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फिरोजाबाद में धरोहर की तरह संरक्षित होंगे पुराने पेड़ - फिरोजाबाद वन विभाग

फिरोजाबाद में 100 साल पुराने पेड़ों को संरक्षित किया जाएगा. वन विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है. इन पेड़ों को खोजने का काम जिला पंचायत राज अधिकारी कर रहे हैं.

बरगद का पेड़.
बरगद का पेड़.
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Published : Sep 29, 2020, 4:21 PM IST

फिरोजाबाद: जिले में 100 साल या इससे अधिक आयु वाले पेड़ों को संरक्षित किया जाएगा. वन विभाग इस योजना के तहत पेड़ों को संरक्षित करने का काम करेगा. इसके पीछे जो मंशा है वह पुराने पेड़ों को धरोहर की तरह संजोकर रखने की है. फिलहाल इन पेड़ों को खोजने का काम जिला पंचायत राज अधिकारी कर रहे हैं.

फिरोजाबाद में काफी तादाद में पुराने पेड़ हैं, जिनकी उम्र 100 साल या इसके आस पास है. मटसेना इलाके के जैदामई गढ़िया गांव में तो बरगद का एक ऐसा पेड़ है, जिसकी उम्र 200 साल के आसपास होगी. उसकी जड़ें करीब तीन बीघा खेत में फैली हुई हैं. जो पेड़ संरक्षित किये जाएंगे वह पेड़ सरकारी जमीन पर होंगे.

ऐसे पेड़ों में ज्यादातर पेड़ बरगद या फिर पीपल के हैं. इन पेड़ों को वन विभाग धरोहर की तरह संरक्षित करेगा, जिससे लोगों को इसका लाभ मिलता रहे और लोग पेड़ों की महत्ता के बारे में जागरूक हों. बता दें कि जिले में जो पुराने पेड़ हैं, उनकी जड़ों से मिट्टी हट जाने के कारण यह खोखली हो गईं हैं. इससे पेड़ों के सूखने का भी खतरा पैदा हो गया है.

इस बारे में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा का कहना है कि इन पेड़ों को संरक्षित करने का काम तो वन विभाग करेगा, लेकिन पंचायती राज को इन पेड़ों को खोजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके बारे में ग्राम पंचायत स्तर से जानकारी मांगी जा रही है. पेड़ों के चिन्हित किए जाने के बाद इसकी जानकारी वन विभाग को दी जाएगी. उसके बाद इन पेड़ों की जड़ों में चबूतरा बनवाया जाएगा, ताकि जड़ें खोखली न हों और अधिक समय तक पेड़ संरक्षित रह सकें.

फिरोजाबाद: जिले में 100 साल या इससे अधिक आयु वाले पेड़ों को संरक्षित किया जाएगा. वन विभाग इस योजना के तहत पेड़ों को संरक्षित करने का काम करेगा. इसके पीछे जो मंशा है वह पुराने पेड़ों को धरोहर की तरह संजोकर रखने की है. फिलहाल इन पेड़ों को खोजने का काम जिला पंचायत राज अधिकारी कर रहे हैं.

फिरोजाबाद में काफी तादाद में पुराने पेड़ हैं, जिनकी उम्र 100 साल या इसके आस पास है. मटसेना इलाके के जैदामई गढ़िया गांव में तो बरगद का एक ऐसा पेड़ है, जिसकी उम्र 200 साल के आसपास होगी. उसकी जड़ें करीब तीन बीघा खेत में फैली हुई हैं. जो पेड़ संरक्षित किये जाएंगे वह पेड़ सरकारी जमीन पर होंगे.

ऐसे पेड़ों में ज्यादातर पेड़ बरगद या फिर पीपल के हैं. इन पेड़ों को वन विभाग धरोहर की तरह संरक्षित करेगा, जिससे लोगों को इसका लाभ मिलता रहे और लोग पेड़ों की महत्ता के बारे में जागरूक हों. बता दें कि जिले में जो पुराने पेड़ हैं, उनकी जड़ों से मिट्टी हट जाने के कारण यह खोखली हो गईं हैं. इससे पेड़ों के सूखने का भी खतरा पैदा हो गया है.

इस बारे में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा का कहना है कि इन पेड़ों को संरक्षित करने का काम तो वन विभाग करेगा, लेकिन पंचायती राज को इन पेड़ों को खोजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके बारे में ग्राम पंचायत स्तर से जानकारी मांगी जा रही है. पेड़ों के चिन्हित किए जाने के बाद इसकी जानकारी वन विभाग को दी जाएगी. उसके बाद इन पेड़ों की जड़ों में चबूतरा बनवाया जाएगा, ताकि जड़ें खोखली न हों और अधिक समय तक पेड़ संरक्षित रह सकें.

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