फिरोजाबाद: जिले की सिरसा नदी जो बीते एक दशक से सूखे के कारण अपने वजूद को बचाने के लिए तरस रही थी. वहीं इस सिरसा नदी में दशकों बाद पानी आने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है. मनरेगा योजना के तहत किए गए काम से अब इस नदी में पानी आ गया है, जिससे यहां की जमीन में जलस्तर बढ़ने के साथ ही पीने के पानी की किल्लत दूर होगी. ये नदी अब सैकड़ों एकड़ जमीन की प्यास बुझाने के लिए तैयार है. अब फिर से यह नदी किसानों की खुशहाली का कारण बनेगी और जमीन का जलस्तर भी बढ़ेगा.
सिरसा नदी में छोड़ा गया पानी
फिरोजाबाद जिले की सिरसा नदी में पानी छोड़ा गया है, लेकिन चार माह पहले ऐसा नहीं था. इस नदी में पानी तो छोड़िए ये नदी सिल्ट के कारण चोक हो गई थी और इसमें बड़ी-बड़ी घासें खड़ी थीं. हालांकि एक दशक पहले तक यह नदी किसानों की खुशहाली की वजह बनती थी, लेकिन देखरेख के अभाव में नदी का वजूद खत्म होने की कगार पर पहुंच गया था. इस कोरोना काल में नदी पर स्थानीय जनप्रतिनिधि और अफसरों की नजरें पड़ी तो आपदा को अवसर में बदलते हुए प्रवासी मजदूरों से मनरेगा योजना के तहत काम कराया गया. नदी की सफाई मनरेगा के तहत कराई गई और अब इसमें पानी है. कोरोना काल में न केवल इस नदी की किस्मत बदली बल्कि घर बैठे प्रवासी मजदूरों को भी काम मिला.
नदी के आस-पास बसते हैं 49 गांव
जिले में नदी की 110 किलोमीटर लम्बाई है, साथ ही यह नदी टूंडला, नारखी, शिकोहाबाद और मदनपुर ब्लाक से होकर गुजरती है. वहीं 49 गांव इस नदी के आस-पास पड़ते हैं. वहीं जिन क्षेत्रों से यह नदी गुजरती है, वहां भूजल स्तर भी काफी नीचे है. ऐसे में इस नदी में पानी आने से जहां किसानों की उपजाऊ जमीन को फसल के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा, वहीं इस क्षेत्र का भूजल स्तर भी ऊंचा उठेगा. मुख्य विकास अधिकारी नेहा जैन ने बताया कि नदी के आस-पास पेड़ भी लगाए जाएंगे, जिससे पानी के साथ-साथ लोगों को पेड़ों की छाया और स्वच्छ हवा भी मिल सकेगी.