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फिरोजाबाद: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़े में फंसे कई अफसर, दो पंचायत सचिव निलंबित - जिला प्रशासन ने लिया बड़ा एक्शन

फिरोजाबाद के टूंडला ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जहां महेंद्र नाम के एक शख्स ने अपने ताऊ की बेटी के साथ सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए शादी कर ली थी.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़ा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़ा
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Published : Dec 21, 2021, 1:18 PM IST

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सामने आए फर्जीवाड़े में कई अफसर फंसते नजर आ रहे हैं. जिलाधिकारी के आदेश पर कराई गई जांच के बाद जिन कर्मचारियों को दोषी पाया गया था, उनमें दो पंचायत सचिवों और एक सफाई कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा दो सहायक विकास अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की संस्तुति की गई है तो अन्य दो लोगों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं. जिनमें एक सफाई कर्मचारी शामिल है, जबकि दूसरे व्यक्ति का नाम सोनू टेलर बताया जा रहा है. जिसने अपने विवाहित बेटे को भतीजी से शादी के लिए राजी किया था.

बताते चलें कि फिरोजाबाद जिले के विभिन्न तहसील क्षेत्रों में 11 दिसंबर को सामूहिक विवाह समारोह सम्पन्न हुए थे. पूरे जिले में 349 जोड़ों की शादियां किए जाने का दावा किया गया था. इन सभी जोड़ों को शासनादेश के अनुसार समान भी दिए गए थे. लेकिन कुछ शिकायतों और फोटो से इस योजना में फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आई थी.

मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़

अब इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. फिरोजाबाद के टूंडला ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जहां महेंद्र नाम के एक शख्स ने अपने ताऊ की बेटी के साथ सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी कर लील थी. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के बाद जब इन सब का सत्यापन हुआ तब जाकर फर्जी शादी का खुलासा हुआ.

मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने जांच कराई तो इसमें शादी करने वाला युवक महेंद्र ही नहीं, बल्कि विभाग के तीन कर्मचारी की मिलीभगत भी सामने आई, जिसमें दो विभाग के सेक्रेटरी हैं और फिरोज नाम का एक सफाई कर्मचारी है. इन सभी को जांच के बाद मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने निलंबित कर दिया है.

इसे भी पढ़ें -अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कसे तंज, कहाः 'भाजपा सरकार में खतरे में लोकतंत्र'

वहीं, एक एडीओ इस मामले में शामिल हैं, उनके खिलाफ भी निलबंन के लिये शासन को लेटर लिखा गया है. जबकि एक बीडीओ को भी लेटर जारी कर जांच की जा रही है. दरअसल, मामला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह से जुड़ा होने की वजह से सभी विभागीय अधिकारियों में खलबली मची है.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़ा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़ा

मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ का यह भी कहना है कि यह कार्रवाई बहुत जरूरी थी, ताकि आगे से कोई ऐसी गलती न करे. मुख्य विकास अधिकारी के अनुसार इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई की गई है. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कुछ गड़बड़ियां सामने आई थी, जिस पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कराई गई थी.

इस जांच में कई लोगों की गलती पाई गई थी. उन सभी पर कार्रवाई की गई है. साथ ही समाज कल्याण विभाग के एडीओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी शासन को लिखा गया है. इसके अलावा बीडीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है यदि उनके खिलाफ भी जांच में कोई तथ्य सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी.

मामले में पहली कार्रवाई तब हुई जब एडीओ समाज कल्याण चंद्रभान सिंह ने बहन के साथ शादी रचाने वाले युवक के खिलाफ टूंडला कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने पूरे मामले की जांच के आदेश भी दिए थे. मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने बताया कि ग्राम पंचायत मरसेना के सचिव कुशल पाल सिंह, घड़ी घिरौली के सचिव अनुराज, मरसेना के सफाई कर्मचारी फिरोज को निलंबित कर दिया गया है.

