फिरोजबादः जिले में बीएसपी ने प्रबुद्ध सम्मेलन और विचार गोष्ठी के जरिये विधानसभा 2022 का चुनावी बिगुल बजा दिया है. सम्मेलन में बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन काल में ब्राह्मण और दलितों पर खूब उत्पीड़न हुए हैं. जाति पूछकर उन्हें मारा जा रहा है. लेकिन अगर समाज एकजुट हो जाए तो इस उत्पीड़न को रोका जा सकता है.
जिला क्लब में आयोजित इस कार्यक्रम में शुरुआत शंखनाद और वैदिक उच्चारण के साथ हुई. कार्यक्रम को यूपी सरकार के पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने संबोधित किया. इसके बाद बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र ने संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में ब्राह्मण के साथ दलितों के भी उत्पीड़न का मुद्दा उठाया. इसके लिए उन्होंने कानपुर के विकास दुबे का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि इस कांड के बाद समाज के लोगों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया. उन्हें मारा गया. इसके साथ ही जेलों में डाला गया है. उन्होंने कहा कि कानपुर के विकास दुबे कांड ब्राह्मण उत्पीड़न का उदाहरण है, तो हाथरस कांड दलित उत्पीड़न का उदाहरण है. उन्होंने कहा कि सरकार की चहेती जाति के लोग कोई कितना भी बड़ा गुनाह क्यों न कर दें, उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती है. चाहे वो उन्नाव का मामला हो या फिर हाथरस का.
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अयोध्या मुद्दे को लेकर भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मंदिर के नाम पर जो चंदा मिल रहा है उसका उपयोग बीजेपी पार्टी की मजबूती के लिए कर रही है. इतना चन्दा आने के बाद अभी तक मंदिर की नींव तक नहीं भरी गयी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी भगवान राम को वोटों के लिए इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि जब 2007 में बीएसपी की सरकार बनी थी तो सबसे ज्यादा पद ब्राह्मण समाज को ही मिले थे. खुद बहन मायावती ने नारा दिया था कि हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश हैं. उन्होंने कहा कि देश मे अघोषित इमरजेंसी के हालात हैं. सच उजागर करने पर मीडिया संस्थानों पर भी छापेमारी की जाती है. उन्होंने कहा कि अगर बीएसपी की सरकार बनी तो इन सभी मामलों की जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज को एकजुट होने की जरूरत है. गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीएसपी किसी राजनीतिक दल की बजाय जनता से गठजोड़ करेगी.