कि जीवन भर की कमाई बिल्डर को दे दी है लेकिन लीगल तरीके से हम आज भी अपने फ्लैट्स के मालिक नहीं हैं।

बायर गरिमा ने बिल्डर पर सवाल खड़े करते हुए साफ किया कि बिल्डर की नीयत साफ नहीं है। बिल्डर ने बायर्स से पैसे लिए लेकिन अथॉरिटी में जमा करने की जगह पैसे खाते में रख ब्याज ले रहा है।
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