फिरोजाबाद: जनपद में तीन साल की एक मासूम बच्ची ने मौत को भी मात दे दी. यहां बच्ची को तीन दिन बाद एक सूखे कुएं से मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. भूख और प्यास भी बच्ची का कुछ नहीं बिगाड़ सकी. तीन दिन बाद अपने जिगर के टुकड़े को सही सलामत देख कर परिजन काफी खुश हैं.
नगला सिंघी थाना क्षेत्र के गांव बांस दानी निवासी देवेन्द्र सिंह की तीन साल की बेटी प्रेमलता 23 अक्टूबर की शाम को छह बजे अचानक से लापता हो गई थी. बच्ची के चाचा महेंद्र सिंह ने थाना नगला सिंघी में गुमशुदगी भी दर्ज कराई. पुलिस ने बालिका की गुमशुदगी का केस दर्ज कर उसकी तलाश भी शुरू की. पुलिस और परिजनों ने आसपास बाजरे के खेत में बच्ची की तलाश शुरू की. साथ ही गांव के बाहर नाले को पम्प सेट के जरिये खाली कराया, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं लगा.
परिजन बच्ची की तलाश कर रहे थे तभी मंगलवार को गांव के बाहर एक सूखे कुएं में कुछ बालक झांक रहे थे. तभी उन्हें ऐसा अहसास हुआ कि इस कुएं में बच्ची है, इसके बाद उन्होंने गांव के लोगों को सूचना दी. सूचना पर पहुंचे परिजनों ने ग्रामीण और पुलिस की मदद से बच्ची को कुंए से बाहर निकालकर टूण्डला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया (Innocent girl came out of well) है. 23 से लेकर 25 अक्टूबर तक बच्ची भूखी प्यासी रही कुंए के अंदर पड़ी रही. तीन दिन बाद बिल्कुल सुरक्षित बाहर निकलने से लोग हैरत में हैं. लोग इस बात को कुदरत का करिश्मा बता रहे हैं. बेटी के लापता हो जाने से जहां परिजन दिवाली का त्यौहार नहीं मना सके थे. वह अपनी लाड़ली बिटिया को सुरक्षित पाने से काफी खुश हैं.
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