इन सचिवों पर लाभार्थियों का सत्यापन न करने का आरोप है, जबकि सफाई कर्मचारी फिरोज पर आरोप है कि एक फर्जी जोड़े की शादी में इसकी मिलीभगत रही थी. सीडीओ ने बताया कि सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण चंद्रभान सिंह और सहकारिता विभाग के एडीओ सुधीर कुमार पर क्रॉस चैक न करने, मामले में लापरवाही बरतने का आरोप है. इस मामले में सोनू टेलर और फिरोज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सामने आए फर्जीवाड़े में कई अफसर फंसते नजर आ रहे हैं. जिलाधिकारी के आदेश पर कराई गई जांच के बाद जिन कर्मचारियों को दोषी पाया गया था, उनमें दो पंचायत सचिवों और एक सफाई कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा दो सहायक विकास अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की संस्तुति की गई है तो अन्य दो लोगों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं. जिनमें एक सफाई कर्मचारी शामिल है, जबकि दूसरे व्यक्ति का नाम सोनू टेलर बताया जा रहा है. जिसने अपने विवाहित बेटे को भतीजी से शादी के लिए राजी किया था.

बताते चलें कि फिरोजाबाद जिले के विभिन्न तहसील क्षेत्रों में 11 दिसंबर को सामूहिक विवाह समारोह सम्पन्न हुए थे. पूरे जिले में 349 जोड़ों की शादियां किए जाने का दावा किया गया था. इन सभी जोड़ों को शासनादेश के अनुसार समान भी दिए गए थे. लेकिन कुछ शिकायतों और फोटो से इस योजना में फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आई थी.

मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़

अब इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. फिरोजाबाद के टूंडला ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जहां महेंद्र नाम के एक शख्स ने अपने ताऊ की बेटी के साथ सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी कर लील थी. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के बाद जब इन सब का सत्यापन हुआ तब जाकर फर्जी शादी का खुलासा हुआ.

मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने जांच कराई तो इसमें शादी करने वाला युवक महेंद्र ही नहीं, बल्कि विभाग के तीन कर्मचारी की मिलीभगत भी सामने आई, जिसमें दो विभाग के सेक्रेटरी हैं और फिरोज नाम का एक सफाई कर्मचारी है. इन सभी को जांच के बाद मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने निलंबित कर दिया है.

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वहीं, एक एडीओ इस मामले में शामिल हैं, उनके खिलाफ भी निलबंन के लिये शासन को लेटर लिखा गया है. जबकि एक बीडीओ को भी लेटर जारी कर जांच की जा रही है. दरअसल, मामला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह से जुड़ा होने की वजह से सभी विभागीय अधिकारियों में खलबली मची है.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़ा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में फर्जीवाड़ा

मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ का यह भी कहना है कि यह कार्रवाई बहुत जरूरी थी, ताकि आगे से कोई ऐसी गलती न करे. मुख्य विकास अधिकारी के अनुसार इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई की गई है. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कुछ गड़बड़ियां सामने आई थी, जिस पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कराई गई थी.

इस जांच में कई लोगों की गलती पाई गई थी. उन सभी पर कार्रवाई की गई है. साथ ही समाज कल्याण विभाग के एडीओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी शासन को लिखा गया है. इसके अलावा बीडीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है यदि उनके खिलाफ भी जांच में कोई तथ्य सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी.

मामले में पहली कार्रवाई तब हुई जब एडीओ समाज कल्याण चंद्रभान सिंह ने बहन के साथ शादी रचाने वाले युवक के खिलाफ टूंडला कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने पूरे मामले की जांच के आदेश भी दिए थे. मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ ने बताया कि ग्राम पंचायत मरसेना के सचिव कुशल पाल सिंह, घड़ी घिरौली के सचिव अनुराज, मरसेना के सफाई कर्मचारी फिरोज को निलंबित कर दिया गया है.

इन सचिवों पर लाभार्थियों का सत्यापन न करने का आरोप है, जबकि सफाई कर्मचारी फिरोज पर आरोप है कि एक फर्जी जोड़े की शादी में इसकी मिलीभगत रही थी. सीडीओ ने बताया कि सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण चंद्रभान सिंह और सहकारिता विभाग के एडीओ सुधीर कुमार पर क्रॉस चैक न करने, मामले में लापरवाही बरतने का आरोप है. इस मामले में सोनू टेलर और फिरोज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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